सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल है। इस वीडियो में एक युवक को जूते से पानी पिलाया जा रहा है। लोगों का दावा है कि दलित जाति के युवक को ऊँची जाति के लोगों ने जूते से पानी पिलाया है। हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा गलत है।
भीम आर्मी के नेता कनिष्क सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि हिन्दू धर्म मे पैदा होने वाले जो अपने आप को ऊंची जाती का मानते हैं और अपने समाज को सभ्य सामाज कहते हैं। ऐसे लोगो के दिमाग मे दीमक लगा पड़ा है, हज़ारों साल से। यह इसका treatment भी नहीं कराना चाहते हैं। जिसके कारण पूरा देश नफरत की आग मे झुलस रहा है। इंसान को इंसान नहीं समझते।
हिन्दू धर्म मे पैदा होने वाले जो अपने आप को ऊंची जाती का मानते हैं और अपने समाज को सभ्य सामाज कहते हैं। ऐसे लोगो के दिमाग मे दीमक लगा पड़ा है, हज़ारों साल से। यह इसका treatment भी नहीं कराना चाहते हैं।😡
जिसके कारण पूरा देश नफरत की आग मे झुलस रहा है। इंसान को इंसान नहीं समझते। pic.twitter.com/riYCOP0ERc— Kanishk Singh (@kanishksinghASP) August 23, 2022
प्रोपेगेंडा हैंडल ‘साउथ एशियन ह्यूमन राइट्स वाच’ ने ट्वीट कर लिखा कि भारत में दलित समुदाय की दुर्दशा चिंता का कारण बनी हुई है, क्योंकि जाति-आधारित भेदभाव और हिंसा की घटनाएं खतरनाक आवृत्ति के साथ होती रहती हैं।
The plight of the Dalit community in India continues to be a cause for concern, as incidents of caste-based discrimination and violence continue to occur with alarming frequency. pic.twitter.com/f08maHXhd1
— South Asian Human Rights Watch (@SAHR_Watch) April 4, 2023
क्या है हकीकत? वायरल वीडियो की पड़ताल में राजस्थान पुलिस का एक ट्वीट मिला। राजस्थान पुलिस के मुताबिक वीडियो में दलित के साथ ज्यादती का दावा सरासर गलत है, दोनों पक्ष एक ही समुदाय से संबंधित हैं। यह वीडियो साल 2020 का है, मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।
#सोशल_मीडिया पर #Viral हो रहा यह वीडियो #Fake है।
#Video में दलित के साथ ज्यादती का किया गया है दावा।यह सरासर गलत है, दोनों पक्ष एक ही समुदाय से संबंधित हैं।
यह वीडियो साल 2020 का है, मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। #RajasthanPolice#StopFakeNews pic.twitter.com/Rfs1uea46l
— Rajasthan Police (@PoliceRajasthan) August 23, 2022
इसके बाद हमे 16 जून 2020 को प्रकाशित दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक, घटना राजस्थान के पाली ज़िले के सुमेरपुर की है। युवक का गांव की विवाहित महिला से प्रेम-प्रसंग होने की आशंका की वजह से 11 जून को इसे अगवा कर सिरोही के सुपरणा (सरदारपुरा) गांव में लाया गया था। वहां पर आरोपियों ने लड़के की पिटाई की।उन्होंने इस लड़के को ज़बरदस्ती शराब की बोतल से पेशाब पिलाया। इतना ही नहीं लड़के को जूते में पानी भर कर भी पिलाया गया।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट |
दैनिक भास्कर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि आरोपियों ने लड़के के भाई-चाचा को वहां पर बुलाकर उन्हें रात भर पेड़ से बांधकर रखा। उन्होंने लड़के से 5 हज़ार रुपये भी लिए। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने 15 जून को इस मामले में शिकायत दर्ज की। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपी लक्ष्मणराम देवासी, जवानाराम, भीमाराम, नवाराम व दरगाराम देवासी काे गिरफ्तार किया। पुलिस ने एक नाबालिग अपराधी को भी कस्टडी में लिया था।
17 जून 2020 की पत्रिका की रिपोर्ट में पीड़ित लड़के का नाम कालूराम देवासी बताया गया है। पाठक ध्यान दें कि आरोपियों में से कुछ आरोपी और पीड़ित युवक, दोनों ही देवासी जाति के हैं।
निष्कर्ष: युवक को जूते से पानी पिलाने का मामला प्रेम प्रसंग का है, आरोपी और पीड़ित एक ही जाति से हैं।
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