सोशल मीडिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक 9 सेकेंड्स का वीडियो शेयर किया जा रहा है। इस वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि हम मानने को तैयार नहीं हिंदू एक धर्म है। हालाँकि पड़ताल में पता चलता कि यह वीडियो अधूरा है।
नेशनल यूथ कांग्रेस के प्रेसिडेंट श्रीनिवास बीवी ने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा कि हम मानने को तैयार नही की हिंदू एक ‘धर्म’ है – श्री श्री श्री नरेंद्र मोदी।
हम मानने को तैयार नही की हिंदू एक ‘धर्म’ है – श्री श्री श्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/Qb0CjvkedX
— Srinivas BV (@srinivasiyc) September 10, 2022
श्रीनिवास के अलावा कांग्रेस नेता सुरेन्द्र राजपूत, बिहार कांग्रेस, पश्चिम बंगाल यूथ कांग्रेस, पंजाब यूथ कांग्रेस ने इसी दावे के साथ वीडियो को शेयर किया है।
क्या है हकीकत: पड़ताल में हमने सबसे पहले देखा कि वीडियो में ‘Frankly Speaking with Arnab Goswami’ लिखा हुआ है। जिसके बाद हमने इसी कीबर्ड्स के साथ नरेंद्र मोदी का पत्रकार अर्नब गोस्वामी के साथ इंटरव्यू सर्च किया। हमें यह वीडियो टाइम्स नाउ चैनल के यू-ट्यूब चैनल पर मिला, यह वीडियो 9 मई 2014 का है।
1 घंटे 27 मिनट की इस वीडियो में 19वें मिनट पर अर्णव उनसे सवाल पूछ रहें है कि बीजेपी के घोषणापत्र में लिखा है कि प्रताड़ित हिन्दुओं को भारत में रहने की जगह मिलनी चाहिए। मेरा प्रश्न है कि केवल प्रताड़ित हिन्दुओं को ही शामिल क्यों किया गया है? बौद्ध, सिख, जैन, मुसलमान या ईसाई क्यों नहीं?
इसके जवाब में नरेंद्र मोदी कहते हैं कि हम मानते हैं कि इस देश में पले बढे सभी हमारे ही लोग हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक हिंदू एक धर्म नहीं है, हिन्दू जीवन जीने की एक शैली है, आप धर्म की बात कर रहे हैं, हम सुप्रीम कोर्ट के हिसाब से चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के हिसाब से हिंदू जीवन शैली है और उसमें न तो सिख का विरोध है न ही बौद्ध का।
मोदी ने आगे कहा कि आज भी केरल में ईसाई संप्रदाय के लोग इसी हिसाब जीवन जीते हैं। उन्होंने कहा कि हम मानने को तैयार नहीं हैं कि हिंदू धर्म है, हिंदू एक जीवन जीने की शैली है। पीएम मोदी के इसी वक्तव्य के एक हिस्से को एडिट किया गया है।
निष्कर्ष: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अर्नब गोस्वामी के साथ इंटरव्यू के एक हिस्से को एडिट कर शेयर किया गया है। नरेंद्र मोदी यहाँ हिंदू धर्म को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का जिक्र कर रहे थे।