मीडिया में एक खबर तेजी से वायरल है। इस खबर में दावा किया गया था कि
स्विट्ज़रलैंड की खिलाड़ी एम्ब्रे एलिन्क्से ने भारत में बढती बलात्कार
घटनाओं की वजह से चेन्नई में एक चैंपियनशिप खेलने से इनकार कर दिया है।
खुद
को एंटी-रेप एक्टिविस्ट बताने वाली योगिता भयाना ने शुक्रवार को इस खबर को
अपने ट्विटर अकाउंट से साझा किया है। इस खबर के मुताबिक चेन्नई में चल रही
विश्व जूनियर स्क्वॉश चैम्पियनशिप में स्विट्जरलैंड की मशहूर प्लेयर
एम्ब्रे एलिनिक्स खेलने नही आएंगी क्योंकि उनके माता-पिता ने भारत में
दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं के डर से कहा है कि वे नहीं चाहते कि उनकी बेटी
चेन्नई जाए।
इतना ही नहीं इस खबर में दावा किया गया है कि ईरान,
अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की टीमों ने भी अपने खिलाड़ियों को अकेले बाहर जाने
से इनकार कर दिया है। खबर में दावा किया गया है कि स्विस टीम के कोच
पास्कल भूरिन ने कहा कि एम्ब्रे यहां (चैन्ने) इसलिए नहीं आ सकी, क्योंकि
उसके माता पिता ने इंटरनेट पर भारत के बारे में ऐसी कई खबरें पढ़ीं जिनमें
कहा गया था कि यह देश महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है।
योगिया
भयाना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए तंज कसा और लिखा,
“हमें एक वैश्विक शक्ति बनाने के लिए धन्यवाद।” उन्होंने दावा किया कि मोदी
सरकार महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही है। हालाँकि, 2018 में
वायरल हुई यह खबर ही झूठी साबित हो चुकी है। योगिता के प्रधानमंत्री मोदी
पर तंज कसने से ही प्रतीत होता है कि वो महिला सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषय
पर न सिर्फ राजनीति कर रही हैं, बल्कि वैश्विक पटल पर भारत को बदनाम भी कर
रही हैं।
वायरल खबर को लेकर 2018 में एम्ब्रे एलिनिक्स के माता
पिता ने कहा था कि उन्हें कभी भी भारत में सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं
हुई जैसा कि मीडिया में प्रकाशित किया गया था। एम्ब्रे के माता-पिता ने
रिपोर्ट को ‘झूठ या पत्रकारीय खोज’ करार दिया। वहीं स्विस कोच पास्कल भुरिन
ने कहा, ‘एम्ब्रे एलिंक्स इसलिए नहीं आईं क्योंकि उनके माता-पिता उन्हें
इस दौरे पर नहीं आने देना चाहते थे।’
भारतीय स्क्वैश रैकेट महासंघ
द्वारा जारी बयान में एम्ब्रे के माता पिता इगोर और वालेरी ने साफ कहा,
‘हम, माता पिता होने के नाते कभी भी भारत में सुरक्षा को लेकर चिंतित नहीं
थे। यह झूठ है या पत्रकारीय खोज है।’
उन्होंने कहा, ‘हम परिवार के
साथ गर्मियों की छुट्टियां मनाना चाहते थे और उसके पिता के काम के कारण हम
जुलाई में ही जा सकते थे। हमारे फैसले में सुरक्षा का कोई लेना देना नहीं
था। एम्ब्रे पहले ही मिस्र, मोरक्को, ट्यूनीशिया, पॉलैंड, फ्रांस, जर्मनी,
चेक गणराज्य, इटली, मेक्सिको जा चुकी हैं। हमने कभी भी भारत को इन सभी
देशों से ज्यादा खतरनाक नहीं समझा था।’