सोशल मीडिया में पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति की फोटो साझा की जा रही है। लोग दावा कर रहे हैं कि यह शख्स असम कांग्रेस का नेता अमजात अली है। पुलिस ने अमजात के पास से हथियार और गोलियां बरामद की हैं। इस दावे के साथ एक दूसरी फोटो भी शेयर की जा रही है। जिसमें सेब की पेटी के अंदर से बरामद किए गए बम दिख रहे हैं। हालाँकि पड़ताल में दोनों ही दावे फर्जी पाए गए हैं।
क्या है मामला?
राहुल रघुवंशी नाम के एक ट्विटर यूजर ने पुलिस हिरासत में खड़े एक शख्स की फोटो साझा की है, साथ में एक फोटो और भी है जिसमे फल और बम नजर आ रहे हैं। राहुल ने लिखा है कि असम के कांग्रेस नेता अमजात अली सेब की पेटी में हथियार और गोलियों के साथ हिरासत में। काफिरों को मारने का कर रहा था प्लान पुलिस ने दबोचा। उमाशंकर ने भी इन्ही दो फोटो को साझा करते हुए लिखा है कि असम के कांग्रेस नेता अमजात अली सेब की पेटी में हथियार और गोलियां के साथ हिरासत में लिए गए।हिंदुओं से भाईचारा निभाने का प्लान था बस पुलिस ने सब गड़बड़ कर दी।
क्या है सच्चाई?
पुलिस हिरासत में खड़े शख्स की तस्वीर को गूगल पर रिवर्स सर्च करने पर बांग्ला भाषा में लिखे एक ब्लॉग मिलता है, इस तस्वीर का इस्तेमाल यहाँ हुआ है। ब्लॉग 2018 में लिखा है, जिससे स्पष्ट है कि वायरल फोटो 2 साल पहले की है। वहीं इस ब्लॉग को ट्रांसलेट करने पर पता चलता है कि फोटो से जुड़ा पूरा घटनाक्रम समझने के लिए हमने ब्लॉग को गूगल ट्रांसलेटर की मदद से इंग्लिश में ट्रांसलेट किया। जिससे पता चलता है कि पुलिस हिरासत में खड़े शख्स का नाम मुबारक हुसैन है। ब्लॉग के मुताबिक मुबारक एक मदरसा टीचर है, जिसे नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
पीड़िता ने दुष्कर्म के बाद आत्महत्या कर ली थी। इस ब्लॉग की पुष्टि के लिए मीडिया रिपोर्ट्स खंगालने पर The Daily Star की वेबसाइट भी यही खबर मिलती है, इसे 6 मई, 2018 को प्रकाशित किया गया था। इससे स्पष्ट है कि पुलिस हिरासत में खड़ा शख्स कांग्रेस नेता अमजात अली नहीं, बांग्लादेश का मदरसा टीचर मुबारक है। फोटो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
वहीं दूसरी तस्वीर की सत्यता खंगालने पर हमें जम्मू कश्मीर पुलिस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर यह फोटो मिलती है, इस तस्वीर को 2 साल पहले 29 अक्टूबर, 2018 को ट्विट किया गया था। जिसके मुताबिक श्रीनगर में तीन संदिग्ध आतंकियों के पास से पुलिस ने सेब की पेटी में छुपाकर रखे यह बम बरामद किए थे।
A brief exchange of fire on the outskirts of Srinagar city. Three suspected militants arrested among them one is injured.Arms and ammunition recovered. Investigations started. pic.twitter.com/lT9AoRnu5H
— J&K Police (@JmuKmrPolice) October 29, 2018
निष्कर्ष: इस पड़ताल में पता चलता है कि इन दोनों तस्वीरों का आपस में कोई संबंध नहीं है। पहली तस्वीर में पुलिस हिरासत में खड़ा शख्स कांग्रेस नेता नहीं बल्कि बांग्लादेश का मदरसा शिक्षक है। वहीं दूसरी तस्वीर में जब्त किए गए बम जम्मू कश्मीर के हैं। सोशल मीडिया में इन दोनों तस्वीरों को किया जा रहा दावा फर्जी है।