सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल है, इस वीडियो में एक स्कूल शिक्षिका के कहने पर एक के बाद एक छात्र एक दूसरे छात्र को मार रहे हैं। वीडियो के साथ लोग दावा कर रहे हैं कि हिंदू छात्रों से मुस्लिम छात्र को पिटवाया गया है हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा भ्रामक है।
वसीम अकरम त्यागी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि “मैंने तो डिक्लेयर कर दिया है जितने भी मुस्लिम बच्चे है सबकों वहां भेज दो,अरे इस ज़ोर से क्यो नही मारते हो” मुज़फ्फरनगर में मंसूरपुर थाना क्षेत्र के खुब्बापुर गांव में नेहा पब्लिक स्कूल चलाने वाली टीचर तृप्ता त्यागी मुस्लिम बच्चे को हिंदू बच्चों से बारी बारी पिटवा रही है,इस मैडम के ज़हन में कितना ज़हर भरा है, @dgpup @Uppolice , @CMOfficeUP @muzafarnagarpol इस नफ़रती पर सख्त एक्शन लीजिए। यह मानसिकता समाज को नासूर बना देगी।
“मैंने तो डिक्लेयर कर दिया है जितने भी मुस्लिम बच्चे है सबकों वहां भेज दो,अरे इस ज़ोर से क्यो नही मारते हो”
मुज़फ्फरनगर में मंसूरपुर थाना क्षेत्र के खुब्बापुर गांव में नेहा पब्लिक स्कूल चलाने वाली टीचर तृप्ता त्यागी मुस्लिम बच्चे को हिंदू बच्चों से बारी बारी पिटवा रही है,इस मैडम… pic.twitter.com/rY2qdVEOL2
— Wasim Akram Tyagi (@WasimAkramTyagi) August 25, 2023
जाकिर अली त्यागी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि “मैंने तो डिक्लेयर कर दिया है जितने भी मुस्लिम बच्चे है सबकों वहां भेज दो,अरे इस ज़ोर से क्यो नही मारते हो” मुज़फ्फरनगर में मंसूरपुर थाना क्षेत्र के खुब्बापुर गांव में नेहा पब्लिक स्कूल चलाने वाली टीचर तृप्ता त्यागी मुस्लिम बच्चे को हिंदू बच्चों से बारी बारी पिटवा रही है, इस मैडम के ज़हन में कितना ज़हर भरा है, @dgpup @Uppolice , @CMOfficeUP @muzafarnagarpol त्वरित संज्ञान लेकर इस नफ़रत का इलाज करें!
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने लिखा कि मासूम बच्चों के मन में भेदभाव का ज़हर घोलना, स्कूल जैसे पवित्र स्थान को नफ़रत का बाज़ार बनाना – एक शिक्षक देश के लिए इससे बुरा कुछ नहीं कर सकता। ये भाजपा का फैलाया वही केरोसिन है जिसने भारत के कोने-कोने में आग लगा रखी है। बच्चे भारत का भविष्य हैं – उनको नफ़रत नहीं, हम सबको मिल कर मोहब्बत सिखानी है।
मासूम बच्चों के मन में भेदभाव का ज़हर घोलना, स्कूल जैसे पवित्र स्थान को नफ़रत का बाज़ार बनाना – एक शिक्षक देश के लिए इससे बुरा कुछ नहीं कर सकता।
ये भाजपा का फैलाया वही केरोसिन है जिसने भारत के कोने-कोने में आग लगा रखी है।
बच्चे भारत का भविष्य हैं – उनको नफ़रत नहीं, हम सबको मिल…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 25, 2023
कांग्रेस नेता श्रीनिवासन बीवी ने लिखा कि प्रधानमंत्री जी, नींद कैसी आ रही है? मुझे मुज़फ़्फ़रनगर में एक शिक्षक के वायरल वीडियो से घृणा है जिसने अपने छात्रों को एक बच्चे पर उसके धर्म के आधार पर हमला करने के लिए प्रोत्साहित किया। यह मानवाधिकारों और गरिमा का घोर उल्लंघन है, और घृणा और हिंसा का घृणित कार्य है। मैं इस अपराध को अस्वीकार करता हूं और शिक्षक और स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता हूं।
प्रधानमंत्री जी, नींद कैसे आ रही है?
