उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में बीते दिनों पूर्व प्रधान मुकेश खटीक का शव पेड़ से लटका मिला। मृतक के पुत्र करन की तहरीर पर पुलिस ने 7 नामजद दीपक, अमरपाल, धर्मपाल, जीतू, लोकेश, पवन ओर विशाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। आरोप है कि उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी और शव को पेड़ पर लटका दिया। वहीं सोशल मीडिया में इस घटना को जातिगत रंग दिया गया।
कांग्रेस नेता उदित राज ने लिखा, ‘पूर्व प्रधान मुकेश खटिक,जो दलित समाज , गांव -बाद , थाना -अहमदगढ़, बुलंदशहर, उप्र के रहने वाले थे। गत 3 नवंबर 2025 की रात को अपने खेत में पानी लगा रहे थे और दबंगों ने हत्या कर दिया। कुछ महीने पहले इनके बड़े लड़के की हत्या कर दिया था। सवर्णों ने उप्र में दलितों पर कहर ढा रखा है।’

मधुर यादव ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले में दलित समाज से आने वाले पूर्व ग्राम प्रधान मुकेश खटिक की खेत में पानी लगाते समय दबंग सवर्ण जाति के लोगो ने हत्या कर दी गई। यह घटना 3 नवंबर 2025 की रात की बताई जा रही है। मृतक गांव बाद,थाना अहमदगढ़ के निवासी थे। कुछ महीने पहले उनके बड़े बेटे की भी हत्या कर दी गई थी,जिसका न्याय अभी तक परिवार को नहीं मिला। गौरतलब है कि 9 अक्टूबर को लखनऊ में बसपा प्रमुख मायावती ने अपनी रैली में योगी सरकार की सराहना की थी। अब इस ताज़ा घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या उत्तर प्रदेश में दलितों की सुरक्षा सिर्फ़ भाषणों तक सीमित रह गई है!’
पढिये up में अहीरो की गुंडई ?
— MadhurYadav (@MadhurYadav214) November 7, 2025
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले में दलित समाज से आने वाले पूर्व ग्राम प्रधान मुकेश खटिक की खेत में पानी लगाते समय दबंग सवर्ण जाति के लोगो ने हत्या कर दी गई।
यह घटना 3 नवंबर 2025 की रात की बताई जा रही है। मृतक गांव बाद,थाना अहमदगढ़ के निवासी थे।… pic.twitter.com/7eN1ujVa1V
एक यूजर खुरपेंच ने लिखा, ‘ये राम राज्य नहीं जंगल राज है। बिहार के जंगल राज की बात हर टीवी डिबेट में होती है, लेकिन उत्तर प्रदेश के बढ़ते अपराधों पर सन्नाटा है। दलितों पर हमले , पुलिस की लापरवाही और नेताओं की चुप्पी – यही असली जंगल राज है। 3 नवम्बर को मुकेश खटिक की बेरहमी से हत्या हुई, कुछ महीने पहले उनके बेटे की भी हत्या कर दी गई थी। दो-दो हत्याओं के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ऐसा लगता है कि यूपी में कानून सिर्फ ताकतवरों के लिए है, आम और कमजोर लोगों के लिए नहीं। दलितों और गरीबों में डर है, महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, और सरकार सिर्फ “सब ठीक है का ढोल पीट रही है।’
ये 👇 “राम राज्य” नहीं “जंगल राज” है।
— खुरपेंच Satire (@Khurpench_) November 7, 2025
बिहार के “जंगल राज” की बात हर टीवी डिबेट में होती है, लेकिन उत्तर प्रदेश के बढ़ते अपराधों पर सन्नाटा है।
दलितों पर हमले , पुलिस की लापरवाही और नेताओं की चुप्पी – यही असली जंगल राज है।
3 नवम्बर को मुकेश खटिक की बेरहमी से हत्या हुई, कुछ… pic.twitter.com/IqlNWTLMQ8
मोहम्मद शादाब ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश दलितों और मुसलमानों पर अत्याचार का गढ़ बन चुका है पुलिस प्रशासन नाकाम साबित हो रहे हैं सरकार भी ऐसे मामलों में मुलाविश देखी गई है।’
पूर्व प्रधान मुकेश खटिक,जो दलित समाज , गांव बाद , थाना -अहमदगढ़ , बुलंदशहर , उप्र के रहने वाले थे 3 नवंबर 2025 की रात को अपने खेत में पानी लगा रहे थे और दबंगों ने हत्या कर दिया । कुछ महीने पहले इनके बड़े लड़के की हत्या कर दिया था
