सोशल मीडिया में पत्रकार साक्षी जोशी का ट्विट वायरल है। इस ट्विट में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आलोचना की गयी है हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि मृतक शख्स मध्यप्रदेश नहीं, महाराष्ट्र के रहने वाले थे। साक्षी जोशी ने फ़िलहाल इस ट्विट को डिलीट कर दिया है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक ट्विट में लिखा, ”मैं 85 वर्ष का हो चुका हूँ, जीवन देख लिया है, लेकिन अगर उस स्त्री का पति मर गया तो बच्चे अनाथ हो जायेंगे, इसलिए मेरा कर्तव्य है कि मैं उस व्यक्ति के प्राण बचाऊं।” ऐसा कह कर कोरोना पीडित आरएसएस के स्वयंसेवक श्री नारायण जी ने अपना बेड उस मरीज़ को दे दिया।” उन्होंने आगे लिखा, ”दूसरे व्यक्ति की प्राण रक्षा करते हुए श्री नारायण जी तीन दिनों में इस संसार से विदा हो गये। समाज और राष्ट्र के सच्चे सेवक ही ऐसा त्याग कर सकते हैं, आपके पवित्र सेवा भाव को प्रणाम। आप समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं। दिव्यात्मा को विनम्र श्रद्धांजलि। ॐ शांति!”
दूसरे व्यक्ति की प्राण रक्षा करते हुए श्री नारायण जी तीन दिनों में इस संसार से विदा हो गये।
समाज और राष्ट्र के सच्चे सेवक ही ऐसा त्याग कर सकते हैं, आपके पवित्र सेवा भाव को प्रणाम!
आप समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं। दिव्यात्मा को विनम्र श्रद्धांजलि। ॐ शांति!
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 27, 2021
इस ट्विट के सामने आने के बाद कई लोगों ने नारायण को बैड की व्यवस्था न देने पर शिवराज सिंह चौहान की आलोचना की है। पत्रकार साक्षी जोशी ने शिवराज सिंह चौहान के ट्विट को रिट्विट करते हुए लिखा, ”दिल से सलाम और सम्मान आरएसएस के स्वयंसेवक श्री नारायण जी के लिए पर आपके लिए नहीं शिवराज जी। वजह आप समझ गए होंगे। सीएम हैं आप और आपके सिस्टम के कारण नारायण जी को ऐसा फैसला करना पड़ा। स्वयंसेवक तो आप भी रहे होंगे, पद मिल गया तो कर्तव्य भूल गए। नारायण जी को मेरा नमन।” हालाँकि कुछ देर बाद पत्रकार साक्षी जोशी ने अपना ट्विट हटा दिया लेकिन तब तक कई लोगों ने इसका स्क्रीनशॉट ले लिया।
The incident happened in #Nagpur which is under MVA but @sakshijoshii has to blame the BJP and BJP Governments. pic.twitter.com/bJd0hY3yPm
— SuperStar Raj 🇮🇳 (@NagpurKaRajini) April 28, 2021
एक यूजर ने साक्षी के ट्विट को कोट-रिट्विट किया है। एक यूजर अमर ने लिखा, ‘ये ट्वीट डिलीट होगा। क्योंकि स्पाईन वाली पत्रकार साक्षी मैडम को जैसे ही पता चलेगा की मामला ठाकरे के अंदर मे आता है वैसे ही या तो ये ट्वीट डिलीट करेंगी या फिर इसका ठीकर केंद्र पर फोडेंगी। साक्षी जोशी मैम। हिम्मत है तो मुझे गलत साबित करिये।
ये ट्वीट डिलीट होगा। क्युकी स्पाईन वाली पत्रकार साक्षी मैडम को जैसे ही पता चलेगा की मामला ठाकरे के अंदर मे आता है वैसे ही या तो ये ट्वीट डिलीट करेंगी या फिर इसका ठीकर केंद्र पर फोडेंगी। @sakshijoshii मैम। हिम्मत है तो मुझे गलत साबित करिये।🙏#Maharashtra https://t.co/ClpWMWhmpH