I am disgusted by the viral video of a teacher in Muzaffarnagar who encouraged her students to attack a child on the basis of his religion.
This is a blatant violation of human rights and dignity, and a despicable act of hatred and…
— Srinivas BV (@srinivasiyc) August 25, 2023
श्याम मीरा सिंह ने लिखा कि वीडियो की लोकेशन नहीं पता। एक टीचर एक मुस्लिम बच्चे को हिंदू बच्चों से पिटवा रही है। दूसरे बच्चों से कह रही है कि ज़ोर से थप्पड़ क्यों नहीं लगाते। ये RSS का आर्यावर्त है। जिसमें छोटे बच्चों की ट्रेनिंग इस तरह की जा रही है। कैसा देश बनते जा रहे हैं हम।
रोहिणी सिंह ने लिखा कि नोएडा के चैनलों द्वारा फैलाई गई नफरत कक्षाओं तक पहुंच गई है जहां एक शिक्षक हिंदू बच्चों से एक मुस्लिम लड़के को पीटने के लिए कह रहा है। शिक्षक को हिंदू बच्चों को जोर से मारने के लिए उकसाते हुए और सांप्रदायिक बयान देते हुए सुना जा सकता है। मुस्लिम बच्चा अकेले खड़ा अपमान पर रो रहा है। अल्पसंख्यकों का दानवीकरण नोएडा चैनलों द्वारा शुरू की गई एक विशेष परियोजना है और इसने आम नागरिकों को उसी नफरत को उगलने के लिए प्रोत्साहित किया है जैसा कि उन्हें प्राइमटाइम शो के माध्यम से सिखाया जा रहा है।
The hate spread by Noida channels has reached classrooms where a teacher is asking Hindu kids to beat a Muslim boy. The teacher is seen egging on the Hindu kids to hit harder and is heard making communal statements. The Muslim kid stands all alone weeping at the humiliation. The…
— Rohini Singh (@rohini_sgh) August 25, 2023
उत्कर्ष सिंह ने लिखा है कि यूपी के मुजफ्फरनगर के इस स्कूल में टीचर हिंदू बच्चों से मुस्लिम बच्चे को थप्पड़ मरवा रही. अब इसके आगे क्या बाकी है?
मीर फैजल ने लिखा कि एक स्कूल में एक शिक्षक हिंदू छात्रों से एक मुस्लिम छात्र की पिटाई करने का आग्रह कर रहा है। कैमरे पर, उसे ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाते हुए सुना जा सकता है कि “वह सभी मुसलमानों (मुसलमानों) के बच्चों को पीटती है।” इसके बाद उसने अन्य छात्रों को उसे ज्यादा नहीं पीटने के लिए डांटा।
अली सोहराब ने लिखा कि मुसलमानों के बच्चों को बचपन से ही गुलाम बनाने व बताने की प्रक्रिया चल रही है ताकि मुस्लिम बच्चे हीन भावना का शिकार होकर स्कूल ही जाना छोड़ दें…ये मोहतरमा एक महिला शिक्षिका हैं, जो हिंदू बच्चों से मुस्लिम बच्चों को पिटवाती हैं और स्कूल से घृणा परोसती हैं।
मुसलमानों के बच्चों को बचपन से ही गुलाम बनाने व बताने की प्रक्रिया चल रही है ताकि मुस्लिम बच्चे हीन भावना का शिकार होकर स्कूल ही जाना छोड़ दें…
ये मोहतरमा एक महिला शिक्षिका हैं, जो हिंदू बच्चों से मुस्लिम बच्चों को पिटवाती हैं और स्कूल से घृणा परोसती हैं।https://t.co/sp0IZQ9wpd— Ali Sohrab (@007AliSohrab) August 25, 2023
