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2 Apr 2025, Wed

क्या एमपी में दुकान पर सामान छू लेने की वजह से दलित किशोर को पीटा गया?

मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के लवकुश नगर थाना क्षेत्र के गांव बेड़ी में एक किशोर ने फांसी का फांदकर लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना में मृतक के परिजनों का आरोप है कि एक दुकानदार रामा शुक्ला के दुकान में सामान को छू लेने की वजह से उसके साथ मारपीट की और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया, इससे आहात होकर उसने आत्महत्या की।

रामेश्वर ने लिखा, ‘छतरपुर में दलित बच्चे की हत्या – जातिवादी नफरत कब रुकेगी मध्यप्रदेश, छतरपुर, लवकुशनगर, ग्राम बेड़ी – 12 साल के दलित बच्चे अंशु अहिरवार ने दुकान पर रखा सामान छू लिया, तो दुकानदार रामा शुक्ला ने जातिसूचक गालियां दीं और बेरहमी से पीटा। कुछ ही देर बाद अंशु फांसी पर लटका मिला! परिवार का आरोप – यह आत्महत्या नहीं, हत्या है! — बच्चे के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान, लेकिन पुलिस लीपापोती में जुटी! — SC/ST एक्ट के तहत तत्काल गिरफ्तारी क्यों नहीं? — क्या दोषी खुलेआम घूम रहा हैं? — क्या किसी राजनीतिक या सामाजिक संगठन ने इस मुद्दे को उठाया?’

कुलदीप ने लिखा, ‘कहां गए हिंदू धर्म के ठेकेदार जो कहते हैं कि दलित हिंदू हैं अगर हिंदू हैं तो क्यों जातिवाद का दंश झेलना पड़ रहा है! छतरपुर में दलित छात्र अंशु के दुकान का सामान छूने मात्र से राम शुक्ला ने जातिगत गलियां दीं और अपमान के बाद अंशु ने आत्महत्या कर ली।’

सियाराम ने लिखा, ‘मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के लवकुश नगर थाना क्षेत्र के ग्राम बेड़ी में दलित उत्पीड़न का मामला सामने आया है। दलित परिवार का आरोप है कि 12 साल के अंशु अहिरवार ने गांव के ही रामा शुक्ला के दुकान में सामान को छू लिया तो उसने जाति सूचक गाली देते हुए मारपीट कर दी।’

भीम सेना ने लिखा, ‘मध्य प्रदेश : छतरपुर में जातिगत उत्पीड़न और मारपीट से आहत होकर 13 वर्षीय दलित अंशु अहिरवार ने की आत्म*हत्या, दुकानदार ने उसे जातिसूचक दीं गालि*यां और दुकान का गेट बंद करके लात-घूंसों व जूतों से पीटा। आरोपी पर हुआ मामला दर्ज।’

एससी महासभा ने लिखा, ‘छतरपुर में जातिगत भेदभाव और छुआछूत के कारण एक मासूम ने अपनी जान गंवा दी! बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री जात-पात मिटाने की बात करते हैं, क्या उनकी जाति मिटाने की मुहिम सिर्फ दिखावा थी? हम दोषियों के लिए सख्त से सख्त सजा की मांग करते हैं!’

क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने सबसे पहले लवकुशनगर थाना क्षेत्र के गांव बेड़ी की प्रधान उर्मिला सिंह से संपर्क किया। हालाँकि हमारी बात उर्मिला सिंह के पति लाल सिंह से हुई। लाल सिंह ने बताया कि अंशु अपने पड़ोस में रामा शुक्ला की दुकान पर कुछ खरीदने गया था। इस दौरान उसने रुपयों के बैग में हाथ डाला था। तब रामा शुक्ला की पत्नी दुकान पर थी, उन्होंने उसे देख लिया और हाथ पकड़कर डांट-फटकार दिया था। इसके बाद वो क्रिकेट खेलने चला गया। बाद में उसने घर पर आकर आत्महत्या कर ली।

लाल सिंह का कहना है कि क्रिकेट मैच के दौरान ही एक बच्चे ने उससे कहा था कि अभी तू क्रिकेट खेल रहा है, घर पर तेरी पापा से शिकायत(दुकान में चोरी की कोशिश) की जाएगी, तेरी मार लगेगी। इसके बाद ही वो भागकर घर आ गया और फांसी लगा ली।

