प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नरेंद्र मोदी ने मंगलवार(25 अप्रैल 2023) को केरल की पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। यह ट्रेन केरल के तिरुवनंतपुरम से कासरगोड चलेगी। इस बीच सोशल मीडिया में एक तस्वीर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उद्घाटन के पहले दिन ही वंदे भारत ट्रेन में केबिन की छत से बारिश का पानी आने लगा। जिसकी वजह से चालक छाता लगाकर ट्रेन चला रहा है।
कांग्रेस समर्थक नम्रता दत्ता ने तस्वीर ट्वीट कर लिखा कि प्रिय @narendramod कृपया चीजें बनाना बंद करें। स्पष्ट रूप से आप कुछ भी ठीक करने में सर्वथा अक्षम हैं। उद्घाटन के पहले दिन “वंदे भारत” केरल में VB की छत से बारिश का पानी रिसने लगा। एक तस्वीर एक हजार शब्द से बढ़कर है।
Dear @narendramodi please stop making things. Clearly you are utterly incapable to make anything right. 🙄
“VANDE BHARAT” on the 1st day of inauguration rain water started leaking from the roof of VB in Kerala. A picture is worth a thousand words. pic.twitter.com/tFef01ngB8— 🧬Dr. Namrata Datta (Singa Pen), PhD🧫🇬🇧🦘🇮🇳 (@DrDatta01) April 26, 2023
News Network 24*7 ने लिखा कि अभी कल ही की तो बात है मोदी का “वंदे भारत” उद्घाटन के पहले दिन केरल में ड्राइवर केबिन की छत से बारिश का पानी रिसने लगा। तस्वीर अपने लिए बोलती है। इसके अलावा हिसामुद्दीन खान, क्रिस नैयर, राजन पलानी, रेखा राजीव ने भी यही दावा किया है।
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने इस तस्वीर को गूगल पर रिवर्स सर्च किया तो इसका एक वीडियो में पत्रकार सुचेता दलाल की ट्विटर प्रोफाइल पर मिला। सुचेता ने इस वीडियो को अगस्त 2017 को ट्वीट किया था। इस वीडियो एक शख्स बता रहा है कि ट्रेन की छत से पानी की वजह से काफी समस्या हो रही है, यह असुविधा काफी समय से है लेकिन समाधान नहीं किया गया है।
Railway safety? @sureshpprabhu and @RailMinIndia need to take a serious look without victimising whistleblower pic.twitter.com/Ue7rv0LwTP
— Sucheta Dalal (@suchetadalal) August 9, 2017
इस वीडियो के सम्बन्ध में एक बेबसाईट पर प्रकाशित एक आर्टिकल भी मिला। जिसके मुताबिक यह वीडियो छत्तीसगढ़ के धनवाद का है। पड़ताल में यह भी सामने आया कि भारत में पहली वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत फरवरी 2019 को हुई थी।
निष्कर्ष: सोशल मीडिया में वायरल तस्वीर केरल की वंदे भारत ट्रेन की नही
हैं, वंदे भारत की शुरुआत वर्ष 2019 में हुई थी जबकि यह तस्वीर उससे भी दो
साल पुरानी है।