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25 Dec 2024, Wed

कांग्रेस-लेफ्ट की सयुंक्त रैली में लाखों की भीड़ जुटने का दावा करने वाली तस्वीर दो वर्ष पुरानी है

 

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रविवार को कांग्रेस, लेफ्ट और इंडियन सेकुलर फ्रंट की सयुंक्त रैली आयोजित की गयी। कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में हो रही इस रैली में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, पीरजादा अब्बास सिद्दीकी सहित कई नेता शामिल हुए। सोशल मीडिया में कई यूजर्स कुछ तस्वीरों को इस रैली से जोड़कर साझा कर रहे हैं। हालाँकि पड़ताल में यह तस्वीर दो साल पुरानी निकली है।


कांग्रेस आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक सरल पटेल ने ट्विटर पर दो तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा कि कोलकाता में ब्रिगेड ग्राउंड में कॉन्ग्रेस पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी – मार्क्सवादी की संयुक्त रैली में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था। इन तस्वीरों ने पश्चिम बंगाल में लोगों का गुस्सा साफ़ नजर आ रहा है। यह तस्वीर निश्चित रूप से दिल्ली के साथ-साथ कोलकाता में भी शासकों की रातों की नींद हराम कर देगी। कॉन्ग्रेस आईटी सेल के राष्ट्रीय सह-समन्वयक विनय कुमार डोकानिया ने
भी इन्ही तस्वीर को शेयर करते हुए यह दावा किया कि यह संयुक्त रैली की है।

कांग्रेस पार्टी की मीडिया पैनलिस्ट और यूपी कांग्रेस कमिटी की सोशल मीडिया विंग की उपाध्यक्ष पंखुड़ी पाठक ने दो तस्वीरों को साझा किया है। छत्तीसगढ़ के कसडोल इलाके से कांग्रेस की विधायक शंकुतला साहू ने इन्ही दो तस्वीरों का इस्तेमाल करते हुए लिख, ‘आज बंगाल में कांग्रेस गठबंधन के रैली में उमड़ा जनसैलाब, बंगाल में होने वाले बदलाव का गवाह बनेगाl’

 

कांग्रेस पार्टी के ‘दलित कांग्रेस‘ नाम के अकाउंट ने दो तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा कि यह तस्वीर निश्चित रूप से दिल्ली के साथ-साथ कोलकाता में भी शासकों की रातों की नींद हराम कर देगी। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार पंकज पचौरी ने दो तस्वीरों का इस्तेमाल करते हुए भारी भीड़ जुटने का दावा किया।


इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय, पश्चिम बंगाल अकाउंट, कांग्रेस पार्टी के सोशल मीडिया चेयरमेन रोहन गुप्ता ने भी वायरल एक तस्वीर के साथ कुल चार तस्वीरों को साझा किया है। इससे पहले पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अकाउंट से वायरल तस्वीर साझा की गयी थी लेकिन बाद में इसे डिलीट कर दिया गया।


क्या है हकीकत? 

सोशल मीडिया में साझा की गयी दो तस्वीरों को रिवर्स में सर्च करने पर पता चलता है कि यह तस्वीर दो वर्ष पुरानी हैं। सीपीआईएम के साप्ताहिक समाचार पत्र पियूप्ल डेमोक्रेसी ने इस तस्वीर को 3 फरवरी 2019 को साझा किया था। पियूप्लस डेमोक्रेसी बेबसाईट के मुताबिक यह तस्वीर 2019 लोकसभा चुनाव की रैली की है।

 

वेबसाइट पर प्रकाशित तस्वीर के साथ वायरल तस्वीर की तुलना में भीड़, खाली जगह, टेंट में समानताएं नजर आ रही हैं हालाँकि वर्तमान में वायरल की गयी इस तस्वीर में फिल्टर इस्तेमाल जरुर किया गया है।

वायरल तस्वीर

 

फोटो बेबसाईट आलमी की स्टॉक गैलरी में भी यह तस्वीर उपलब्ध है। कैप्शन के अनुसार, यह तस्वीर 3 फरवरी, 2019 को ली गई थी। ऐसी ही एक बेबसाईट इंडिया कंटेंट पर भी यह तस्वीर मौजूद है, यहाँ भी इसे 3 फरवरी 2019 का बताया गया है।


सीपीआईएम बंगाल के ट्विटर अकाउंट ने इस तस्वीर को साझा करते हुए अपनी रैली का जिक्र किया था।

“You can cut all the flowers but you cannot keep Spring from coming.”

A bird eye view of last year Birgade Rally at #Kolkata #LalSalaamComrade pic.twitter.com/EmuvpqaiXI

— CPI(M) WEST BENGAL (@CPIM_WESTBENGAL) June 10, 2020

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय और पश्चिम बंगाल ट्विटर अकाउन्ट्स से कुल चार
तस्वीरें साझा हुई हैं जिनमे तीन तस्वीरें तो रविवार को हुई सयुंक्त रैली
की है लेकिन एक तस्वीर दो वर्ष पुरानी है। हैरानी की बात है कि रविवार को
चुनावी सभा की तस्वीर और दो वर्ष पुरानी तस्वीर में खासा अंतर है, उसके बावजूद दोनों को एक साथ साझा किया गया है।

रविवार रैली की तस्वीर

वायरल पुरानी तस्वीर

 

इससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस पार्टी आईटी सेल भ्रामक तस्वीरों को
गलत तरीके से दावा कर रही थी कि कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में कॉन्ग्रेस और
वाम दलों की तथाकथित संयुक्त रैली में भारी संख्या में कार्यकर्ता शामिल
हुए थे।

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