बीते दिनों देश के अलग अलग हिस्सों में रामनवमी और हनुमान जन्मोत्सव की शोभायात्रा पर पथराव हुआ जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। इस बीच सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल है जिसमे कुछ युवक एक ट्रेन पर पत्थर बरसा रहे हैं। इस वीडियो से अप्रत्यक्ष तौर पर मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधते हुए सांप्रदायिक दावा किया जा रहा है।
यूजर मयंक उपाध्याय ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि ट्रेन के हॉर्न से इनको दिक्कत हो रही थी नमाज पढ़ने में इसलिए पत्थर फेंक रहे है। एक दूसरे यूजर विक्रम सोनी ने ट्वीट कर लिखा है कि ट्रेन में तो कोई शोभा यात्रा भी नहीं निकल रही है फिर ये भाई लोग यहाँ क्यूँ भड़क गये। दरअसल पत्थरबाजों को पत्थर फेंकने के लिए बहाने की जरूरत है ही नहीं। अब देख लो ट्रेन ही है कोई राम जी हनुमान जी की शोभायात्रा तो है नहीं फिर भी नाराज़ है बताओ अब। वहीं विनोद शर्मा ने लिखा है कि यहां कोई शोभायात्रा नहीं निकल रही ना कोई जय श्रीराम के नारे लगा रहा है फिर भी यह लोग पत्थर मार रहे हैं ट्रेन में क्योंकि यह लोग देश से और हिंदुओं से नफरत करते हैं यह सेकुलररो को समझ में नहीं आएगा।
क्या है हकीकत: पड़ताल में पता चलता है कि यह वीडियो पिछले साल का है। ईटीवी भारत ने 13 अप्रैल 2022 को इस सम्बन्ध में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि चेन्नई के पेरंबूर रेलवे स्टेशन पर पचैयप्पा कॉलेज और स्टेट कॉलेज के छात्र के पास आपस में भिड़ गए। पचैयप्पा कॉलेज के छात्र अरक्कोनम (Arakkonam) की ओर जा रही ट्रेन में थे जबकि स्टेट कॉलेज के छात्र तिरुपति एक्सप्रेस में थे।
वहीं 12 अप्रैल को प्रकाशित Daily Thanthi की रिपोर्ट के अनुसार, स्टेट कॉलेज के छात्र ने अरक्कोनम इलेक्ट्रिक ट्रेन पर पथराव कर पचैयप्पा कॉलेज के छात्रों पर हमला कर दिया। उस समय इलाके में गश्त कर रहे सेम्बिलन पुलिस इंस्पेक्टर अयप्पन और पुलिस ने तुरंत स्टेट कॉलेज के 15 छात्रों को गिरफ़्तार किया और उन्हें पेरंबूर रेलवे पुलिस को सौंप दिया।
निष्कर्ष: सोशल मीडिया में किया जा रहा दावा बेबुनियाद है, ट्रेन पर पथराव का मामला दो कॉलेज के छात्रों के गुटों के बीच झडप का है।