सोशल मीडिया पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की एक फोटो वायरल हो रही है। इसमें सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया एक बच्चे को मास्क पहनाते दिख रहे हैं। लेकिन तीनों ने खुद मास्क नहीं पहना है। इस फोटो को कोरोना से जोड़कर शेयर किया जा रहा है हालांकि पड़ताल में यह फोटो कोरोना काल की नहीं, बल्कि साल 2019 की है। जब केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के स्कूलों में एंटी-पॉल्यूशन मास्क वितरित किए थे।
कांग्रेस नेता अल्का लांबा ने फोटो ट्विट कर लिखा कि आआप को लगता है की कोरोना संक्रमण मात्र बच्चों को हो सकता है , इसलिए उन्हें ही मास्क लगाना चाहिए, दूसरा आआप को लगता है की यह रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक ही हो सकता है, इसलिए इस समय पर कर्फ्यू लगना चाहिए। धन्य हैं आआप और आआप के नेता। भाजपा के दिल्ली यूनिट के प्रवक्ता हरीश ख़ुराना ने भी कैप्शन के साथ ट्विटर पर तस्वीर शेयर की।
क्या है हकीकत?
सोशल मीडिया में वायरल फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च पर तस्वीर द प्रिंट के एक लेख में मिलती है। 1 नवंबर, 2019 को द प्रिंट में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि दिल्ली के सीएम ने प्रदूषण से बचाने के लिए राज्य सरकार की पहल के तहत स्कूली छात्रों के बीच मास्क वितरित किए। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ‘दिल्ली सरकार ने निजी और सरकारी स्कूलों में बच्चों के बीच वितरण के लिए 50 लाख N95 मास्क खरीदे हैं।’
आम आदमी पार्टी के ट्विटर पेज से 1 नवंबर 2019 को यही तस्वीर दूसरे एंगल से ट्वीट की गई है। इस ट्वीट में अरविन्द केजरीवाल के हवाले से लिखा है कि पड़ोसी राज्यों में फसलों के जलने से होने वाले प्रदूषण की वजह से दिल्ली गैस चैम्बर में बदल गई है। इसी कारण से आज (1 नवंबर 2019) से 50 लाख मास्क प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में बांट रहे हैं। मैं दिल्लीवासियों से आग्रह करता हूं कि जब भी ज़रूरत हो तो मास्क का इस्तेमाल करें।
“Delhi has turned into a ‘gas chamber’ due to pollution caused by crop burning in neighbouring states.
This is why we are distributing 50lakh masks from today onwards in pvt. and govt. schools.
I urge all Delhiites to use them whenever needed.”@ArvindKejriwal pic.twitter.com/cMUNpHo4dl
— AAP (@AamAadmiParty) November 1, 2019
पड़ताल में स्पष्ट है कि वायरल तस्वीर 1 नवंबर 2019 की है। अरविंद केजरीवाल बच्चों को प्रदूषण से बचने को लेकर मास्क बांट रहे थे जबकि भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण का पहला केस 30 जनवरी 2020 को रिपोर्ट हुआ था। इस तस्वीर काकोरोना वायरस से कोई सम्बन्ध नहीं हैं।