बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मामले में चल रही है। इस बीच सोशल मीडिया में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने पहलवानों का समर्थन किया है और उनके लिए न्याय की मांग की है। हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा गलत है।
भारतीय किसान यूनियन के नेता रवि आजाद ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि पहली बार खुलकर बोली भारत की महामहीम राष्ट्रपति,कहा महिला पहलवानों को न्याय मिलना चाहिए। हमें अभी भी लगता है देश में लोकतंत्र बचा हुआ है? राष्ट्रपति महोदया ने कहा पहले बहुत लोग जो चिट्ठी भेजते थे, मुझे मिलती थी। अब मुझे कोई चिट्ठी नहीं मिलती।
पहली बार खुलकर बोली भारत की महामहीम राष्ट्रपति,कहा महिला पहलवानों को न्याय मिलना चाहिए।
हमें अभी भी लगता है देश में लोकतंत्र बचा हुआ है?
राष्ट्रपति महोदया ने कहा पहले बहुत लोग जो चिट्ठी भेजते थे,मुझे मिलती थी।
अब मुझे कोई चिट्ठी नहीं मिलती।@theaashishtomar @_DrMonikaSingh pic.twitter.com/ne8Ogu34lj— Ravi Azad BKU (@RAVIAZADBKU) June 2, 2023
राजेश कुमार ने वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “पहलवानों के प्रदर्शन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बयान… “मुझे लगता है कि उन्हें सही मायने में न्याय मिलना चाहिए”। क्या मोदी सुन रहे हैं??”
कांग्रेस समर्थक शहनाज ने लिखा कि भारत की राष्ट्रपति महोदय भी कितनी मजबूर नजर आ रही हैं पहलवान बेटियों के संबंध में खुद सुन लो
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च किया तो हमे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के संबोधन का पूरा वीडियो उनके आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला। वीडियो को 24 मई 2023 को शेयर किया गया है। राष्ट्रपति मुर्मु रांची में झारखंड हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग का उद्घाटन-लोकार्पण करने के लिए पहुंची थी। वहीं पर उन्होंने न्याय को लेकर स्पीच दी थी। उन्होंने पीड़ित लोगों के बारे में बात की थी, जिन्हें कोर्ट के आदेश आने के बाद भी कई कारणों से या फिर फैसला ठीक से अमल न होने के कारण न्याय नहीं मिल पाता है। हमें इस वीडियो में भी पहलवानों का जिक्र कहीं पर नहीं मिला।
पड़ताल में हमे इसी वीडियो से सम्बंधित एक रिपोर्ट नवभारत टाइम्स में 25 मई 2023 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि कई बार कोर्ट के फैसलों के बाद भी लोगों को न्याय नहीं मिलता। लोग एक-एक केस के लिए वर्षाे तक लड़ाई लड़ते हैं। समय, रुपये और रातों की नींद बर्बाद होती है। कुछ मामले हाईकोर्ट में फाइनल होते हैं। कुछ मामलों में सुप्रीम कोर्ट में आखिरी फैसला होता है। जिनके पक्ष में फैसला आता है, वे खुश होते हैं। लेकिन पांच-दस साल बाद पता चलता है कि उन्हें न्याय मिला ही नहीं। यह सुनिश्चित होना चाहिए कि लोगों को वास्तविक रूप से न्याय मिले। यह कैसे होगा, इसका रास्ता मुझे नहीं मालूम। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, कानून मंत्री, जज, वकील सब मिलकर इसका रास्ता निकालें।”
NBT रिपोर्ट |
इसके अलावा इंडिया डॉट कॉम, ईटीवी ने भी इस खबर को प्रकाशित किया है। किसी भी रिपोर्ट में पहलवानों के प्रदर्शन का जिक्र नहीं है।
निष्कर्ष: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पहलवानों के समर्थन में कोई बयान नहीं दिया है। वायरल वीडियो को एडिट कर संदर्भ से हटाकर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। असल वीडियो में उन्होंने उन सामान्य पीड़ितों के बारे में बात की है, जिन्हें कोर्ट के आदेश आने के बाद भी न्याय नहीं मिल पाता है।
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