उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बीते दिनों दो बच्चों की दर्दनाक तरीके से हत्या कर दी गयी। दोनों बच्चों का गला कई बार रेता गया था। गर्दन पर कई जगह रेतने के निशान मिले। वहीं सोशल मीडिया में लोगों ने इस घटना को जातिगत रंग दिया।
प्रदीप यादव ने एक्स पर लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के सहजनवा गांव में दो दलित बच्चों का गला रेत कर बेदर्दी से हत्या कर दी. कानून व्यवस्था पर बार बार सवाल उठता है कि क्या यूपी में दलित सुरक्षित रह सकता है कि नहीं गोरखपुर पुलिस से निवेदन है कि इन मासूम बच्चों के हत्यारों को जल्द गिरफ्तार किया जाए’
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के सहजनवा गांव में दो दलित बच्चों का गला रेत कर बेदर्दी से हत्या कर दी.
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कानून व्यवस्था पर बार बार सवाल उठता है कि क्या यूपी में दलित सुरक्षित रह सकता है कि नहीं
गोरखपुर पुलिस से निवेदन है कि इन मासूम बच्चों के हत्यारों को जल्द गिरफ्तार किया जाए pic.twitter.com/huv4aA14LF
क्राइम रिपोर्ट इंडिया ने लिखा, ‘गोरखपुर में एक भयानक हादसा हो गया. उच्च जाति के हिंदुओं द्वारा दो दलित नाबालिगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। उनके हाथ-पैर रस्सी से बंधे मिले। उत्तर प्रदेश दलितों के लिए कब्रगाह बनता जा रहा है.’
क्या है हकीकत? अपनी पड़ताल में हमे इस सम्बन्ध में अमर उजाला की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक सहजनवां के भक्सा गांव में दो दलित बच्चों अभिषेक और उसके ममेरे भाई प्रिंस की हत्या गांव के एक नाबालिग युवक ने अपने साथी के साथी मिलकर की थी।
पूछताछ में मुख्य आरोपी किशोर ने बताया है कि वो कुकर्म के मामले में वर्ष 2023 में बाल सुधार गृह जा चुका है। आठ माह वहां रहा था। जब से बाल सुधार गृह से आया था, अभिषेक उसे बार-बार चिढ़ाता था। सार्वजनिक रूप से मजाक उड़ाता था, कई जगहों पर कुकर्मी कहकर भी बुलाता था। कई दिनों से बदला लेना चाह रहा था। इधर उसका एक रिश्तेदार चिलुआताल से आया था, उसके साथ वह रोज साइकिल से घूमता रहता था। 23 जनवरी को भी दोनों साथ निकले थे। तब बगल के गांव के एक दोस्त के साथ बाइक से उनके पीछे गया। गांव से दूर सिवान में दोनों को साइकिल से खींचकर एक किमी दूर सरसों के खेत में ले गया। वहां पर दोनों की पैंट और अन्य कपड़े उतारकर हाथ-पैर बांध दिए। उसके चिढ़ाने से बहुत आहत था, कई दिनों से बदला लेना चाह रहा था, इसलिए उसे तड़पाने के लिए गलत काम करने की कोशिश की लेकिन वह चिल्लाने लगा। फिर चाकू से उसकी गर्दन रेतकर हत्या कर दी। उसके रिश्तेदार को छोड़ रहा था फिर लगा कि भेद खुल जाएगा। इसलिए दोबारा उसे पकड़कर उसकी भी गर्दन रेत दी और शवों को वहीं छोड़कर घर चला गया।
इसके बाद हमने गोरखपुर के एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव से सम्पर्क किया। उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी को अभिषेक चिढ़ाता था इसीलिए उसने दोस्त के साथ मिलकर हत्या कर दी। भेद खुलने के डर से अभिषेक के साथ आए ममेरे भाई प्रिंस को भी जान से मार दिया था। मुख्य आरोपी को अभिरक्षा में लेकर बाल सुधार गृह भिजवा दिया गया है। दूसरे आरोपी की तलाश में पुलिस टीम लगी है। इस मामले में किसी तरह की जाति विवाद नहीं है।
दावा | गोरखपुर में उच्च जाति के लोगों ने दलित बच्चों की हत्या कर दी। दलित असुरक्षित हैं। |
हकीकत | गोरखपुर में दो बच्चों की हत्या की घटना कुकर्म के मामले में एक आरोपी को चिढाने की वजह से हुई थी। इस प्रकरण में जातिगत एंगल नहीं है। |