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24 Dec 2024, Tue

गौमूत्र पीने और दलितों के साथ भेदभाव की वजह हिंदू धर्म छोड़ने का दावा गलत है

सोशल मीडिया पर एक महिला की तस्वीर को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि उन्होंने इस्लाम सिर्फ इसलिए अपनाया क्योंकि हिंदू गौ मूत्र पीते हैं और दलितों के साथ भेदभाव करते हैं। हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा गलत है।  

एक कट्टरपंथी यास्मीन खान ने इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा कि इस्लाम से अच्छा ओर सच्चा मजहब ना हे ओर ना ही होगा ……

इस्लाम से अच्छा ओर सच्चा मजहब ना हे ओर ना ही होगा …… pic.twitter.com/uVDAmNLkVa

— Yasmeen Khan (@YasmeenKhan_786) July 9, 2023

IND story’s ने ट्वीट कर लिखा कि इस्लाम से अच्छा ओर सच्चा मजहब ना हे ओर ना ही होगा ……

इस्लाम से अच्छा ओर सच्चा मजहब ना हे ओर ना ही होगा …… pic.twitter.com/c0ovaYtVxE

— IND Story’s (@INDStoryS) July 9, 2023

कांग्रेस समर्थक जाकिर खान ने महिला की तस्वीर को ट्वीट कर लिखा कि गाय का मूत्र पी सकते है लेकिन दलित के हाथ से पानी नहीं, इसीलिए मेने हिन्दू धर्म छोड़ इस्लाम कुबूला सही किया ये ढोंगी है गाय का मूत्र अमृत है

क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने महिला की तस्वीर को गूगल पर रिवर्स सर्च किया तो महिला की यह तस्वीर में हिंदुस्तान टाइम्स पर प्रकाशित एक आर्टिकल में मिली। जनवरी, 2015 में प्रकाशित इस आर्टिकल के मुताबिक झारखंड की राजधानी रांची की इस महिला का नाम जया भंडारी है। जया ने अपने पति वकार दानिश अनवर और उनके परिवार द्वारा मारपीट करने और जबरन धर्मांतरण करवाने के बाद FIR दर्ज की थी।

Hindustan Times

इस मामले में सम्बंधित एक आर्टिकल News18 ने भी प्रकाशित किया है। जया के मुताबिक उसने अपने पति से साफ कहा था कि वह हिन्दू है और मुस्लिम धर्म नहीं अपनाएगी। लेकिन 31 दिसंबर 2013 को जबरदस्ती उसका धर्म परिवर्तन कराया गया। साथ ही मौलवी के जरिए उसके घर में निकाह कराकर उसे जया से जोया अनवर नाम दे दिया गया। इसका विरोध करने में मुझे एक कमरे में बंद कर प्रताड़ित किया जाने लगा। 

हमे एक बेबसाईट INext की रिपोर्ट भी मिली जिसमे बताया गया है कि  शादी के बाद जबरन धर्म परिवर्तन और दहेज प्रताड़ना मामले में नामकुम थाना पुलिस ने जया भंडारी के पति वकार दानिश अनवर और ससुर अनवरूल हक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं, जया भंडारी के बयान पर पुलिस ने आरोपियों पर कांड संख्या 715 के तहत भादवि 498ए, 153ए, 295ए, 323, 341, 34 आईपीसी, 3, 4 डौरी प्रिवेंशन एक्ट में प्राथमिकी दर्ज की है।  

निष्कर्ष: पड़ताल में हमने पाया कि हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम अपनाने के दावे के साथ जिस महिला का फोटो शेयर किया जा रहा है वह असल में जबरन धर्मांतरण की शिकार हैं। उसकी तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

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