सोशल मीडिया में मतदाताओं की एक लिस्ट वायरल है। इस लिस्ट में 48 मतदाताओं के पिता के तौर पर एक ही नाम रामकमल दास दर्ज है। इस लिस्ट के साथ लोग चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
दिनेश कुमार ने एक्स पर लिस्ट पोस्ट करते हुए लिखा, ‘चुनाव आयोग की शक्तियों का कमाल देखिए! उत्तर प्रदेश के रामकमल दास अपने 43 पुत्रों के साथ रहते हैं। खास बात ये है कि उनमें से 13 बेटे एक साथ जन्मे और संयोग देखिए, सभी की उम्र 37 साल है! इतना ही नहीं, इसके बाद तीन-तीन बेटों के दो और सेट जन्मे, जिनकी उम्र क्रमशः 35, 36 और 47 साल है। और हद तो ये है कि बाकी बेटों की उम्र 47 और 49 साल बताई जा रही है! अब सवाल ये है कि ये परिवार है या कोई टाइम-ट्रैवल की कहानी? या फिर चुनाव आयोग को 3D एनिमेशन की ज़रूरत है ताकि वो इस गणित को अच्छे से समझ सके?’
सुजाता ने लिखा, ‘मतदाता सूची में नहीं गिनीज़ बुक में होना चाहिए नाम, राजकमल दास का नहीं, चुनाव आयोग का.’
संदीप यादव ने लिखा, ‘केंचुआ का जादू। उत्तर प्रदेश के रामकमल दास जी अपने मकान में 43 पुत्रों के साथ रहते हैं! इनके 13 बेटे तो एक ही साथ पैदा हुए थे, सभी की उम्र 37 वर्ष है। इसके अलावा तीन-तीन बेटे तो तीन चार बार में ही पैदा हो गये, जिनकी उम्र क्रमशः 35, 36 और 47 वर्ष है। शेष बेटों में कुछ 48 वर्ष के, एक दो 49 वर्ष के और कुछ 37 और 49 वर्ष के बीच के हैं! इस बात का स्पष्टीकरण भारत का कर्मठ, निष्पक्ष, ईमानदार चुनाव आयोग कर रहा है.’
आशुतोष वर्मा ने लिखा, ‘मेन स्ट्रीम मीडिया कभी ये खबर चला पायेगा? हर चुनाव कैसे जीता जा रहा है, कैसे हर चुनाव में साहबान को महफ़िल लुटवाई जा रही है। चुनाव आयोग, सत्ता की कठपुतली बन गया है। ये सब कोरी कल्पनाओं वाली बातें नहीं हैं, बल्कि हकीकत है।….मुर्दा लोकतंत्र को विनम्र श्रद्धांजलि चुनाव आयोग को विनम्र श्रद्धांजलि’
सुरभि ने लिखा, ‘चुनाव आयोग की शक्तियां देखे ! उत्तरप्रदेश के रामकमल दास अपने 43 पुत्र के साथ रहते है ! उसमे भी 13 बेटे एक साथ जन्मे और इन सभी की उम्र 37 साल है! उसके बाद और तीन – तीन बेटे एक और बार जन्मे जिनकी उम्र 35,36,47 साल है ! दूसरे बेटो की उमर 47,49 साल है !’
इसके अलावा अपूर्व, आचार्य कन्फ्यूशियस, राजेन्द्र पाल, उत्तम चंद ने भी इस लिस्ट को पोस्ट किया है।
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने कुछ कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया तो ‘Etv Bharat’ की वेबसाईट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। मई 2023 को प्रकाशित इस रिपोर्ट में वायरल लिस्ट है। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह वोटर लिस्ट वाराणसी के वार्ड नम्बर 51 की है।

रिपोर्ट के मुताबिक मतदाताओं के पिता के तौर पर दर्ज राम कमल दास वाराणसी के जाने-माने संत हैं। रामकमल दास गुरुधाम के राम जानकी मंदिर के संस्थापक हैं। राम कमल दास के सेक्रेटरी रामभरत ने बताया कि यह लिस्ट पूरी तरीके से सही है। स्वामी जी अविवाहित हैं लेकिन, हमारे आश्रम में गुरु शिष्य परंपरा का निर्वहन होता है। इस वजह से इस आश्रम में जो भी छात्र रहते हैं, वह स्वामी जी को अपने गुरु पिता के तौर पर मानते हैं। यही वजह है कि इस वोटर लिस्ट में उन्होंने अपने पिता के नाम पर गुरु जी का नाम अंकित कराया है।
वहीं दैनिक जागरण की रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वामी रामकमल दास वेदांती रामजानकी मठ खोजवां के महंत हैं। मठ प्रबंधक रामभरत शास्त्री ने बताया कि गुरु-शिष्य संत परंपरा में जुड़ने के बाद शिष्यों का नाम बदल दिया जाता है और पिता के नाम के स्थान पर गुरु का नाम लिखा जाता है। पहले 150 लोगों के पिता के तौर पर स्वामी जी का नाम दर्ज था। यह संख्या अब 48 रह गई है। इनमें से छह लोगों ने गुरुवार को मतदान भी किया।
दावा | उत्तर प्रदेश के रामकमल दास अपने 43 पुत्रों के साथ रहते हैं। खास बात ये है कि उनमें से 13 बेटे एक साथ जन्मे और संयोग देखिए, सभी की उम्र 37 साल है। चुनाव आयोग गड़बड़ी कर रहा है। |
हकीकत | रामकमल दास एक मठ के महंत हैं। गुरु-शिष्य संत परंपरा में जुड़ने के बाद शिष्यों का नाम बदल दिया जाता है और पिता के नाम के स्थान पर गुरु का नाम लिखा जाता है। इसी वजह से उनके शिष्यों के पिता का नाम रामकमल दास दर्ज है। |