सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है। इस वीडियो में कुछ लोग अर्थी पर शव को ले जाते हुए नजर आ रहे हैं जबकि पुलिस उनको रोक रही है। दावा किया जा रहा है कि पुलिस एक दलित व्यक्ति के शव को उंची जाति के लोगों के शमशान में शव जलाने से रोक रही है हालांकि हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुआ है।
सत्या यादव ने लिखा, ‘जातिवाद का जहर इस कदर फैला हुआ है आज भी ऊंची जाती के लोग शव तक जलाने नहीं देते अपने जाति के शमशान में फिलाल मै इस वीडियो को देख कर ख़ुश हु जो हो रहा इन लोग के साथ इसी लायक है क्यों की इस हालत के जुम्मेदार ये खुद है सबसे बड़ा हिन्दू बनने का शौक है इन्ही को है इनको ही चाहिए था’
जातिवाद का जहर इस कदर फैला हुआ है आज भी ऊंची जाती के लोग शव तक जलाने नहीं देते अपने जाति के शमशान में
— SATYA YADAV™ (@AHIR___SAAB) December 17, 2025
फिलाल मै इस वीडियो को देख कर ख़ुश हु जो हो रहा इन लोग के साथ इसी लायक है क्यों की इस हालत के जुम्मेदार ये खुद है सबसे बड़ा हिन्दू बनने का शौक है इन्ही को है इनको ही चाहिए था… pic.twitter.com/8owpcj3d7G
तनवीर रंगरेज ने एक्स पर लिखा, ‘दलित पक्के वाले हिन्दू बने घूम रहे है, दलितो की औकात ये है की ऊची जाति के लोग अपने शमशान मे जलने के लायक भी नही समझते ,, जातिवाद का जहर इस कदर फैला हुआ है आज भी लोग #शव तक जलने नहीं देते अपने जाति के शमशान में!’ शव ले जाते लोगों को पुलिस द्वारा एक वीडियो वायरल है।

यदुवीर सिंह ने लिखा, ‘ज़िंदा रहते भेदभाव, मरने के बाद भी भेदभाव? क्या यही है हमारा समाज?’
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने वायरल वीडियो के अलग अलग स्क्रीनशॉट को गूगल रिवर्स सर्च किया तो यह वीडियो हमे भारत समाचार के एक्स हैंडल पर मिला। इस पोस्ट में अमेठी के जगदीशपुर कोतवाली के गूंगेमऊ गांव में केयरटेकर की हत्या का मामला बताया गया है, साथ ही लिखा है कि परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से मना किया। उन्होंने हत्यारोपी की गिरफ्तारी की मांग की।
अमेठी : श्मशान के केयरटेकर की हत्या का मामला
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) December 15, 2025
➡परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से किया मना
➡परिजनों की मांग- पहले हत्यारे गिरफ्तार हों
➡रिक्शा पर रखकर शव लेकर जाम लगाने निकले
➡रास्ते में पुलिस और ग्रामीणों में हुई नोक-झोंक
➡शव कंधे पर लादकर रोड जाम करने निकले
➡जगदीशपुर… pic.twitter.com/spAbbrWlnX
हमने इन कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च किया तो 15 दिसंबर को प्रकाशित दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना अमेठी में जगदीशपुर थाना क्षेत्र के हारीमऊ गांव की है। गूंगेमऊ गांव निवासी मक्खन सिंह हारीमऊ में निर्माणाधीन अंत्येष्टि स्थल पर केयरटेकर के रूप में कार्यरत थे। शनिवार देर रात अज्ञात बदमाशों ने ईंटों से कूंचकर उनकी हत्या कर दी थी। रविवार सुबह अंत्येष्टि स्थल के पास उनका शव मिला, जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और परिजनों की तहरीर पर अज्ञात हत्यारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।

रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी जब पुलिस हत्यारों तक नहीं पहुंच सकी तो परिजन और ग्रामीण आक्रोशित हो गए। वे ई-रिक्शे से शव को गांव की मुख्य सड़क पर ले आए और जाम लगा दिया। मामले की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस के अलावा करीब आधा दर्जन थानों की पुलिस मौके पर पहुंची है। पुलिस ग्रामीणों को समझाने-बुझाने का प्रयास कर रही है लेकिन प्रदर्शनकारी हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं।
वहीं 16 दिसम्बर को प्रकाशित हिंदुस्तान, दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने मक्खन सिंह की हत्या के मामले में शिवलाल पुत्र नीमर तथा धर्मराज उर्फ डडू पुत्र दातादीन उर्फ दतई नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एक आरोपी फरार चल रहा है।
आरोपियों ने बताया कि शनिवार की रात वह लोग मक्खन सिंह के साथ निर्माणाधीन अन्त्येष्टि स्थल पर अलाव जलाकर ताप रहे थे। इसी दौरान मक्खन ने शिवलाल के बेटे दिलीप को गाली दे दी और एक डंडा मार दिया। जिस पर दिलीप ने पास में पड़ी हथौड़ी से मक्खन के चेहरे व सिर पर दो-तीन वार कर दिया। वहीं धर्मराज ने भी पास में पड़ी ईंट से तथा शिव लाल ने लकड़ी की फंटी से मक्खन को मारा था। जिसके बाद एक्सीडेंट दिखाने के लिये मक्खन के शव को साइकिल से ले जाकर कुछ दूरी पर डाल कर ऊपर से साइकिल गिरा दिया था। एसएचओ ने बताया कि फरार अभियुक्त दिलीप की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
थाना जगदीशपुर पुलिस द्वारा हत्या की घटना का अनावरण, प्रकाश में आये 02 अभियुक्त गिरफ्तार।#amethipolice pic.twitter.com/sf3F4wABMH
— AMETHI POLICE (@amethipolice) December 16, 2025
इसके बाद हमने गूंगेमऊ गांव के प्रधान अभिषेक विक्रम सिंह से संपर्क किया। हमने उनसे वायरल वीडियो के सम्बन्ध में पूछा तो उन्होंने बताया कि मृतक के परिजन शव को लेकर गांव से बाहर धरना प्रदर्शन के लिए जा रहे थे तब पुलिस उन्हें रोक रही थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस घटना में जातिगत विवाद नहीं है। मृतक दलित नहीं, ठाकुर जाति से है।

