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14 Dec 2025, Sun

रामभद्राचार्य के नाम से वायरल ब्राह्मणों के ‘बिना संभोग के संतान’ और क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र पर अपमानजनक टिप्पणी वाले पोस्टकार्ड फर्जी हैं

सोशल मीडिया में तुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य की तस्वीर के साथ दो अलग अलग पोस्टकार्ड वायरल हैं। एक पोस्टकार्ड में लिखा है कि हम ब्राह्मण हैं हम उच्च जाति के हैं क्षत्रिय” वैश्य शूद्र ये हमारे मूत्र से पैदा हुए हैं सदियों से लोग ब्राह्मणों के चरण धो कर पीते हैं! वहीं दूसरे पोस्टकार्ड में लिखा है कि हम ब्राह्मण हैं हमारे अन्दर इतनी शक्तियां होती हैं कि बिना संभोग के बच्चा पैदा हो जाता हैं हम शादी के बाद तंत्र मंत्र और सिद्धियों से बिना संभोग के बच्चा पैदा कर सकते हैं। लोग दावा कर रहे हैं कि ये दोनों बयान रामभद्राचार्य ने दिए हैं।

दिव्या कुमारी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘रामभद्राचार्य जैसे इस गधे आदमी से ज्ञानपीठ पुरस्कार वापस लिया जाए ये ज्ञानपीठ जैसे बड़े पुरस्कार की मर्यादा को गिरा रहा है। इस पुरस्कार के लायक नहीं है ये..’ 

समाजवादी एके ने लिखा, ‘इनके लिए कुछ लाइन याद आ गयी.. तू नहीं कोई और सही, कोई और नहीं, कोई और सही बहुत लम्बी है जमीं.. मिलते हैं लाख हसीं इस जमाने में “बाबा” तुम अकेले तो नहीं’

राज्य पारुलेकर ने लिखा, ‘इस साल के ज्ञानपीठ विजेता । गुलज़ार साहेब ने ज्ञानपीठ शेयर किया है भाई’

शोभनाथ राव ने लिखा, ‘CM योगी आदित्यनाथ, राजनाथ सिँह और भी ठाकुर समाज वालों, ओमबिड़ला सहित तमाम वैश्य नेताओं, और अनुप्रिया पटेल  ओमप्रकाश राजभर अखिलेश यादव राकेश टिकैत आदि नेताओं को सोचने का वक़्त हैं कि आप लोग इस नीच अंधे कि औलाद हैं? अगर नहीं तो इसकी सेवा आप लोगों को जरूर करनी चाहिए….?! जयभीम जयभारत’ 

इसके अलावा जमील अंसारी, यादव ऑफ बिहार, पवन, कृषण कांत, दयानंद कांबले और प्रोफेसर आनंद प्रकाश मिश्रा ने भी यही दावा किया है।

क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने दोनों बयानों के कीबर्ड्स को गूगल सर्च तो हमे जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य का ऐसा कोई बयान नहीं मिला। हमने देखा कि पहले वायरल पोस्टकार्ड पर समाचार संस्थान नवभारत टाइम्स जबकि दूसरे पोस्टकार्ड पर मोलिटिक्स का Logo लगा है। हमने दोनों समाचार संस्थानों के सोशल मीडिया हैंडल्स को खंगाला। 

इस दौरान पहला असल पोस्टकार्ड हमें नवभारत टाइम्स के अधिकारिक एक्स हैंडल पर 9 दिसंबर 2025 को पोस्ट मिला। इस पोस्टकार्ड पर रामभद्राचार्य के बयान को कोट करते हुए लिखा है कि ‘मैं अब ममता बनर्जी को बहन नहीं कह सकता, अब तो जयचंद, मानसिंह, मोहम्मद गोरी, चंगेज खान, महमूद गजनवी जैसे गद्दारों की बहन हैं, हमारी नहीं।’

वहीं दूसरे पोस्टकार्ड मोलिटिक्स के एक्स हैंडल पर 2 दिसंबर 2025 को पोस्ट मिला। इस पोस्टकार्ड पर रामभद्राचार्य के बयान को कोट करते हुए लिखा है कि ‘हम महिला को पत्नी नहीं, धर्मपत्नी कहते हैं! WIFE का फुलफॉर्म बताकर फंसे जगद्गुरु रामभद्राचार्य की सफाई!’

दावास्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि हम ब्राह्मण हैं हम उच्च जाति के हैं क्षत्रिय” वैश्य शूद्र ये हमारे मूत्र से पैदा हुए हैं सदियों से लोग ब्राह्मणों के चरण धो कर पीते हैं! हम ब्राह्मण हैं हमारे अन्दर इतनी शक्तियां होती हैं कि बिना संभोग के बच्चा पैदा हो जाता हैं हम शादी के बाद तंत्र मंत्र और सिद्धियों से बिना संभोग के बच्चा पैदा कर सकते हैं। लोग दावा कर रहे हैं कि ये दोनों बयान रामभद्राचार्य ने दिए हैं।
हकीकतस्वामी रामभद्राचार्य ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया, दोनों पोस्टकार्ड एडिट कर बनाए गये हैं।

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