सोशल मीडिया में एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आजाद के हमलावरों को दो दिन में जमानत मिल गयी है। हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा गलत है और वायरल वीडियो काफी पुराना है।
कांग्रेस समर्थक मनीष कुमार ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि दलितों ओबीसी तुम सिर्फ BJP सरकार में कीड़े मकोड़े हो तुम्हरी हत्या भी जाए तो न्यायालय हो या प्रशासन फर्क नही पड़ता। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर जानलेवा हमले के चारों आरोपियों को सिर्फ 2 दिन में ही बेल मिल गई। फैसला आपको करना है कट्टर हिन्दू बनना है या इंसान,
दलितों ओबीसी तुम सिर्फ BJP सरकार में कीड़े मकोड़े हो तुम्हरी हत्या भी जाए तो न्यायालय हो या प्रशासन फर्क नही पड़ता
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर जानलेवा हमले के चारों आरोपियों को सिर्फ 2 दिन में ही बेल मिल गई।।
फैसला आपको करना है कट्टर हिन्दू बनना है या इंसान,, pic.twitter.com/CFV7dGSykJ
— Mαɳιʂԋ Kυɱαɾ αԃʋσƈαƚҽ 🇮🇳🇮🇳 (@manishkumarttp) July 4, 2023
भीम आर्मी के कार्यकर्त्ता रुबैल आजाद ने लिखा कि देख सकते हो आप सब जिन्होंने भाई चंद्रशेखर आज़ाद पर गोली चलाई थी। उनको मात्र 2 दिन में बेल मिल गई अब आप देख सकते हो समझ जाओ। कोई यहाँ न्याय की बात करने वाला नहीं है। ख़ुद अपने हाथो में दुम रखो क्योंकि अब ये समय है। ख़ुद की लड़ाई ख़ुद लड़ने कि। समझदार को इशारा काफ़ी है।
इसके अलावा मोहम्मद जियाउद्दीन खान, एकलव्य सिंह समेत कई यूजर्स इसी तरह का दावा कर रहे हैं।
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमे वायरल वीडियो इन्स्टाग्राम पर मिला। दिग्विजय राना नाम के एक शख्स ने इस वीडियो को 3 जून 2023 को अपलोड किया था।
पड़ताल में हमे यह भी पता चला कि भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर आजाद पर 28 जून 2023 को हमला हुआ था। पुलिस ने इस घटना का 2 जुलाई को खुलासा कर दिया था। जाहिर है कि वायरल वीडियो चंद्रशेखर आजाद पर हमले से पहले का है। हमे चंद्रशेखर आजाद के हमलावरों को जमानत मिलने जैसी कोई खबर भी मीडिया में नहीं मिली।
#SaharanpurPolice #WellDoneCops
➡️दिनांक 28.06.2023 को देवबन्द मे चन्द्रशेखर आजाद पर फायरिंग करने वाले 04 अभियुक्त गिरफ्तार‼️
➡️@dgpup महोदय द्वारा 72 घण्टे मे सफल अनावरण करने
वाली सहारनपुर पुलिस की टीम को 50000/- रूपये का पुरूष्कार‼️#UPPolice pic.twitter.com/ewdGJ8X3zP— Saharanpur Police (@saharanpurpol) July 2, 2023
निष्कर्ष: चंद्रशेखर आजाद पर 28 जून को हमला हुआ था जबकि वायरल वीडियो उससे पहले से सोशल मीडिया में मौजूद है।
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