कविश अजीज ने लिखा कि इस टीचर के ज़हन में कितना जहर भरा है कि यह हिंदू बच्चों से मुसलमान बच्चों को थप्पड़ मरवा रही है टीचर का नाम तृप्ति त्यागी है नेहा पब्लिक स्कूल चलाती है मुज़फ्फरनगर के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के खूबापुर गांव का मामला।
इस टीचर के ज़हन में कितना जहर भरा है कि यह हिंदू बच्चों से मुसलमान बच्चों को थप्पड़ मरवा रही है
टीचर का नाम तृप्ति त्यागी है नेहा पब्लिक स्कूल चलाती है मुज़फ्फरनगर के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के खूबापुर गांव का मामला। pic.twitter.com/MbUnhxXUSs
— Kavish Aziz (@azizkavish) August 25, 2023
शम्स तबरेज ने लिखा कि टीचर को माता-पिता का दर्जा इस्लाम में दिया जाता है लेकिन इस टीचर के जेहन में जिस तरह जहर भरा हुआ है वह भारतीय समाज के लिए बेहद शर्मनाक है। मुसलमान स्टूडेंट को हिंदू स्टूडेंट से पिटवा रही है और गाल पर थप्पड़ लगवा रही है जो संगीन जुर्म। मामला मुज़फ्फरनगर में मंसूरपुर थाना क्षेत्र के खुब्बापुर गांव में नेहा पब्लिक स्कूल का है, टीचरका नाम तृप्ता त्यागी है। महिला टीचर के खिलाफ फौरन सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
टीचर को माता-पिता का दर्जा इस्लाम में दिया जाता है लेकिन इस टीचर के जेहन में जिस तरह जहर भरा हुआ है वह भारतीय समाज के लिए बेहद शर्मनाक है। मुसलमान स्टूडेंट को हिंदू स्टूडेंट से पिटवा रही है और गाल पर थप्पड़ लगवा रही है जो संगीन जुर्म।
मामला मुज़फ्फरनगर में मंसूरपुर थाना क्षेत्र… pic.twitter.com/4F9kHjP1TE— Shams Tabrez Qasmi (@ShamsTabrezQ) August 25, 2023
इसके अलावा इस वीडियो हिंदू बच्चों द्वारा मुस्लिम बच्चे को पीटने के दावे के साथ कांग्रेस नेता संदीप सिंह, स्वाति मिश्रा, साहिल रिजवी, पुनीत कुमार सिंह, वसीउद्दीन सिद्दकी, सदफ आफरीन, पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह, अशरफ हुसैन समेत कई यूजर्स ने शेयर किया है।
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने सबसे पहले देखा कि सोशल मीडिया यूजर इस वीडियो को मंसूरपुर थाना क्षेत्र के खुब्बापुर गांव में ‘नेहा पब्लिक स्कूल’ का बता रहे हैं। इसीलिए हमने एक स्थानीय पत्रकार की मदद से स्कूल की शिक्षिका तृप्ति त्यागी से सम्पर्क किया। उन्होंने बताया कि यह मामला उन्ही के स्कूल का है लेकिन वीडियो को गलत सन्दर्भ के साथ शेयर किया जा रहा है।
शिक्षिका तृप्ति त्यागी ने हमे बताया कि वीडियो में वो कहती है, ‘जितने भी मोमडन(मुस्लिम) बच्चे हैं, इनकी माएं मायके चली जाएँ(जाती हैं), इससे बच्चों की पढाई का नुकसान होता है।’ पड़ताल में हमने देखा कि मैडम के बयान के बाद वीडियो बनाने वाला शख्स भी कहता है, ‘सही कह रहे जी, पढाई खराब होती है।’
तृप्ति त्यागी ने हमे बताया, ‘वीडियो में जिस छात्र को मारा गया है, वो दो दिन से टेबिल(पहाड़ा) याद करके नहीं आ रहा था। इसीलिए उन्होंने दूसरे छात्रों से छात्र को थप्पड़ मारने को कहा था। लेकिन मैंने हिंदू बच्चों से मुस्लिम को नहीं पिटवाया है, थप्पड़ मारने वाले छात्रों में दो छात्र मुस्लिम समुदाय से हैं।‘ तृप्ति त्यागी ने हमे दो मुस्लिम छात्रों के नाम भी बताएं लेकिन उनकी निजता का ध्यान रखते हुए हम यहाँ उनका उल्लेख नहीं कर रहे हैं।
