बीते दिनों से कई मीडिया संस्थानों ने दावा किया गया कि एनसीईआरटी (NCERT) की तरफ से 11वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस की नई किताब में देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का नाम हटा दिया गया है। इस दावे पर कई राजनेताओं ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं, सोशल मीडिया में भी हंगामा मचा।
‘द हिंदू’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि किताब के पहले चैप्टर में, ‘संविधान – क्यों और कैसे’ टॉपिक से, संविधान सभा समिति की बैठकों से मौलाना आजाद का नाम हटा दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक पाठ्यपुस्तक के पुराने संस्करण में, पहले अध्याय के एक पैराग्राफ में लिखा था, “संविधान सभा में विभिन्न विषयों पर आठ प्रमुख समितियाँ थीं। आमतौर पर, जवाहरलाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल, मौलाना आज़ाद या अम्बेडकर इन समितियों की अध्यक्षता करते थे। ये ऐसे पुरुष नहीं थे जो कई बातों पर एक-दूसरे से सहमत हों। अम्बेडकर अनुसूचित जाति के उत्थान के लिए पर्याप्त नहीं करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस और गांधी के कटु आलोचक थे। पटेल और नेहरू के बीच कई मुद्दों पर असहमति थी। फिर भी, वे सभी एक साथ काम करते थे।’
The Hindu की रिपोर्ट |
‘द हिंदू’ का कहना है कि आजाद का नाम नए संस्करण से हटा दिया गया है, प्रासंगिक वाक्य के साथ अब कहा गया है, “आमतौर पर, जवाहरलाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल या बीआर अंबेडकर इन समितियों की अध्यक्षता की।” द हिंदू ने अपनी इस रिपोर्ट में 11वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस के पेज नम्बर 18 का स्क्रीनशॉट लगाया है।
इसी दावे के साथ द वायर, ABP न्यूज, दैनिक जागरण, अमर उजाला, दैनिक भास्कर, न्यूज18, आजतक, हिंदुस्तान, India Today, Ndtv इंडिया समेत कई मीडिया संस्थानों ने खबर प्रकाशित की है।
इस मामले पर यूपी कांग्रेस के ट्वीटर हैंडल ने लिखा कि महात्मा गांधी के बाद मौलाना अबुल कलाम आजाद के सन्दर्भों को भी कक्षा 11 के पॉलिटिकल साइंस के NCERT की किताब से हटा दिया गया। कौन सी पढ़ाई पढ़ाना चाहते हैं ये लोग? साहब के ‘एंटायर पॉलिटिकल साइंस’ वाले लीडर्स के बारे में ही पढ़ाएंगे क्या? ‘हेडगवार’ टाइप लोगों के बारे में?
महात्मा गांधी के बाद मौलाना अबुल कलाम आजाद के सन्दर्भों को भी कक्षा 11 के पॉलिटिकल साइंस के NCERT की किताब से हटा दिया गया।
कौन सी पढ़ाई पढ़ाना चाहते हैं ये लोग? साहब के ‘एंटायर पॉलिटिकल साइंस’ वाले लीडर्स के बारे में ही पढ़ाएंगे क्या?
‘हेडगवार’ टाइप लोगों के बारे में? pic.twitter.com/J250a7JKZ8
— UP Congress (@INCUttarPradesh) April 14, 2023
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अंशुल अविजित ने कहा कि मोदी सरकार इतिहास को खोखला करती जा रही है। वह झूठ के आधार पर इबारत खड़ी करनी चाहती है। ये साजिश वो लोग कर रहे हैं जिनके वैचारिक पूर्वजों का आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं था। इन्होंने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का विरोध किया था, तिरंगे का विरोध किया था।
आज साजिश के तहत इतिहास को बदला जा रहा है।
इसके तहत ही देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद जी का नाम भी 11वीं कक्षा की किताब से हटाया गया है।
यह अन्याय है।
: @AnshulAvijit जी pic.twitter.com/L7JfgO5gW3
— Congress (@INCIndia) April 13, 2023
वामपंथी नेता सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर कहा ”स्कूली पाठ्यपुस्तकों से मौलाना आजाद के किसी भी संदर्भ को हटाना अपमानजनक है। आरएसएस की फासीवादी वैचारिक योजना को आगे बढ़ाने के लिए झूठा विमर्श तैयार कर इतिहास का ऐसा प्रतिशोधपूर्ण पुनर्लेखन आधुनिक भारत की नींव को नष्ट करेगा।
Outrageous to delete any reference to Maulana Azad from school text books. Such vengeful rewriting of history to create a false narrative to further the RSS fascistic ideological project destroys the foundations of Modern India inevitably negating all civilisational advances. pic.twitter.com/pglMElvn2r
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) April 13, 2023
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट कर लिखा कि यह कितना अपमानजनक है। मुझे
ऐतिहासिक आख्यान में उपेक्षित आंकड़े जोड़ने पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन
गलत कारणों से लोगों को हटाना हमारे लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।
इसके अलावा वामपंथी इतिहासकार अशोक कुमार पाण्डेय, पत्रकार सुहासिनी हैदर, सदफ आफरीन, वसीम अकरम त्यागी, राना अयूब, अली सोहराब, मिराज हुसैन, तौकीर अनवर, कांग्रेस नेता तौकीर आलम, सुप्रिया श्रीनेत, सपा नेता अबु आजमी ने मौलाना आजाद का नाम हटाने को लेकर ट्वीट किया।
पड़ताल: हमे NCERT की बेबसाईट पर 2023-24 सत्र की 11वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस की किताब मिली। यहाँ किताब के पहले चैप्टर ‘संविधान – क्यों और कैसे’ में 18वें पन्ने पर मौलाना आजाद का नाम नहीं है। किताब में लिखा गया है कि आमतौर पर, जवाहरलाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल, मौलाना आज़ाद या अम्बेडकर इन समितियों की अध्यक्षता करते थे।
2023-24 |
इसके बाद हमने NCERT की 11वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस किताब के पुराने संस्करण को खंगाला। एक बेबसाईट पर हमे 2022-2023 सत्र की पॉलिटिकल साइंस की अंग्रेजी और हिंदी दोनों किताबें मिली। हमे देखा कि पुराने संस्करण की इस किताब में भी मौलाना आजाद का नाम नहीं है।
2022-23 |
पड़ताल में आगे बढ़ते हुए हमे 2019-2020 और 2020-2021 सत्र की किताब मिली।
पुराने संस्करण की इन दोनों किताब में भी मौलाना आजाद का नाम नहीं है।
2019-20 और 2020-21 |
निष्कर्ष: पड़ताल में NCERT की 11वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस के 3 पुराने संस्करण की किताब मिली। इन सभी किताब में मौलाना आजाद का नाम नहीं था। हालाँकि हमे 2020-19 सत्र से पुराने संस्करण की किताब नहीं मिली हैं लेकिन यह स्पष्ट है कि 2023-24 सत्र की किताब से मौलाना आजाद का नाम हटाने का गलत है, हकीकत में मौलाना का नाम पुराने संस्करण की किताबों में भी नहीं था।
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