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5 Feb 2025, Wed

हाथ-पैरों में जंजीर बांधे वायरल वीडियो-तस्वीर अमेरिका से निकाले जा रहे भारतीयों की नहीं है

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अवैध प्रवासियों को लेकर सख्त तेवर अपनाए हुए हैं। उनके आदेश के बाद अमेरिका में रह रहे दूसरे देशों के अवैध प्रवासियों को निर्वासित किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि अमेरिका में बिना किसी वैध कागजात के दाखिल होने वाले 205 अवैध प्रवासियों को भी भारत भेज दिया गया है। इस बीच सोशल मीडिया में कुछ तस्वीरें-वीडियो वायरल है। लोग दावा कर रहे हैं कि इन भारतीयों को कैदियों की तरह अमेरिका से निकाला जा रहा है।

संदीप देव ने एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़ कर भारतीयों को अमेरिका से भगाया गया। यह दृश्य आपको मुख्यधारा मीडिया नहीं दिखाएगा! साभार।’

आईपी सिंह ने लिखा, ‘प्रधानमंत्री मोदी जी को अमेरिका यात्रा स्थगित कर देना चाहिए यदि 56 इंच की छाती है। अमेरिका ने भारतीयों को हथकड़ी और मुँह पर मास्क और सिर झुकाकर देश निकाला है। मोदी जी कम से कम ट्रम्प से इतनी तो बात कर लेते कि सम्मानजनक रुप से उनके नागरिकों को भारत भेजा जाए।’

अनिल यादव ने लिखा, ‘भारत विश्वगुरु बन चुका है, दूध, दही की नदियाँ बह रही हैँ, शेर, बकरी एक घाट पर पानी पी रहे हैँ, दरवाजे में कोई ताला नहीं लगाता है, इतना सब होने के बाद भी ये सब डंकी रूट से अमेरिका गए थे, ट्रम्पवा सबको जंजीर से बांधकर वापस भेज रहा है, ई सब दोलांड ट्रम्प के लिए हवन पूजन किया था’

कांग्रेस समर्थक ऋषि चौधरी ने लिखा, ‘भारतीयों के साथ अमेरिका में ट्रम्प द्वारा निष्कासन करते समय कैदियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है—हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां। जयशंकर जी क्या आप इतनी व्यवस्था भी नहीं कर सकते थे कि ये भारतीय इतनी दयनीय यात्रा न करते। 200 से ज्यादा अप्रवासी, एक विमान, और इतनी लंबी यात्रा में सिर्फ एक शौचालय। यह दुखद है। पॉ पॉ युद्ध रोक सकता है, लेकिन इन भक्तों के लिए कुछ नहीं कर सकता जो कहते थे कि पॉ पॉ ने उनका और भारत का नाम रोशन किया।’

अमित यादव ने लिखा, ‘जहाज में बैठा के तो खोल देना चाहिए था हाथों और पैरों को 🥺 देखो गोबर भक्तो तुम्हारे हवन का नतीजा ये है कि भारतीयों को जंजीर में बांध के बेइज्जत कर अमेरिका से निकला जा रहा है। हमारे देश के प्रधानमंत्री को फेकने से फुर्सत मिले तब न जाने भारतीयों का दर्द। अखिलेश यादव जी ने सही कहा है जिनके परिवार नहीं वो क्या जाने परिवार वालों का दर्दों’

इसके अलावा कविश अजीज, उमाशंकर, राजा, देवराज, नास्तिक, प्रगन्या गुप्ता ने भी इन तस्वीर-वीडियो को पोस्ट किया है।

क्या है हकीकत? अपनी पड़ताल में हमने वायरल सभी तस्वीरों, वीडियो पर पड़ताल की है।

1. अपनी पड़ताल के दौरान हमने वायरल वीडियो से कीफ्रेम्स निकाले और रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान हमें चैनल 4 न्यूज नाम के यूट्यूब चैनल पर यही वीडियो मिला। इस वीडियो पर दिए गए विवरण के अनुसार, यह भारतीयों को नहीं बल्कि कोलंबियाई नागरिकों को निर्वासित करने का वीडियो है।

सीएनएन पॉलिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा भारी टैरिफ लगाने की धमकी के बाद कोलंबिया ने अमेरिका से वापस भेजे जा रहे निर्वासित प्रवासियों को स्वीकार करने पर सहमति बना ली है। कोलंबिया ने राष्ट्रपति ट्रंप की सभी शर्तों पर सहमति जताई है, जिसमें अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले अप्रवासियों को बिना किसी प्रतिबंध के स्वीकार करना भी शामिल है। यह समझौता उस विवाद के बाद हुआ है जिसमें राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने निर्वासित कोलंबियाई लोगों को ले जा रहे दो अमेरिकी सैन्य विमानों को देश में उतरने से रोक दिया था।

2. हमने दूसरी तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया तो सांता मारिया टाइम्स की वेबसाइट पर प्रकाशित इस रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में वायरल तस्वीर है, इस रिपोर्ट के अनुसार तस्वीर में ग्वाटेमाला के अप्रवासी एल पासो के फोर्ट ब्लिस में एक सैन्य विमान पर बैठे हुए हैं, उनके पैरों और हाथों में हथकड़ी लगी हुई है और वे ग्वाटेमाला के लिए निर्वासन का इंतजार कर रहे हैं।

3. इसके बाद तीसरी तस्वीर को गूगल रिवर्स सर्च किया। हमे यह तस्वीर यूएस एयरफोर्स के एक्स अकाउंट पर मिली। इस पोस्ट के साथ एक प्रेस रिलीज में बताया गया है कि सक्रिय सैन्य बल अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर सुरक्षा बढ़ाएंगे। साथ ही आगे बताया गया है कि अमेरिकी उत्तरी कमान (यूएसनॉर्थकॉम) ने घोषणा की है कि संयुक्त राज्य अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए यूएसनॉर्थकॉम के मिशन के हिस्से के रूप में निम्नलिखित इकाइयों के तत्वों को सक्रिय किया गया है।

यहाँ बता दें कि दक्षिणी कैलिफोर्निया से मैक्सिको की खाड़ी में टेक्सास के दक्षिणी सिरे तक लगभग दो हजार मील तक फैली दक्षिणी अमेरिकी सीमा, लंबे समय से सीमा गश्ती एजेंटों के लिए सबसे अधिक चिंता का क्षेत्र रही है।

दावा
हकीकत

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