हमने जब उनसे पूछा कि अगर छात्र की गलती थी तो इस पर आपने खुद छात्र को सजा क्यों नहीं दी। जवाब में शिक्षिका ने हमें बताया, ‘मैं पैर से विकलांग(दिव्यांग) हूँ, कुर्सी से बार-बार उठने में सक्षम नहीं हूँ। इसीलिए दूसरे छात्रों से थप्पड़ मारने को कहा था। हालाँकि मेरा तरीका गलत था। मै आगे ऐसा नहीं करुँगी। इसके लिए मै माफी मांगती हूँ।’ तृप्ति त्यागी ने हमे बताया कि यह वीडियो छात्र के चचेरे भाई नदीम ने बनाया था। वो जेसीबी चलाता है, प्लाट में मिट्टी डालने की बात करने स्कूल आया था।
इसके बाद हमे वायरल वीडियो का एक और हिस्सा मिला। इस वीडियो में शिक्षिका तृप्ति त्यागी कहती हुई नजर आ रही हैं, ‘5 का टेबिल मैंने परसों याद करवा दिया।’
“Upar na maaro kamar par maaro muh laal ho raha hai”
“5 tak ka table parso yaad karva diya”
Additional part of video not shared widely
What Teacher said is still disturbing but looks like police is right in saying reason for beating was HW not religion #ArrestTriptaTyagi pic.twitter.com/39Fr3LwBic
— Deepika Narayan Bhardwaj (@DeepikaBhardwaj) August 26, 2023
हमे मुज्जफरनगर पुलिस अधीक्षक सत्यनारायण प्रजापत का वीडियो मिला। जिसमे
उन्होंने बताया है कि वायरल वीडियो में आपत्तिजनक टिप्पणी के सम्बन्ध में
जाँच की गयी तो पता चला कि महिला टीचर द्वारा ये डिक्लेयर किया गया कि जिन
मोमडन बच्चों की मां पढाई पर ध्यान नहीं देती हैं, उन बच्चों की पढाई का
नाश हो जाता है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि वीडियो बनाने वाले शख्स ने भी इस
बात की पुष्टि की है।
➡️थानाक्षेत्र मंसूरपुर के ग्राम खुब्बापुर के स्कूल में अध्यापिका द्वारा एक छात्र की कक्षा के अन्य छात्रों से पिटाई कराने तथा धार्मिक टिप्पणी करने के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक नगर श्री सत्यनारायण प्रजापत महोदय द्वारा दी गई बाईटः- pic.twitter.com/HuqOTLm0hb
— MUZAFFARNAGAR POLICE (@muzafarnagarpol) August 25, 2023
इसके बाद हमने गांव के मौजूदा प्रधान डोली के पति मनोज पाल से बात की। हमने उनसे शिक्षिका तृप्ति त्यागी के दिव्यांग होने के दावे के बारें में पूछा तो उन्होंने बताया कि यह बात सच है कि शिक्षिका दिव्यांग हैं। साथ ही उनके पति भी दिव्यांग है। दोनों दिव्यांग दम्पत्ति स्कूल चलाते हैं। मनोज पाल ने हमे बताया कि उनके दो बच्चे भी नेहा पब्लिक स्कूल में पढ़ते हैं। मनोज पाल ने बताया कि यह मामला हिंदू-मुस्लिम का नहीं हैं।
जब हमने उनसे स्कूल में मुस्लिम छात्र-छात्राओं के साथ व्यव्हार के बारें में पूछा तो उन्होंने बताया कि शिक्षक दम्पत्ति सज्जन लोग हैं। कभी किसी से धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करते। बीते साल गाँव का एक शादीशुदा मुस्लिम शख्स एक महिला को लेकर फरार हो गया था तब उसके 5 बच्चों को शिक्षक दम्पत्ति ने अपने प्राइवेट स्कूल में मुफ्त में पढ़ाया।
