सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल है। जिसमें पाकिस्तान के जनक मुहम्मद अली जिन्ना के बगल में कई लोग बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं। इस तस्वीर के साथ लोग दावा कर रहे हैं कि मुहम्मद अली जिन्ना के साथ श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी बैठे हुए हैं।
टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने एक्स पर तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘नीचे दी गई फ़ोटो देखें, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और जिन्ना कितने करीब हैं। यह एक बहुत ही दुर्लभ तस्वीर है। @RSSorg और @BJP4India के दोहरे रवैये का सबूत…’
See the photo below, how close Shyama Prasad Mukherjee and Jinna are. This is a very rare photograph. Evidence of the double speak of @RSSorg and @BJP4India .. BJP founder Dr. Shyama Prasad Mukherjee and his Hindu Mahasabha formed coalition govts with Jinnah's Muslim League in… pic.twitter.com/03Y2VcLpIR
— Kirti Azad (@KirtiAzaad) December 10, 2025
वेद प्रकाश ने लिखा, ‘मुस्लिम लीग से गलबहिया करके सरकार बनाते #भाजपा के पुराने स्वरूप जनसंघ संस्थापक श्यामाप्रसाद मुखर्जी! आजादी आंदोलन के समय अंग्रेजी हकूमत के पिठ्ठू, मुखबिर दलाल भी भाजपा के वैचारिक पुरखे थे! मुस्लिम लीग से हाथ मिलाकर भारत-पाकिस्तान 2 देश बनाने की पहल करने वाले भी BJP पूर्वज थे!’
#मुस्लिम_लीग से गलबहिया करके सरकार बनाते #भाजपा के पुराने स्वरूप जनसंघ संस्थापक #श्यामाप्रसाद_मुखर्जी!
— ved prakash vidrohi (@vpvidrohi) December 9, 2025
आजादी आंदोलन के समय अंग्रेजी हकूमत के पिठ्ठू, मुखबिर दलाल भी भाजपा के वैचारिक पुरखे थे!
मुस्लिम लीग से हाथ मिलाकर भारत-पाकिस्तान 2 देश बनाने की पहल करने वाले भी #BJP पूर्वज थे! pic.twitter.com/Fvf0ErJLvY
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च किया तो हमे इसका मूल संस्करण स्टॉक इमेज वेबसाइट Alami पर मिला। यहाँ तस्वीर को मुस्लिम लीग वर्किंग कमेटी का बताया गया है। इस तस्वीर में जिन्ना के दाहिनी ओर बैठे व्यक्ति के श्यामा प्रसाद मुखर्जी होने का उल्लेख नहीं है।

हमे इस सम्बन्ध में एक दूसरी तस्वीर Getty Images की वेबसाइट पर मिली। इस तस्वीर में जिन्ना के साथ सर निजामुद्दीन और सिकंदर हयात खान बैठे हुए है। यहाँ यह भी लिखा है कि यह तस्वीर अखिल भारतीय मुस्लिम लीग की एक बैठक के दौरान ली गई थी।

Getty इमेज और Alami की मूल इमेज की तुलना करने पर यह है कि दोनों तस्वीर एक ही समय पर, एक ही स्थान पर अलग-अलग एंगल से ली गई हैं। यानि जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी बताया जा रहा है, वह वास्तव में सर निज़ामुद्दीन हैं।

ख्वाजा नाज़िमुद्दीन एक पाकिस्तानी राजनेता थे, जिन्होंने 1948 से 1951 तक पाकिस्तान के दूसरे गवर्नर-जनरल और फिर 1951 से 1953 तक पाकिस्तान के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। 1952 में बंगाली भाषा आंदोलन के उभार और उनके गृहनगर ढाका में विरोध प्रदर्शनों और एक साल बाद लाहौर में हुए धार्मिक दंगों के बीच कानून-व्यवस्था बिगड़ गई थी । बाद के संकट में पहली बार मार्शल लॉ लागू हुआ, जिसके परिणामस्वरूप गवर्नर जनरल गुलाम मुहम्मद ने 17 अप्रैल 1953 को नजीमुद्दीन को बर्खास्त कर दिया।

