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1 Dec 2025, Mon

CDS अनिल चौहान ने नहीं कहा कि भारत ने अरुणाचल-लद्दाख चीन को सौंप दिए, वायरल वीडियो एडिटेड है

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में सीडीएस जनरल अनिल चौहान भारत सरकार की आलोचना करते हुए कह रहे हैं कि कमजोर एयर फोर्स की वजह से भारत ने अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख चीन के हाथों गंवा दिया। हालांकि हमारी पड़ताल में वीडियो एडिटेड निकला।

पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा अकाउंट The Whistle Blower ने एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘ब्रेकिंग न्यूज़ केरल: इंडियन नेवल एकेडमी, एझिमाला में पासिंग आउट परेड के रिव्यूइंग ऑफिसर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल अनिल चौहान ने कहा, “हालांकि मुझे पता है कि भारत सरकार ने हमारी कमजोर एयरफोर्स की वजह से अरुणाचल और लद्दाख चीन को सौंप दिया है, लेकिन भरोसा रखें कि इंडियन नेवी कमजोर नहीं है और पाकिस्तान कभी भी भारत के किसी भी पोर्ट सिटी को नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा।’

निदेश सूर्यवंशी ने लिखा, ‘मुझे पता है कि भारत की सत्ता ने अपनी कमज़ोर एयरफोर्स के कारण लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश चीन को सरेंडर कर दिया है। चीफ़ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान का बयान नपुंसक सत्ता ओर कायर जनता के मुंह पर थूक रहा है।’

इसके अलावा अर्चना सिंह, मोहित चौधरी, विपिन, साजिद और सुभाष कुमार शर्मा ने भी इसी दावे के साथ वीडियो को शेयर किया है।

क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने वायरल वीडियो में अनिल चौहान के भाषण के कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया तो हमे इस सम्बन्ध में कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली। इसके बाद हमने इसी वीडियो के अलग अलग स्क्रीनशॉट्स को गूगल रिवर्स सर्च किया तो CDS जनरल अनिल चौहान के भाषण का असल वीडियो MINT के यूट्यूब चैनल पर मिला।

यह वीडियो केरल के एझिमाला में इंडियन नेवल अकादमी की पासिंग आउट परेड का है। करीबन एक घंटा 33 मिनट से अपने भाषण में CDS जनरल चौहान ने कहा कि युद्ध के मैदान में अकुशलता की कीमत जान देकर चुकानी पड़ती है, इसलिए हर कैडेट को पेशेवर उत्कृष्टता हासिल करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह कोई विकल्प नहीं, बल्कि कर्तव्य है।

जनरल चौहान ने बताया कि पहले सैन्य रणनीति भूगोल पर आधारित होती थी, लेकिन आज तकनीक ने उसकी जगह ले ली है। टेक्नोलॉजी अब सैन्य रणनीति, संचालन और छोटे-से-छोटे युद्धक तरीकों तक को प्रभावित कर रही है। उन्होंने कैडेट्स से अपील की कि अपने पूरे करियर में तकनीक पर ध्यान दें।

CDS ने कहा कि युद्ध अब मल्टी-डोमेन हो चुके हैं और कोई भी एकल सेवा अकेले युद्ध नहीं जीत सकती। भविष्य के सभी युद्ध एकीकृत तरीके से लड़े जाएंगे। इसी वजह से तीनों सेनाओं में संयुक्तता और इंटीग्रेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है।उन्होंने कहा कि भारत महाद्वीपीय और समुद्री, दोनों तरह की शक्ति है, लेकिन देश का भविष्य महासागरों में तय होगा। इसमें भारतीय नौसेना की निर्णायक भूमिका होगी। उन्होंने इसे “पूर्व-निर्धारित” बताया और कहा कि भविष्य में राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सैन्य शक्ति के उपयोग में नौसेना प्रमुख भूमिका निभाएगी।

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