इसके
बाद हमने गांव के पूर्व प्रधान ब्रिजेश त्यागी से सम्पर्क किया। ब्रिजेश
ने हमे बताया कि इस घटना में हिंदू-मुस्लिम जैसी कोई बात नहीं है। गाँव में
दोनों पक्षों में समझौता हो गया है।
पड़ताल हमे ANI पर छात्र के पिता का बयान भी मिला जिसमे उन्होंने बताया है, ‘…यह हिंदू-मुस्लिम मामला नहीं है। हम चाहते हैं कि कानून अपना काम करे।’
#WATCH | UP: “My son is seven years old. This incident happened on 24th August. The teacher made the students beat my child again & again. My nephew made the video and had gone to school for some work…My seven-year-old child was tortured for an hour or two. He is scared…This… https://t.co/qQ7FaiPbza pic.twitter.com/zEelhTdK6G
— ANI (@ANI) August 26, 2023
अपनी पड़ताल के आखिरी पड़ाव में हमने प्रधान पति मनोज पाल की मदद से वीडियो बनाने नदीम से सम्पर्क किया। नदीम ने हमे बताया कि वीडियो में मैडम कहती हैं, ‘मुस्लिम बच्चों की माएं मायकें चली जाएँ इससे बच्चों की पढ़ाई खराब होती है।’
हमने नदीम से पूछा कि आप अचानक स्कूल क्यों गए थे? जवाब में नदीम ने बताया कि मैं जेसीबी चलाता हूँ, मैडम ने नया स्कूल बनाया है। उनका प्लाट उबड़खाबड़ है। मै उसके काम के लिए गया था। जब मैं पहुंचा तो मैडम मेरे चाचा के लड़के को पिटवा रही थीं। मैंने कोई रुकावट नहीं की और वीडियो बनाकर वापस आ गया था।
हमने नदीम से पूछा कि क्या शिक्षिका हिंदू बच्चों से मुस्लिम बच्चे को पिटवा रही थीं? जवाब में नदीम ने बताया कि यह बात गलत है, इस हिंदू-मुस्लिम जैसा कुछ नहीं हैं। लोगों ने वीडियो को गलत तरह से पेश किया है।नदीम ने आगे कहा कि शिक्षक दम्पत्ति विकलांग हैं।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट |
नदीम के बयान पर दैनिक जागरण में भी रिपोर्ट प्रकाशित हुई है, जिसमे उसने कहा है, ‘वह स्कूल में किसी काम से गया था, तभी उसके चचेरे भाई को दूसरे छात्र थप्पड़ मार रहे थे, लेकिन शिक्षिका कह रही थी कि मुस्लिम महिलाएं अपने मायके चली जाती हैं, बच्चों का ध्यान नहीं रखती, जिस कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। लड़के का कहना है कि उसकी वीडियो का गलत अर्थ निकालते हुए इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया गया है।’
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल से स्पष्ट है कि हिंदू बच्चों से मुस्लिम बच्चे को पिटवाने का दावा गलत है। वीडियो में शिक्षिका के मुस्लिम बच्चों को यहाँ-वहां जाने को नहीं कहा, न ही उन्होंने कहा कि मुसलमान बच्चों को मारो। वायरल वीडियो में स्कूल में शिक्षिका का छात्र को पीटने का तरीका जरुर गलत है लेकिन यह मामला धर्म के आधार पर भेदभाव का नहीं हैं।
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