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9 Jun 2025, Mon

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री में फॉण्ट विवाद की पड़ताल

बीते दिनों से सोशल मीडिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री पर सवाल उठाए जा रहे हैं। लोग फॉण्ट को लेकर अलग-अलग दावे कर नरेंद्र मोदी की डिग्री को फर्जी बता रहे हैं। 

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने पीएम मोदी की डिग्री ट्वीट कर लिखा कि PM की डिग्री फर्जी है। गुजरात विश्वविद्यालय की जो डिग्री मोदी जी की दिखाई जा रही है व प्रमाण पत्र पर जिस “लिपि शैली” में Master लिखा है वो “लिपि शैली” ही 1992 में आई जबकि मोदी जी की डिग्री तो 1983 की बताई जा रही है।

कांग्रेस नेता रितू चौधरी ने लिखा कि माइक्रोसॉफ़्ट की जो फ़ॉण्ट 1992 में आयी उसको मोदी जी के डिग्री पर 1983 में ही इस्तेमाल किया गया। कमाल है…

कांग्रेस समर्थक शांतनु ने लिखा कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने 1983 में अपने शानदार छात्र नरेंद्र मोदी की डिग्री के लिए एमएस फॉन्ट का इस्तेमाल किया, जो 1992 में अस्तित्व में आया।

आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बाल्यान ने लिखा कि खुद BJP ने शेयर किया है। ऊपर “Unibersity” और नीचे University लिखा है। आखिर ऐसा कैसे?

निगार प्रवीन ने लिखा कि अब लोग कह रहे हैं कि जो भाजपा ने अपने ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री शेयर की हैं उसमें यूनिवर्सिटी की स्पेलिंग ठीक नहीं है। दो जगह यूनिवर्सिटी लिखा हुआ है वो भी अलग अलग..ये कैसे हो सकता है ? क्या प्रिंटर भी पढ़ा लिखा नहीं था ? इतनी बड़ी गलती किससे हो गई होगी?

इसके अलावा कांग्रेस समर्थक सरोज कुमार ने भी यही दावा किया है।

क्या है हकीकत?: संजय सिंह, रितू चौधरी, शांतनु द्वारा डिग्री और MS(Microsoft) Word एक स्क्रीनशॉट करते हुए दावा किया है कि डिग्री और MS Word का फॉण्ट Old English Text MT एक समान है और यह फॉण्ट 1992 में आया था।   

पड़ताल में हमने इसे ध्यान से देखा तो पता चलता है कि डिग्री और MS Word के स्क्रीनशॉट का फॉण्ट अलग-अलग हैं। पाठक नीचे स्क्रीनशॉट में नीले गोल मार्क में M और A पर नजर डालें, यहाँ अंतर स्पष्ट नजर आता है।

इसके बाद हमे एक फॉण्ट बेबसाईट पर पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री वाला फॉण्ट मिला। बेबसाईट के मुताबिक यह ‘Old English’ फॉण्ट है।

Old English Font

इस फॉण्ट के सम्बन्ध में एक रिपोर्ट के मुताबिक अंग्रेजी में लेखन की यह शैली पहली बार यूरोप में 12वीं शताब्दी के दौरान विकसित हुई और इसके विभिन्न संस्करणों का आज भी उपयोग किया जाता है। इसे ओल्ड इंग्लिश फॉन्ट या ब्लैकलेटर फॉन्ट या गॉथिक फॉन्ट भी कहते हैं। फॉण्ट का इतिहास यहाँ भी पढ़ सकते हैं।

History of Old English Font

असल में Microsoft की स्थापना 1975 में हुई थी लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अंग्रेजी भाषा या अंग्रेजी फॉण्ट Microsoft की स्थापना के बाद आए। यह पहले से मौजूद थे। उदाहरण के लिए पाठक इन अखबारों पर नजर डालें। यहाँ भी OLD English Faimly Font का इस्तेमाल होता आया है।

NY Times 1936

 

 

Times of India 1948

 

पीएम मोदी की डिग्री में ‘V’ और ‘b’ पर विवाद: निगार प्रवीन, नरेश बालियान और अनिल यादव का कहना है कि पीएम मोदी की डिग्री में यूनीवर्सिटी की स्पेलिंग गलत है। इसमें V की जगह b का इस्तेमाल हुआ है। पड़ताल में हमने फॉण्ट बेबसाईट पर यूनीवर्सिटी की स्पेलिंग को लिखा तो पता चलता है कि Old English Font में V टाइप करने पर B की तरह दिखने वाला b आता है। पाठक खुद भी यहाँ बेबसाईट पर इसकी जांच कर सकते हैं।

University

साथ ही, उदाहरण के लिए इंटरनेट पर मौजूद नीचे डिग्री को भी देखा जा सकता है। इन सभी डिग्री में यूनीवर्सिटी की स्पेलिंग में B की तरह दिखने वाला b आता है। पाठक इस तरह की डिग्री को यहाँ, यहाँ और यहाँ देख सकते हैं।

 

 

पड़ताल में हमे हिंदी समाचार बेबसाईट हिंदुस्तान पर फरवरी 2016 को प्रकाशित एक खबर मिली। इस खबर के मुताबिक अभिनेता शाहरुख ने डीयू के हंसराज कॉलेज से पास होने के 28 वर्ष बाद अपनी डिग्री ली। अंग्रेजी समाचार बेबसाईट इंडियन एक्सप्रेस पर भी यह खबर प्रकाशित है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर में शाहरुख खान अपनी डिग्री दिखाते हुए नजर आ रहे हैं। गौर से देखने पर पता चलता है कि उनकी इस डिग्री में भी University की स्पेलिंग में V की जगह b है।


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