पत्रकार उत्कर्ष सिंह ने प्रधानमंत्री के एक भाषण के 24 सेकेंड्स के वीडियो को साझा किया है। इस वीडियो पर उत्कर्ष ने अपना यूजर नेम भी डाला है। उत्कर्ष ने लिखा है कि PM मोदी ने 4 साल पहले त्रिपुरा के लोगों से कहा था- “अब आपको माणिक नहीं चाहिए, माणिक से मुक्ति ले लो। अब आपको ज़रूरत है हीरे की। हीरा चाहिए कि नहीं चाहिए?” आज BJP ने माणिक साहा को त्रिपुरा का नया मुख्यमंत्री चुना है।
PM मोदी ने 4 साल पहले त्रिपुरा के लोगों से कहा था- “अब आपको माणिक नहीं चाहिए, माणिक से मुक्ति ले लो. अब आपको ज़रूरत है हीरे की. हीरा चाहिए कि नहीं चाहिए?”
आज BJP ने माणिक साहा को त्रिपुरा का नया मुख्यमंत्री चुना है. pic.twitter.com/6jf4s5pxD9
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) May 14, 2022
एक यूजर उमंग ने लिखा है कि माणिक साहा 2016 तक कांग्रेस में थे, तब PM मोदी ने कहा था कि त्रिपुरा को माणिक नहीं हीरा चाहिए
और आज उसी माणिक को BJP त्रिपुरा का CM बना रही है।
क्या है हकीकत: पड़ताल में हमे सबसे पहले ‘प्रभा साक्षी‘ और ‘News18‘ की 8 फरवरी 2018 की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक त्रिपुरा में 2018 में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सोनमुरा के रंगामटिया मदरसा मैदान में चुनावी सभा को संबोधित किया था। रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री ने यहाँ कहा कि लोग अपना भाग्य बदलने के लिए माणिक्य या रत्न पहनते हैं लेकिन यह माणिक लोगों के जीवन में समृद्धि लाने में नाकाम रहे। उन्होंने कहा, ‘‘माणिक को फेंक दीजिए और आगामी चुनाव में राज्य में समृद्धि और विकास के लिए हीरा चुनिए।’
माणिक सरकार और माणिक साहा |
पड़ताल में आगे बढ़ते हुए हमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूट्यूब पेज इसी चुनावी सभा का वीडियो भी मिला। इस वीडियो (24:52-27:47) में प्रधानमंत्री
मोदी ने कहा कि भाई बहनों जब कोई ग्रह योग खराब होते हैं तो लोग अलग अलग
रंगों के पत्थरों की अंगूठियाँ पहनते हैं लेकिन अगर गलत पत्थर वाली अंगूठी
पहन ली तो हालत और बुरी हो जाती है। त्रिपुरा ने गलत माणिक पहन लिया है, जब
ये गलत माणिक नहीं उतारोगे आपका भाग्य नहीं बदलेगा। आपने ऐसी अंगूठी,
पत्थर 25 साल से जड़ कर रखा है। दिल्ली में कितनी ही सरकार, गृह, तारें बदल
जाएँ, सूरज-चंदा इधर चलें लेकिन ऐसा पत्थर चिपका हुआ है कि आपको अच्छे दिन
का फायदा नहीं पहुँच सकता। इसीलिए आपको माणिक नहीं चाहिए, माणिक से मुक्ति
ले लो, अब आपको हीरे की जरूरत है, हीरा चाहिए। हीरा चाहिए कि नहीं चाहिए?
और जब मै हीरा कहता हूँ तो हीरे का सीधा मतलब है कि एच से हाइवे
(राजमार्ग), आई से इंटरनेट वे, आर से रोडवेज और ए से एयरवेज। ये हीरा
त्रिपुरा को चाहिए, आपका माणिक जाएगा और हीरा आएगा।
दरअसल त्रिपुरा में 1993-2018 तक यानि 25 वर्षों तक कम्युनिस्ट सरकार थी। 1998 से
लेकर 2018 तक सीपीआई (एम) के माणिक सरकार मुख्यमंत्री थे। माणिक सरकार
लगातार 4 बार मुख्यमंत्री चुने गए थे।
त्रिपुरा में 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 18 फरवरी 2018 को चुनाव हुए और परिणाम की घोषणा तीन मार्च को हुई थी। इस चुनाव में भाजपा को 35 सीट मिली जबकि सीपीआई (एम) को 16 सीट हासिल हुई थीं। चुनाव नतीजों के साथ ही माणिक सरकार को हार का सामना करना पड़ा और भाजपा ने बिप्लब कुमार देब को मुख्यमंत्री बनाया। जांच में यह भी सामने आया है कि 2018 विधानसभा चुनाव के वक्त माणिक साहा भाजपा नेता थे, उन्होंने 2016 में कांग्रेस पार्टी को छोड़ भाजपा का दामन थामा था।
निष्कर्ष: वायरल वीडियो अधूरा है जिसमे पीएम मोदी के ‘माणिक से मुक्ति’ वाले बयान को माणिक साहा से जोड़कर वायरल किया जा रहा है लेकिन साफ है कि पीएम मोदी माणिक साहा नहीं बल्कि माणिक सरकार की बात कर रहे थे।