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23 Dec 2024, Mon

देश में 19 लाख EVM गायब होने का दावा फर्जी है

महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव खत्म हो चुका है। इसके बाद सोशल मीडिया में लोग 19 लाख ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के गायब होने के दावा कर रहे हैं। हालांकि पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा गलत है।

योगिता जैन ने लिखा, ‘महाराष्ट्र इलेक्शन रिजल्ट लोकतंत्र के लिए रेड अलर्ट…..जनता के वोट का कोई मतलब नहीं क्या अब इन्हीं EVM का इस्तेमाल तो कहीं नहीं हो रहा देश में कहा है ये सब EVM मशीनें मध्यप्रदेश और हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में भी EVM जीत गई और जनता हार गई। सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करके BJP ने जनमत का अपहरण कर लिया। नतीजा ये रहा कि जनता जिसे हराना चाहती थी, वो जीत गया।’

पवन वर्मा ने लिखा, ‘2 साल में 19 लाख EVM गायब’

सत्यनारायण गौतम ने लिखा, ‘2 साल में 19 लाख ईवीएम गायब’

कृष्णकांत ने लिखा, ‘देश इतने मजबूत हाथों में है कि एक ही हाथ पूरे हिन्दुस्तान को मसल रहा है। 19 लाख ईवीएम कहां गई? इसका जवाब मिले बिना निष्पक्ष चुनाव संभव है?’

विक्रम ने लिखा, ‘दो साल में 19 लाख EVM गायब है,आखिर कहाँ गए यह EVM? किसने चोरी किये यह EVM?’

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क्या है हकीकत? पड़ताल में हमे इकोनॉमिक टाइम्स, एनडीटीवी की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। मार्च 2024 को प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें वर्ष 2016-19 के बीच चुनाव आयोग की निगरानी से 19 लाख ईवीएम के गायब होने का आरोप लगाया गया था, ताकि लोकसभा चुनाव के नतीजों को प्रभावित किया जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया।

इसके बाद हमे चुनाव आयोग के एक्स हैंडल पर एक पोस्ट मिला। चुनाव आयोग ने बताया कि फ्रंटलाइन और टीवी9 भारतवर्ष के संपादक को भ्रामक रिपोर्ट्स के बारे में सूचित कर दिया गया है। फ्रंटलाइन के संपादक ने गलती को स्वीकार लिया है और इस बारे में स्पष्टीकरण को प्रकाशित कर दिया जाएगा। वहीं टीवी9 चैनल ने अपने टेलीकास्ट को डिलीट कर दिया है।

दावादेश में 19 लाख EVM गायब हैं।
हकीकत19 लाख ईवीएम गायब होने का दावा फेक और दुष्प्रचार है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में दायर याचिका को पूरी तरह से निराधार बताते हुए खारिज कर चुका है।

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