— محمد شاداب Mohd Shadab (@Shadshaikh10) November 7, 2025
उत्तर प्रदेश दलितों और मुसलमानों पर अत्याचार का… pic.twitter.com/tF9Cj4f9Va
इसके अलावा मौर्यवंश की बेटी, अंकित अवस्थी, बीएसपी उत्तर प्रदेश, मुकेश कुमार, अशरफ, सुगात, पवन भाई गुप्ता, हेमंत ने भी इस घटना को दलितों पर अत्याचार से जोड़ा है।
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमें सम्बंधित कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया तो अमर उजाला की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश की हत्या के प्रकरण में पुलिस ने कुम्मन उर्फ कुंभीर उर्फ कुंवरपाल निवासी गांव सालाबाद, थाना छतारी और पूरन सिंह उर्फ कल्लन सिंह निवासी पोखरगढी, थाना जवां, अलीगढ़ को गिरफ्तार किया है।

एसपी देहात डाॅ. तेजवीर सिंह के मुताबिक कुम्मन ने बताया कि वह अक्सर मुकेश के साथ शराब पीता था। कुछ दिन पहले मुकेश ने शराब पीकर उसे गालियां दी थीं और उसके कपड़े फाड़ दिए थे। इस बात का उसे बहुत बुरा लगा था और उसने मन ही मन मुकेश की हत्या करने की ठान ली थी। 3 नवंबर 2025 की शाम को कुम्मन और पूरन सिंह अपने दो अन्य साथियों प्रेम सिंह और नरेन्द्र के साथ मुकेश की ट्यूबवेल पर शराब पी रहे थे। शराब के नशे में मुकेश ने फिर से गाली-गलौज शुरू कर दी, जिससे नाराज होकर चारों ने मिलकर मुकेश का मुंह दबा दिया। जब मुकेश बेहोश हो गए तो चारों उसे खींचकर पेड़ के पास ले गए। आत्महत्या दिखाने के लिए उन्होंने मुकेश के अंगोछे से उनका गला बांधकर शव को पेड़ से लटका दिया। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से एक मोबाइल फोन बरामद किया है।
स्वाट टीम देहात व थाना अहमदगढ पुलिस द्वारा मुकेश की हत्या का सफल अनावरण, घटना में संलिप्त 02 अभियुक्त गिरफ्तार करने के सम्बन्ध में अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डॉ0 तेजवीर सिंह की बाइट~#UPPolice #BulandshahrPolice pic.twitter.com/im4HTy1OoO
— Bulandshahr Police (@bulandshahrpol) November 9, 2025
उन्होंने आगे कहा कि दोनों को पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। कुम्मन का लंबा आपराधिक इतिहास है, उसके खिलाफ लूट, हत्या का प्रयास, मारपीट और गैंगस्टर एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में 15 मुकदमे दर्ज हैं।
स्वाट टीम देहात व थाना अहमदगढ पुलिस द्वारा मुकेश की हत्या का सफल अनावरण, घटना में संलिप्त 02 अभियुक्त गिरफ्तार ।#UPPolice #BulandshahrPolice pic.twitter.com/tkGeuKSOPf
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वहीं हमने बुलन्दशहर के थाना छतारी के गांव सालाबाद के पूर्व प्रधान बिजेंद्र सिंह से सम्पर्क किया उन्होंने बताया कि मृतक मुकेश खटीक और कुम्मन की बहुत पुरानी दोस्ती थी। दोनों अक्सर साथ रहते थे। साथ ही दोनों एक ही जाति से हैं, कुम्मन भी खटीक है।
इसके बाद हमारी बात अलीगढ के थाना जवां के गांव पोखरगढी के पूर्व प्रधान बलराम सिंह से हुई। उन्होंने बताया कि बुलंदशहर की घटना की जानकारी नहीं हैं। लेकिन इस घटना में शामिल उनके गांव का निवासी आरोपी पूरन सिंह अहेरिया जाति से ताल्लुक रखता है।
| दावा | बुलंदशहर में पूर्व प्रधान मुकेश खटीक की सवर्ण जाति के लोगो ने हत्या कर दी। सवर्णों ने उप्र में दलितों पर कहर ढा रखा है। |
| हकीकत | पूर्व प्रधान मुकेश खटीक की हत्या उनके साथ शराब पीने वाले दोस्तों ने ही की थी। मुकेश का उसके दोस्त कुम्मन से विवाद हुआ था। मुकेश भी जाति से खटीक है। |

