महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों में मराठी भाषा को लेकर विवाद देखने को मिल रहा था। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के कार्यकर्ता मराठी न बोल पाने वालों के साथ कथित तौर पर मारपीट और धमकीबाजी कर रहे थे। एमएनएस ने दूसरे राज्यों के प्रवासी लोगों को निशाना बनाया। इस बीच सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल है, इस वीडियो में कुछ लोग मराठी भाषा को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए नजर आ रहे हैं।
निनाद सावंत ने एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘महाराष्ट्र में रहना है, कमाना है, यहां की सुविधाएं चाहिए, लेकिन यहां की भाषा से openly विरोध है। अगर ये लोग कल को विदेश गए, तो अंग्रेज़ी, फ्रेंच या जर्मन तो सीख लेंगे, लेकिन अपने ही देश की भाषा मराठी सीखने में इन्हें दिक्कत होती है।’
महाराष्ट्रात रहायचं,कमवायच,इथल्या सोयीसुविधा उपभोगायच्या पण इथल्या भाषेला मात्र उघड विरोध.
— निनाद सावंत (@NINADS143) April 9, 2025
हे फलकधारी उद्या परदेशात गेले तर इंग्रजी,फ्रेंच,जर्मन शिकतील.
पण यांना आपल्याच देशाची भाषा शिकायला त्रास होतोय.#PaidProtest#महाराष्ट्रातमराठीच @Dev_Fadnavis @ekikaranmarathi pic.twitter.com/791ONh31zI
इस वीडियो को बाबुल, अमित शिंदे ने भी पोस्ट किया है
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने देखा कि इस वीडियो पर एक वाटरमार्क लगा है। जिसमे ‘Paribhraman’ लिखा है। हमने इसे गूगल सर्च किया तो इन्स्टाग्राम पर ‘Paribhraman’ नाम का एक अकाउंट मिला। वायरल वीडियो ‘Paribhraman’ का इन्स्टाग्राम अकाउंट पर मौजूद है।

Paribhraman ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा है कि भारत एक भाषाई दृष्टि से अत्यंत विविध देश है, जहाँ संविधान की आठवीं अनुसूची के तहत 22 भाषाओं को आधिकारिक मान्यता प्राप्त है और कुल मिलाकर 121 भाषाएं और 270 मातृभाषाएं बोली जाती हैं। हर भाषा का सम्मान करें। अस्वीकरण: इस वीडियो की पूरी सामग्री एआई द्वारा जनरेट की गई है।

पड़ताल में हमने ‘Paribhraman’ की प्रोफाइल खंगाली तो पता चला कि वो असम निवासी हैं, साथ ही उनके अकाउंट पर इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध, बाढ़, जंगल काटन जैसे अलग अलग मुद्दों को लेकर AI वीडियो बनाए हैं।
दावा | हकीकत |
महाराष्ट्र में रहना है, कमाना है, यहां की सुविधाएं चाहिए, लेकिन यहां की भाषा का विरोध करते हैं। | वायरल वीडियो फर्जी है, इसे AI से बनाया गया है। |