— Amar (@amaritesh) April 28, 2021
शिवराज सिंह चौहान के ट्विट पर एक यूजर सुहाष ने लिखा, ‘शर्म करो साहब, जिस देश में एक रुग्ण की जिंदगी बचाने हेतु एक बुजुर्ग अपना अस्पताल का बेड त्याग मृत्यु की शरण में गया। इस त्याग को नमन। राज्य का मुखिया इस त्याग को नमन करे यह ठीक लेकिन बुजुर्ग को इलाज उपलब्ध न कर सके इसलिए अपनी नाकामयाबी पर दुःख व्यक्त करता दिखाई देना चाहिए।’
प्रकाश ने लिखा, ‘आपको इस पर भी दुःख और पश्चाताप होना चाहिए कि उस वृद्घ को आप वैकल्पिक बिस्तर न दे सके। उनकी और उन जैसे बहुत से लोगों की जान न बचा सकने का आपको पछतावा होना चाहिए।’ आयुष ने लिखा, ‘लेकिन मुख्यमंत्री जी आपको नहीं लगता कि ये घटना आपके लिए शर्म की बात है। एक 85 वर्ष के बुजुर्ग के लिए अस्पताल में बेड की व्यवस्था नहीं कर पाए आप! कुछ तो शर्म किया करो यार आप लोग। किसी की जान गई उसको भी भुनाने में लगे हो। ऐसा त्याग आप सभी नेता लोग अवश्य करें, थोड़ी तसल्ली मिलेगी।’
एक यूजर मानव आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए लिखा, ‘ये त्याग नहीं गेर इरादतन हत्या है कंस शवराज बेशर्म तुझे ये बताते हुए लाज नहीं आई ये व्यवस्था पर गंभीर सवाल है। तुम साले मोदी गैंग वाले गिद्ध, चुनाव के लिए ही जी रहे हो तुम्हारl जीवन का एक मात्र लक्ष यही रह गया है डूब मारो मुट्ठी भर पानी में।’
क्या है हकीकत?
दरअसल 85 वर्षीय नारायण भाऊराव दाभाडकर कोरोना संक्रमित हो गए थे। उनका ऑक्सीजन लेवल घटकर 60 तक पहुंच गया था। इसके बाद उन्हें काफी मशक्कत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस बीच, एक महिला रोती हुई आई, जो अपने 40 वर्षीय पति को लेकर अस्पताल लाई थी। महिला अपने पति के लिए बेड की तलाश में कर रही थी। महिला की पीड़ा देखकर नारायण ने डॉक्टर से कहा, ‘मेरी उम्र 85 साल पार हो गई है। काफी कुछ देख चुका हूं, अपना जीवन भी जी चुका हूं। बेड की आवश्यकता मुझसे अधिक इस महिला के पति को है। उस शख्स के बच्चों को अपने पिता की आवश्यकता है। वरना वे अनाथ हो जाएंगे। इसके बाद नारायण ने अपना बेड उस महिला के पति को दे दिया।
उनके आग्रह को देख अस्पताल प्रशासन ने उनसे एक कागज पर लिखवाया, ‘मैं अपना बेड दूसरे मरीज के लिए स्वेच्छा से खाली कर रहा हूं।’ दाभाडकर ने स्वीकृति पत्र भरा और घर लौट गए। कोरोना पीड़ित नारायण की घर पर ही देखभाल की जाने लगी, लेकिन तीन दिन बाद उनकी मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, नारायण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे।
लेकिन नारायण भाऊराव दाभाडकर मध्यप्रदेश के नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले थे। उनके निधन पर मध्यप्रदेश प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संवेदनाएं व्यक्त की तो एक जिम्मेदार पत्रकार सहित आम लोग भी नारायण को बैड न दिलाने को लेकर शिवराज सरकार की आलोचना करने लगे। जबकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हैं।