सोशल मीडिया पर बुलडोजर द्वारा एक मंदिर को तोड़ने का वीडियो वायरल है। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि आरएसएस-भाजपा की सरकार में मंदिर तोडा जा रहा है। हालांकि हमारी पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा गलत है।
समाजवादी पार्टी समर्थक सूर्या समाजवादी ने एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘बीजेपी जितना मंदिर तोड़ रही है उतने किसी आक्रांता ने भी नहीं तोड़े इसपर ढोंगी और अंधभक्त चुप क्यों है ? अभी ये काम विपक्ष के किसी नेता ने किया होता तो भी क्या वो ऐसे ही चुप रहते’
बीजेपी जितना मंदिर तोड़ रही है उतने किसी आक्रांता ने भी नहीं तोड़े
— Surya Samajwadi (@surya_samajwadi) December 1, 2025
इसपर ढोंगी और अंधभक्त चुप क्यों है ? अभी ये काम विपक्ष के किसी नेता ने किया होता तो भी क्या वो ऐसे ही चुप रहते pic.twitter.com/nwXA4RaVOD
समाजवादी एके ने लिखा, ‘भाजपा के लिए हिंदू धर्म राजनीति करने का माध्यम है | अगर ऐसा नहीं होता तो मंदिर नहीं तोड़े जाते! कहां हैं वो भ&वे जो खुद को धर्म का ठेकेदार बताते हैं.. दो ||gलों अब नहीं बोलोगे?’
भाजपा के लिए हिंदू धर्म राजनीति करने का माध्यम है |
— 🏅Samajwadi A K (@Samajwadi_AK) December 1, 2025
अगर ऐसा नहीं होता तो मंदिर नहीं तोड़े जाते!
कहां हैं वो भ&वे जो खुद को धर्म का ठेकेदार बताते हैं..
दो ||gलों अब नहीं बोलोगे? pic.twitter.com/U04nJfZ0ES
कांग्रेस नेता केशव चन्द्र यादव ने लिखा, ‘क्या यही भाजपा का रामराज्य है?’
क्या यही भाजपा का रामराज्य है? pic.twitter.com/44dLsPm4Fv
— Keshav Chand Yadav (@keshavyadaviyc) December 1, 2025
अमित यादव ने लिखा, ‘RSS वाले बाबर की सरकार मंदिर तोड़ रही है’
RSS वाले बाबर की सरकार मंदिर तोड़ रही है… pic.twitter.com/wF2MAYUbS9
— Amit Yadav (Journalist) (@amityadavbharat) December 1, 2025
आम आदमी पार्टी के नेता निकुंज जोशी ने लिखा, ‘सिर्फ़ पार्किंग के लिए 1400 साल पुराना मंदिर गिरा दिया गया। डबल इंजन सरकार में मंदिर भी सुरक्षित नहीं हैं। धर्म के ठेकेदार कहाँ चले गए?’
ફક્ત પાર્કિંગ માટે 1400 વર્ષ જૂનું મંદિર તોડી પાડ્યું.
— Nikunj Joshi 🇮🇳 (@Nikunjjoshi_) December 1, 2025
ડબલ એન્જીન સરકાર માં મંદિરો પણ સુરક્ષિત નથી.
ધર્મના ઠેકેદારો કયા ગયા? pic.twitter.com/1oC1dwartT
इसके अलावा अनीता यादव, प्रज्ज्वल कुमार यादव ने भी इस वीडियो को पोस्ट किया है।
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने वायरल वीडियो के अलग अलग स्क्रीनशॉट को रिवर्स सर्च किया तो हमे इस मंदिर का एक वीडियो मिला, इस वीडियो को झारखंड के एक फेसबुक यूजर सोहनलाल महतो ने पोस्ट किया था।

19 अप्रैल 2025 की पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘गिरिडीह जिले के प्रसिद्ध बगोदर के बेको पंच शिव मंदिर करीब 3.5 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। इस पंच शिव मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर 29 अप्रैल से 11 दिवसीय श्री श्री 1008 रुद्र राधा कृष्णा महा यज्ञ कलश यात्रा के साथ शुभारंभ किया जायेगा। जिसको लेकर आज ही दिन शनिवार को समय 2:30 एक बैठक रखी गई है। जिसमें भंडारा और मुख्य जेजमान का ड़ाक किया जाना है। जिसमें अधिक से अधिक लोग पहुंचे।’
हमने इन कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया तो दैनिक जागरण की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड के गिरिडीह जिले में बगोदर प्रखंड की बेको पूर्वी और पश्चिमी पंचायत के करीब 300 सेवानिवृत्तों ने अपनी पेंशन की राशि से भव्य शिव मंदिर का निर्माण कराया है, जिसके निर्माण में साढ़े तीन करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई। इसको लेकर पूर्व मुखिया टेकलाल चौधरी ने कहा कि बुजुर्गों ने मंदिर निर्माण कराकर सराहनीय कार्य किया है। जो काम युवाओं को करना चाहिए था, उसे बुजुर्गों ने किया। इनके इस योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
इस सम्बन्ध में प्रभात खबर की रिपोर्ट में भी बताया गया है कि करीब एक सौ साल पुराने जर्जर हो चुके उक्त मंदिर को बुजुर्ग पेंशनधारियों ने अपनी पेंशन से बनाया। साल 2012 में इस मंदिर के जीर्णोद्धार काम शुरू हुआ था।

इसके बाद हमने एक गिरिडीह जिले के एक स्थानीय पत्रकार की मदद से बेको पूर्वी के सरपंच तारा देवी से सम्पर्क किया तो हमारी बात टेकलाल चौधरी से हुई। हमने सबसे पहले टेकलाल को वायरल वीडियो व्हाटस्प पर भेजा। इसके बाद टेकलाल चौधरी ने बताया कि यह वीडियो उनके ही गाँव बेको पूर्वी के पंच शिव मंदिर का है। गाँव का यह मंदिर वर्षों पुराना है। ग्रामीणों की मदद से वर्ष 2012 में इसके जीर्णोद्धार का काम शुरू किया गया था। नया मंदिर तैयार होने के बाद पुराने मंदिर की प्रतिमाएँ विधिवत पूजा-पाठ के साथ हटाई गईं। इसके बाद पुराने पक्के निर्माण को बुलडोज़र की मदद से तोड़ा गया। वायरल हो रहा वीडियो उसी समय का है, यह लगभग एक साल पुरानी घटना है।
उन्होंने आगे बताया कि वे दो बार सरपंच रह चुके हैं और वर्तमान में उनकी पत्नी तारा देवी सरपंच हैं। टेकलाल चौधरी ने स्पष्ट किया कि पुराने मंदिर को न तो किसी सरकार और न ही प्रशासन ने तोड़ा था, यह कार्य ग्रामीणों की सहमति से ही किया गया था। उस वीडियो को गलत इरादे से वायरल किया गया है।

