उत्तर प्रदेश के कौशांबी जनपद में बीते दिनों माँ बेटे की हत्या कर दी गयी। सोशल मीडिया में कौशांबी की इस घटना के मामले में पीड़ित की जाति का उल्लेख करते हुए जातीय रंग दिया जा रहा है।
नगीना सांसद चन्द्र शेखर आजाद ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के चायल विधानसभा क्षेत्र स्थित काजू गांव में दलित समाज के संगमलाल की पत्नी संगीता और उनके बेटे की नृशंस हत्या अत्यंत हृदयविदारक और दण्डनीय घटना है। उत्तर प्रदेश में लगातार दलित समाज पर हो रहे ऐसे हमले चिंताजनक हैं।’
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के चायल विधानसभा क्षेत्र स्थित काजू गांव में दलित समाज के संगमलाल की पत्नी संगीता और उनके बेटे की नृशंस हत्या अत्यंत हृदयविदारक और दण्डनीय घटना है। उत्तर प्रदेश में लगातार दलित समाज पर हो रहे ऐसे हमले चिंताजनक हैं।@UPGovt से हमारी मांगें:-
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) March 13, 2025
मामले…
शिव प्रकाश वर्मा ने लिखा, ‘कौशांबी के काजू गांव में संगमलाल जी की पत्नी संगीता और उनके बेटे की नृशंस हत्या दिल दहला देने वाली है! डबल इंजन सरकार में यूपी में दलित समाज पर हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे। यह शासन की निष्क्रियता और अपराधियों के हौसले बुलंद होने का नतीजा है! कब तक दलित समाज यूँ ही मारा जाएगा? दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए।’
कौशांबी के काजू गांव में संगमलाल जी की पत्नी संगीता और उनके बेटे की नृशंस हत्या दिल दहला देने वाली है!
— Shiv Prakash Vishwakarma (@ShivPrakash04) March 13, 2025
डबल इंजन सरकार में यूपी में दलित समाज पर हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे। यह शासन की निष्क्रियता और अपराधियों के हौसले बुलंद होने का नतीजा है! कब तक दलित समाज यूँ ही मारा जाएगा?…
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने सम्बंधित कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया तो अमर उजाला की वेबसाईट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक चयाल थाना क्षेत्र के काजू निवासी संगम लाल दिवाकर मुंबई में टैक्सी ड्राइवर हैं। उनका बड़ा बेटा सरबजीत उर्फ कल्लू भी पिता के साथ रहकर फर्नीचर का काम करता था। माह भर पहले वह घर आया था। रविवार शाम गांव के ही संतोष सरोज के घर में कोई नहीं था तो संगम लाल का छोटा बेटा आशीष उर्फ सत्यजीत उसकी बेटी से मिलने गया था।
अमर उजाला के मुताबिक कुछ देर बाद संतोष की पत्नी शांति को आता देख वह भाग निकला। उसकी चप्पल वहीं छूट गई। दूसरे दिन सुबह आशीष अपने बड़े भाई सरबजीत (22) के साथ चप्पल लेने संतोष के घर पहुंचा। शांति ने चप्पल देने से इनकार करते हुए उलाहना दिया। इसे लेकर दोनों पक्ष में मारपीट भी हुई। शांति ने मामले की शिकायत पुलिस से की लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर शांति और उसके दोनों बेटे गुस्से में थे। रात करीब नौ बजे बड़ा बेटा शनि कुल्हाड़ी लेकर संगम लाल के घर पहुंचा और दरवाजा पीटने लगा। पीछे से शांति और उसका छोटा बेटा भी गड़ासा लेकर पहुंच गए। सरबजीत ने जैसे ही दरवाजा खोला। तीनों ने उस पर हमला बोल दिया। बचाने पहुंची सरबजीत की मां संगीता(45) पर भी प्रहार किए। खून से लथपथ मां-बेटे को ग्रामीण मेडिकल कॉलेज ले गए, जहां डाक्टरों ने सरबजीत को मृत घोषित कर दिया। दो घंटे बाद संगीता ने भी दम तोड़ दिया।
वहीं सीओ सत्येन्द्र तिवारी के मुताबिक आरोपी श्रवण ने बताया कि मृत सरबजीत का छोटा भाई सत्यजीत उसकी बहन से अक्सर छेड़खानी करता था। जिस दिन उसकी चप्पल घर पर मिली, उस दिन भाई शनि का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। शनि कुल्हाड़ी लेकर सत्यजीत के घर पहुंचा। पीछे-पीछे श्रवण भी गड़ासा लेकर चल दिया। उन्हें समझाने के लिए मां शांति भी आई, लेकिन वह नहीं मानें। जैसे ही सत्यजीत का दरवाजा खटखटाया तो सरबजीत सामने आ गया। शनि ने सत्यजीत के बारे में पूछा, लेकिन वह उससे बात करने के लिए कहने लगा। इस पर शनि ने उस पर हमला कर दिया। वह खून से लथपथ होकर गिर गया। शनि व श्रवण ने देखा कि सत्यजीत अपनी मां संगीता के पीछे छिपने की कोशिश कर रहा है। दोनों भाई आगे बढ़े। जब संगीता ने रोकने की कोशिश की तो उस पर भी दोनों भाइयों ने हमला कर दिया। इस बीच सत्यजीत घर के पीछे की दीवार फांदकर अपने दादा की छत पर चढ़कर भाग निकला।
वहीं दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में बताया गया है कि कौशांबी पुलिस ने मां-बेटे की हत्या के मामले में शनि सरोज को देवरिया के भटनी रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया है। इस मामले का दूसरा आरोपी श्रवण कुमार पहले ही गिरफ्तार होकर जेल जा चुका है।
पड़ताल में हमने इसके बाद काजू गांव की प्रधान रागिनी से सम्पर्क किया। उन्होंने बताया कि मृतक और आरोपी पड़ोसी हैं। संगीता धोबी जाति से हैं जबकि आरोपी शनि सरोज पासी जाति से हैं। दोनों ही अनुसूचित वर्ग में आते हैं।
इस सम्बन्ध में हमने गांव के पूर्व प्रधान राम मिलन से भी बात की। उन्होंने बताया कि दोनों पक्ष पड़ोसी हैं, मृतक पक्ष धोबी का मोहल्ले में एक ही मकान है। दूसरा पक्ष पासी जाति से हैं। इस घटना में जाति बिरादरी जैसी कोई बात नहीं है।
दावा | हकीकत |
कौशाम्बी में दलित माँ-बेटी की हत्या कर दी गयी। उत्तर प्रदेश में लगातार दलित समाज पर हो रहे ऐसे हमले चिंताजनक हैं। | कौशाम्बी में दोनों पक्ष अनुसूचित वर्ग से हैं। मृतक सरबजीत का छोटा भाई सत्यजीत आरोपी की बहन से मिलने गया था। इससे नाराज आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया दिया। |