सोशल मीडिया में एक युवक की तस्वीर वायरल है, इस तस्वीर के साथ लोग दावा कर रहे हैं कि वाराणसी की विवादित ज्ञानवापी मस्जिद की याचिका दायर करने वाले हरिहर पाण्डेय का निधन हो गया है। हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि वायरल तस्वीर हरिहर पांडेय की नहीं है
दिव्या कुमारी ने लिखा, ‘पहचाना इस व्यक्ति कों किसी ने ज्ञानवापी मस्जिद की जिसने पेटिशन फाइल की थी, वो भैय्या हरिहर पांडे बिना अपना सपना पूरा किये ही अलविदा के गए #दुःखद.. समाचार l परिवार को सब्र और गलत कामो से रोकने हिदायत दे l ज्ञानवापी परिसर मामले के याचिकाकर्ता हरिहर पांडेय का रविवार को सुबह बीएचयू में निधन हों गया. तीन याचिकाकर्ताओ में से पहले ही दो याचिकाकर्ता सोमनाथ व्यास और रामनारायण शर्मा की मौत हो चुकी है… कितना गलत हो रहा अंधभक्तों के साथ मुझसे देखा नहीं जाता’
पहचाना इस व्यक्ति कों किसी ने 👇
— दिव्या कुमारी (@divyakumaari) December 3, 2024
ज्ञानवापी मस्जिद की जिसने पेटिशन फाइल की थी, वो भैय्या हरिहर पांडे बिना अपना सपना पूरा किये ही अलविदा के गए #दुःखद..🥺 समाचार l
परिवार को सब्र और गलत कामो से रोकने हिदायत दे l
ज्ञानवापी परिसर मामले के याचिकाकर्ता हरिहर पांडेय का रविवार को सुबह… pic.twitter.com/AEF2RKborE
तनवीर ने लिखा, ‘कौन है ये इस व्यक्ति कों किसी ने पहचाना पहचान अपने कर्मो से होती है ,,, नहीं पहचाना तो शायद इसके कर्म अच्छे नहीं होंगे ,,,ज्ञानवापी मस्जिद के लिए जिसने पिटीशन फाइल की थी, ये वो #हरिहरपांडे बिना अपना सपना पूरा किये ही नरक चले गए #दुःखद.. समाचार lपरिवार को सब्र और गलत कामो से रोकने हिदायत दे lज्ञानवापी परिसर मामले के याचिकाकर्ता हरिहर पांडेय का रविवार को सुबह बीएचयू में निधन हों गया.तीन याचिकाकर्ताओ में से पहले ही दो याचिकाकर्ता #सोमनाथव्यास और #रामनारायण शर्मा नरक सिधार चुके है ,,कितना गलत हो रहा अंधभक्तों के साथ मुझसे देखा नहीं जाता खैर जैसी करनी वैसी भरनी ,, कर भला तो हो भला बुरे का अंत बुरा’
कौन है ये इस व्यक्ति कों किसी ने पहचाना 👇
— TANVIR RANGREZ (@virjust18) December 4, 2024
पहचान अपने कर्मो से होती है ,,, नहीं पहचाना तो शायद इसके कर्म अच्छे नहीं होंगे ,,,
ज्ञानवापी मस्जिद के लिए जिसने पिटीशन फाइल की थी, ये वो #हरिहरपांडे बिना अपना सपना पूरा किये ही नरक चले गए #दुःखद..🥺 समाचार l
परिवार को सब्र और गलत… pic.twitter.com/lGlURlyfPo
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क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने सम्बन्धित कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया तो अमर उजाला की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल दिसम्बर 2023 में उनका निधन हो गया था, तब उनकी उम्र 77 वर्ष थी। वर्ष 1991 में काशी ज्ञानवापी मुक्ति आंदोलन शुरू करने वाले प्रमुख लोगों में से हरिहर पांडेय एक थे। वर्ष 1991 में ही ज्ञानवापी से जुड़े मूल वाद लॉर्ड विश्वेश्वरनाथ केस को पंडित सोमनाथ व्यास, रामरंग शर्मा और हरिहर पांडेय ने दाखिल किया था। पंडित सोमनाथ व्यास और रामरंग शर्मा का निधन पहले ही हो चुका था।
इसके बाद हमने वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च किया तो यह तस्वीर हमे अमर उजाला की वेबसाइट पर प्रकाशित मिली। 30 नवम्बर 2024 को प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक यह तस्वीर सेंट्रल बार वाराणसी के पूर्व उपाध्यक्ष अधिवक्ता राजाआनंद ज्योति सिंह की है। रिपोर्ट में बताता गया है कि फूड प्वाजनिंग के बाद मकबूल आलम रोड स्थित एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया।
वहीं इस मामले में उनके पिता ने हत्या की आशंका जाहिर की है। उनका कहना है कि पुरानी रंजिश में खाने में जहर मिलवा कर उनके बेटे की हत्या की साजिश रची गयी है। उन्होंने पुलिस से निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग की है। वहीं घटना की जांच के लिए पुलिस की दो टीमें गठित की हैं।
पड़ताल में यह भी पता चलता है कि राजा आनन्द ज्योति सिंह वाराणसी में ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद संगठन के संयोजक थे। ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद का गठन 1987 में विश्व हिंदू परिषद के तालमेल से काशी में विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र को मुक्त कराने के लिए श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति की तर्ज पर हुआ था।
दावा | ज्ञानवापी मस्जिद में याचिकाकर्ता हरिहर पाण्डेय का निधन हो गया है। |
हकीकत | वायरल तस्वीर हरिहर पाण्डेय की नहीं, राजा आनन्द ज्योति सिंह की है। हरिहर पाण्डेय का बीती साल निधन हो चुका है। |