इस सम्बन्ध में एक हमे एक स्थानीय पत्रकार ने एक वीडियो भी मुहैया करवाया। पत्रकार ने बताया कि यह वीडियो घटना के बाद मृतक के घर बनाया गया था, इस दौरान अंशु के पिता किशोर अहिरवार ने छुआछूत जैसी कोई बात नहीं कही थी। इस वीडियो में किशोर अहिरवार ने बताया कि अंशु गांव में रामा शुक्ला की दुकान पर सामान लेने गया था, इस दौरान हम खेत पर गए हुए थे। उसने कुछ सामान ले लिया था इसीलिए ज्यादा मार दिया। मुझे कुछ बच्चों ने बताया कि अंशु के साथ मारपीट हुई है। किशोर अहिरवार ने आगे बताया कि मैंने दुकानदार रामा शुक्ला से पूछा कि उसने क्यों मारा तो उसने कहा कि अंशु ने दुकान में सामान चुराया है इसीलिए मारा है।

इसके बाद हमे किशोर अहिरवार से भी सम्पर्क किया। उन्होंने बताया कि अंशु दुकान पर सामान लेने गया था, उसने वहां कुछ सामान छू लिया तो रामा शुक्ला ने उसको पीटा। छुआछूत की वजह से ही उसके साथ मारपीट की गयी। इसके बाद हमने किशोर अहिरवार से पूछा कि क्या इससे पहले भी वो रामा शुक्ला की दुकान पर सामना खरीदने जाता था? जवाब में किशोर अहिरवार ने बताया कि हाँ वो जाता रहता था, इससे पहले कभी ऐसी बात नहीं हुई।

अपनी पड़ताल के अंत में हमने किशोर अहिरवार के पड़ोसी रामबाबू विश्वकर्मा से भी सम्पर्क किया। इस घटना के सम्बन्ध में रामबाबू ने बताया कि दुकान पर विवाद के सम्बन्ध में मुझे जानकारी नहीं है, उस वक्त मैं खेत पर था। जब मैं खेत से वापस आया तो अंशु का छोटा भाई और उसकी बहन कमरे का दरवाजा खोलने को कह रहे थे लेकिन उसने दरवाजा नहीं खोला। बाद में उसका शव लटका हुआ मिला। रामबाबू ने बताया कि रामा शुक्ला की दुकान पर तो सभी जाति-वर्ग के लोग सामान खरीदने जाते हैं, इससे पहले कभी छुआछूत की बात सामने नहीं आई।

इसके बाद हमारी बातचीत छतरपुर जनपद के लवकुशनगर थाना के एसआई आशीष सिंह से हुई। आशीष सिंह ने बताया कि इस घटना में छुआछूत की कोई बात नहीं है। अंशु ने एक दुकान एक बैग में हाथ डाल दिया था इसी दौरान दुकानदार ने डांट या थप्पड़ मार दिया और उसे पिता से शिकायत करने की बात कहकर भगा दिया था। इस घटना के बाद वो गांव में कई बच्चों के साथ क्रिकेट भी खेलने गया था। वहां उसके पैर में गेंद भी लग गयी थी, डॉक्टर ने इस बात की पुष्टि की है। करीबन डेढ़-दो घंटे बाद उसने घर में जाकर आत्महत्या की है। अन्य पहलुओं पर जांच की जा रही है।

दावा हकीकत
एमपी के छतरपुर में एक दलित किशोर अंशु अहिरवार को रामा शुक्ला की दुकान पर सामान छु लेने की वजह से पीटा गया, उसको जातिसूचक शब्द कहे गए इसीलिए उसने आत्महत्या कर ली।1. गांव की सरपंच के पति लाल सिंह ने इस घटना में छुआछूत से इनकार किया है। उनका कहना है कि बच्चे ने दुकान में चोरी की कोशिश की थी। इस वजह से उसे डांट-फटकार गया था। बाद में वो काफी देर क्रिकेट खेलने भी गया था।
2. इस घटना के बाद एक वीडियो में अंशु अहिरवार के पिता छुआछूत जैसी कोई बात नहीं कर रहे हैं। उन्होंने हमसे बातचीत में यह भी माना कि अंशु इससे पहले भी दुकान पर जाता था।
3. लवकुश नगर थाने के एसआई आशीष सिंह ने भी छुआछूत के एंगल को नकारा है।
4. गांव के ग्रामीण रामबाबू विश्वकर्मा का कहना है कि रामा शुक्ला की दुकान से सभी जाति वर्ग के लोग सामान खरीदते आए हैं, कभी कोई भेदभाव नहीं हुआ।

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