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12 Mar 2025, Wed

भाजपा सरकार में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद पर लाठीचार्ज का दावा गलत, वायरल वीडियो 9 साल से ज्यादा पुराना है

सोशल मीडिया में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का एक वीडियो वायरल है, इस वीडियो के साथ लोग दावा कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में अविमुक्तेश्वरानंद को लाठियों से पीटा गया है।

आम आदमी पार्टी के कार्यकर्त्ता राम गुप्ता ने लिखा , ‘सत्ता के नशे में चूर भाजपा अब देश के सर्वोच्च धर्माचार्य पूज्य शंकराचार्य पर लाठियाँ चलवाकर साबित कर चुकी है कि इनका हिंदुत्व सिर्फ सत्ता की कुर्सी तक सीमित है। इस वीडियो को देखने के बाद उम्मीद है देशवासियों की आँखें अवश्य खुलेंगी।’

कांग्रेस कार्यकर्त्ता रितेश सिंह ने एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘सनातन धर्म का ध्वज लिए शंकराचार्य जी पर इस कदर लाठीचार्ज। घोर निन्दनीये कर्म है ये। हिन्दू रक्षा के नाम पर राजनीति करनेवालों के मुँह में दही जम गया है क्या।’

अर्चना सिंह ने लिखा, ‘#Amitshah जी शंकराचार्य जी पर लाठी चार्ज करवाना बहुत ही शर्मनाक है इसकी जितनी निन्दा की जाए वो कम है! शरीर पर पड़ी हर लाठी की गूंज बहुत दूर तक जाएगी कृपया इसको रोकिए 🙏 ! पुलिस बालों पर सख्त से सख्त कानूनी करवाई हो ! #Yogi जी इस्तीफ़ा दे , यूपी संभल नहीं रहा है इनसे?’

हरीश गोयल ने लिखा, ‘अमृतकाल में सनातन का प्रचार शंकराचार्य पर लट्ठ का प्रहार (लाठीचार्ज ) कहाँ हैं हिन्दू रक्षा के नाम पर खून खराबा करने वाले’

कांग्रेस समर्थक बाबूलाल ने लिखा, ‘मोदी के अमृतकाल में सनातन का प्रचार शंकराचार्य पर लट्ठ का प्रहार (लाठीचार्ज ) कहाँ हैं हिन्दू रक्षा के नाम पर खून खराबा करने वाले? बेचारे इतने लाचार क्यूँ नज़र आते है?’

इसके अलावा दलबीर सिंह, यशवंत कुमार, कृष्णा, विश्राम मीणा, विजेंद्र सिंह, श्रवण कुमार, सुमन मीणा, विशाल ने भी इस वीडियो को पोस्ट किया है

क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने इस सम्बन्ध में कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया तो इससे मिलता जुलता वीडियो हमे First India News के यूट्यूब चैनल पर मिला। इस वीडियो को 23 सितंबर 2015 को अपलोड किया गया था।

इसके बाद हमे इससे सम्बन्धित मीडिया रिपोर्ट भी मिली। दैनिक भास्कर की 9 वर्ष पुरानी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि गंगा में गणेश विसर्जन के दौरान हुए लाठीचार्ज के बाद स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद ने सीएम अखिलेश यादव से मामले में लिखित रूप से माफी मांगने की मांग की है। उन्‍होंने कहा घटना में कई भक्‍त घायल हो गए थे। पुलिस ने बेगुनाह लोगों पर निर्दयता से लाठी बरसाई। इसके लिए सीएम अखिलेश को माफी मांगनी चाहिए।

वहीं अप्रैल 2021 में दैनिक जागरण की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को हरिद्वार में वाराणसी में छह साल पूर्व हुए लाठीचार्ज के लिए संतों से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि ‘जो गलती हुई थी, उसे स्वीकार करते हुए मैंने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद और उनके शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से क्षमा मांगी है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि यह मामला वाराणसी जिले में वर्ष 2015 का है तब उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के शासनकाल में प्रशासन ने संतों को गंगा में गणेश प्रतिमा का विसर्जन नहीं करने दिया था। इससे नाराज संत और बटुक श्रीविद्यामठ प्रमुख स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद के साथ गंगा तट पर ही धरने पर बैठ गए। संतों को हटाने के लिए पुलिस ने उन पर लाठी चार्ज किया। इसमें स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद समेत कई संतों को चोट आई थी।

दावा भाजपा सरकार में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद को लाठियों से पीटा गया।
हकीकतयह वीडियो साल 2015 का है। यूपी में अखिलेश यादव के कार्यकाल में अविमुक्‍तेश्‍वरानंद पर लाठीचार्ज किया गया था।

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