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13 Mar 2025, Thu

भारतीय जाति को विश्व समस्या बताने वाला इतिहासकार श्रीधर केतकर का अधूरा बयान बाबा साहेब अम्बेडकर के नाम से वायरल

सोशल मीडिया में डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर का बयान बताते हुए एक ग्राफिक्स वायरल है। इसमें अम्बेडकर कहते हैं कि यदि हिंदू पृथ्वी पर अन्य क्षेत्रों में पलायन कर जाएं तो भारतीय जाति एक विश्व समस्या बन जाएगी।

लखन मीणा ने इस ग्राफिक्स को पोस्ट करते हुए लिखा, ‘बाबासाहेब अंबेडकर जैसा दूरदर्शी व्यक्ति आज तक भारत में पैदा नहीं हुआ।’

इसी ग्राफिक्स को दलित वोईस ने भी पोस्ट किया है।

क्या है हकीकत? अपनी पड़ताल में हमने डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर का वांडमय खंगाला। इस दौरान हमे ‘डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर: लेखन और भाषण, खंड 1‘ मिला। यह खंड अंबेडकर के कार्यों के व्यापक संग्रह का एक हिस्सा है, जिसमें उनके भाषण, लेखन और पत्र शामिल हैं। इस किताब के पृष्ठ 6 के चैप्टर 1 ‘भारत में जातियाँ: उनका तंत्र, उत्पत्ति और विकास।’ में हमें वायरल ग्राफिक्स से मिलते जुलते वक्तव्य मिले। यहाँ लिखा है, ‘जब तक भारत में जाति मौजूद है, हिंदू शायद ही बाहरी लोगों के साथ विवाह करेंगे या उनका कोई सामाजिक मेलजोल होगा और अगर हिंदू पृथ्वी पर अन्य क्षेत्रों में चले जाते हैं तो भारतीय जाति एक विश्व समस्या बन जाएगी।’

अंबेडकर ने इस लाइन को कोट करते हुए लिखा है। यहाँ उन्होंने केतकर की किताब ‘कास्ट के पेज नम्बर 4’ को अपना सोर्स बताया है। इसके बाद हमे 1909 में मराठी इतिहासकार श्रीधर वेंकटेश केतकर द्वारा लिखित पुस्तक ‘जाति का इतिहास‘ मिली। अपनी पुस्तक के पृष्ठ 4 पर केतकर ने जाति व्यवस्था की आलोचना की है।

उन्होंने लिखा, ‘जब तक भारत में जाति व्यवस्था मौजूद है, तब तक हिंदू शायद ही किसी बाहरी व्यक्ति के साथ विवाह करेंगे या उसके साथ कोई सामाजिक मेलजोल रखेंगे और अगर हिंदू पृथ्वी के अन्य क्षेत्रों में चले जाते हैं तो भारतीय जाति एक वैश्विक समस्या बन जाएगी।’

दावा अम्बेडकर कहते हैं कि यदि हिंदू पृथ्वी पर अन्य क्षेत्रों में पलायन कर जाएं तो भारतीय जाति एक विश्व समस्या बन जाएगी।
हकीकतयह वक्तव्य बाबा साहेब अम्बेडकर का नहीं, मराठी इतिहासकार श्रीधर वेंकटेश केतकर का है।

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