भारत में ताइवान को लेकर बढ़ता समर्थन देख चीन बौखलाया गया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के संपादक ने सीधी धमकी दी है कि अगर भारतीय शक्तियां ताइवान को लेकर खेलती हैं तो चीन पूर्वोत्तर को भारत से अलग करने की कार्रवाई कर सकता है। दरअसल, चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और एक अलग देश के तौर पर मान्यता नहीं देता है। साथ ही दुनिया से ऐसी उम्मीद रखता है कि ताइवान को चीन का ही एक हिस्सा मानें।
ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू शिजिन ने ट्वीट किया है, ‘भारत की सामाजिक ताकतें ताइवान के मुद्दे पर खेल रही हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि हम उत्तरपूर्व भारत में अलगाववादी ताकतों का समर्थन कर सकते हैं और सिक्किम को अलग कर सकते हैं। इन तरीकों से हम जवाबी कदम उठा सकते हैं। भारतीय राष्ट्रवादियों को अपने बारे में सोचना चाहिए। उनका देश नाजुक है।’
While Indian social powers play with the Taiwan question, they must know that we could support separatist forces in northeast India and restoration of Sikkim. These could be our potential retaliation cards. Indian nationalists should be self-conscious. Their country is fragile. pic.twitter.com/GuOR8bBs1T
गौरतलब है कि इंडिया टुडे ने ताइवान के विदेश मंत्री जोसफ वू का इंटरव्यू किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि ताइवान कभी चीन का हिस्सा नहीं रहा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ताइवान के अस्तित्व को स्वीकार करने की भी अपील की थी।
ताइवान के विदेश मंत्री जोसफ वू ने कहा कि दुनिया के इस हिस्से में सिर्फ ताइवान को चीन से परेशानी नहीं है, जापान को ईस्ट चाइना सी में दिक्कत हो रही है जहां समुद्र में चीन घुसपैठ कर रहा है, वहीं दक्षिण चीन सागर के पास देशों को भी परेशानी हो रही है। भारत-चीन सीमा के पास भी विवाद चल रहा है। उन्होंने कहा कि हम सब एक ही मुद्दे के सामाना कर रहे हैं और वह है चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी का विस्तारवाद।
जोसफ ने कहा कि ताइवान UN, WHO ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय समुदाय में सहयोग की भूमिका निभाना चाहता है। उन्होंने कहा कि पब्लिक हेल्थ में हमारे पास अनुभव है और महामारी के दौरान हमने दूसरे देशों को सहयोग दिया है। उन्होंने बताया कि भारत के अस्पतालों के साथ भी काम किया गया। जोसफ ने कहा कि चीन ताइवान को धमका रहा है।
इसके बाद भारत में चीन के दूतावास ने आपत्ति जताई थी और कहा था कि ताइवान को मंच दिए जाने से वन-चाइना पॉलिसी का उल्लंघन हुआ है। इससे पहले ग्लोबल टाइम्स नई दिल्ली में चीनी दूतावास के बाहर दिल्ली बीजेपी के नेता तजिंदर बग्गा के ताइवान नैशनल डे के पोस्टर लगाने पर भी भड़क उठा था। ग्लोबल टाइम्स ने कहा था कि यह आग से खेलने जैसा काम है और इससे पहले से खराब चल रहे भारत-चीन संबंध और ज्यादा खराब होंगे। चीनी अखबार ने कहा कि भारत की सत्तारूढ़ बीजेपी मूर्खों जैसा व्यवहार छोड़े और यह समझे कि वह आग से खेल रही है।
ताईवान के ‘नेशनल डे’ पर चीनी दूतावास ने भारतीय मीडिया को एक खुला पत्र लिखा था, जिसमें उसकी ओर से कहा गया कि मीडिया ताइवान के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर जश्न को ज्यादा महत्व न दे और इसका कवरेज चीन के हिसाब से करें।
चीनी दूतावास की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया, ताइवान के ‘तथाकथित राष्ट्रीय दिवस’ के बारे में, चीनी दूतावास भारत में हमारे मीडिया मित्रों को याद दिलाना चाहता है कि दुनिया में केवल एक चीन है और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना एकमात्र वैध सरकार है जो पूरे चीन का प्रतिनिधित्व कर रही है। ताइवान, चीन के क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है।
”वन-चाइना’ पॉलिसी के लिए ‘प्रतिबद्धता’ का सम्मान करने के लिए भारत को संबोधित करते हुए पत्र में कहा गया, ‘इन तथ्यों को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव द्वारा मान्यता प्राप्त है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सार्वभौमिक सर्वसम्मति है। चीन के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले सभी देशों को वन-चाइना नीति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करना चाहिए, जो कि भारत सरकार की लंबे समय से चली आ रही आधिकारिक स्थिति है।’