सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल है। इस वीडियो में एक महिला अन्य सफाईकर्मी महिलाओं को दूर से पानी देती हुई नजर आ रही है। इस वीडियो को जातिगत भेदभाव का आरोप लगाते हुए लोग शेयर कर रहे हैं।
प्रियांशु कुमार ने लिखा, ‘जातिवाद का दर्द क्या होता है, देखिए पानी मांगनें पर इस महिला को जानवरों की तरह दुत्कारते हुए दूर से पानी की बोतल रखकर पानी दिया जा रहा है। सिर्फ इसलिए क्योंकि वह महिला किसी निम्न जाति की है। यह भारत देश है, यहां जाति है कि जाती ही नहीं’
जातिवाद का दर्द क्या होता है, देखिए 👇
— Priyanshu Kumar (@priyanshu__63) March 8, 2025
पानी मांगनें पर इस महिला को जानवरों की तरह दुत्कारते हुए दूर से पानी की बोतल रखकर पानी दिया जा रहा है। सिर्फ इसलिए क्योंकि वह महिला किसी निम्न जाति की है।
यह भारत देश है, यहां जाति है कि जाती ही नहीं 💔 pic.twitter.com/9NjAbltlpT
ओम सुधा ने लिखा, ‘इस महिला को सिर्फ इसलिए दूर से बोतल रखकर पानी दिया जा रहा है और दुत्कारा जा रहा है क्योंकि यह दलित है। क्या आप इस दर्द को महसूस कर सकते हैं।’
इस महिला को सिर्फ इसलिए दूर से बोतल रखकर पानी दिया जा रहा है और दुत्कारा जा रहा है क्योंकि यह दलित है।
— Dr. Om Sudha (@dromsudhaa) March 7, 2025
क्या आप इस दर्द को महसूस कर सकते हैं।@BhimArmyChief @sakshijoshii @AzadSamajParty @ReallySwara @RichaChadha @ravishndtv @yadavtejashwi @sanjuydv @Ritu191994 pic.twitter.com/CppF3l1EUE
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने वायरल वीडियो के अलग अलग स्क्रीनशॉट्स को गूगल सर्च किया तो यह वीडियो हमे Asianet Newsable के यूट्यूब चैनल पर मिला। इस वीडियो का ‘मकान मालिक ने सफाईकर्मियों को पीने का पानी देने से ‘मना’ किया; वायरल वीडियो जागरूकता लाता है’ टाईटल के साथ 24 जून, 2020 को अपलोड किया गया था।
‘पूराकर्मिका’ नागरिक निकाय ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के तहत सफाई कर्मचारी हैं। इस वीडियो के साथ यूट्यूब वीडियो के विवरण में लिखा है, ‘बेंगलुरु: ब्रुहट बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के सफाईकर्मी सिर्फ शहर को साफ रखने तक ही सीमित नहीं हैं, कुछ लोग अपने अंदर छिपी प्रतिभा को सामने लाने का भी प्रयास करते हैं। जब शहर कोरोना वायरस (COVID-19) के मामलों में वृद्धि के बाद डर की चपेट में है, तो सबसे कमजोर सफाईकर्मियों को वीडियो बनाने का विचार आया। पहले वायरल वीडियो में, दो सफाईकर्मी महिलाओं में से एक अभिमानी गृहस्वामी की भूमिका निभाती है और अपने घर के अंदर पीने का पानी उपलब्ध कराने से इंकार कर देती है। पानी मांगने आई सफाईकर्मी महिला हैरान रह गई। अगले दृश्य में, अभिमानी महिला अपने घर के गेट से बाहर आई, सड़क पर पानी की बोतल रखी और सफाईकर्मी से पानी लेने को कहा।’

साथ ही यह भी बताया गया है कि वीडियो में दिख रहे सभी लोग बेंगलुरु के सिंगासंद्रा वार्ड के सफाईकर्मी हैं। यूट्यूब वीडियो में, ‘पूराकर्मियों’ को कन्नड़ में यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वे इस महामारी के दौरान अपने निर्धारित इलाकों की सफाई करने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं, फिर भी उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है, क्योंकि लोगों को डर है कि वे उनसे कोरोनावायरस संक्रमण की चपेट में आ जाएंगे।
इस वीडियो की सराहना बीबीएमपी के विशेष आयुक्त सरफराज खान ने भी की, जिन्हें यूट्यूब वीडियो में यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वे इस वीडियो में जागरूकता लाने के लिए सफाईकर्मियों द्वारा किए गए रचनात्मक कार्य की सराहना करते हैं।
दावा | जातिवाद का दर्द क्या होता है, देखिए पानी मांगनें पर इस महिला को जानवरों की तरह दुत्कारते हुए दूर से पानी की बोतल रखकर पानी दिया जा रहा है। सिर्फ इसलिए क्योंकि वह महिला किसी निम्न जाति की है। |
हकीकत | यह वीडियो स्क्रिप्टेड है। कोरोना काल में बीबीएमपी ने लोगों में जागरूकता के उद्देश्य से इस वीडियो को बनाया था। इस वीडियो में गृहस्वामी महिला भी सफाईकर्मी है। |