सोशल मीडिया में उत्तर प्रदेश के कन्नौज से समाजवादी पार्टी के सांसद पुष्पेंद्र सरोज का एक वीडियो वायरल है। इस वीडियो में पुष्पेंद्र सरोज कह रहे हैं कि दलित समाज से होने के कारण चुनाव लड़ने के वक्त मेरे हाथों से पर्चा नहीं लिया गया।
पत्रकर राजेश साहू ने एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘मैं दलित समाज से आता हूं इसलिए चुनाव के वक्त मेरे हाथों से पर्चा नहीं लिया गया था। ~ पुष्पेंद्र सरोज, सपा सांसद, कौशाम्बी’
मैं दलित समाज से आता हूं इसलिए चुनाव के वक्त मेरे हाथों से पर्चा नहीं लिया गया था।
— Rajesh Sahu (@askrajeshsahu) September 6, 2025
~ पुष्पेंद्र सरोज, सपा सांसद, कौशाम्बी
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शीतल यादव ने लिखा, ‘दलित समाज से होने के कारण चुनाव प्रचार के वक्त मेरे हाथों से पर्चा नहीं लिया गया था। ~ पुष्पेंद्र सरोज (सपा सांसद) इसीलिए मैं कहती हूं हम महान देश भारत के घटिया समाज में रहते हैं।’
दलित समाज से होने के कारण चुनाव प्रचार के वक्त मेरे हाथों से पर्चा नहीं लिया गया था।
— Dr. Sheetal yadav (@Sheetal2242) September 6, 2025
~ पुष्पेंद्र सरोज (सपा सांसद)
इसीलिए मैं कहती हूं हम महान देश भारत के घटिया समाज में रहते हैं। pic.twitter.com/MekzkbZCVe
समर राज ने लिखा, ‘पुष्पेंद्र सरोज के पिता इंद्रजीत सरोज BSP सरकार में मंत्री थे। आर्थिक स्थिति अच्छी हुई, राजनीतिक स्थिति इतनी अच्छी हुई कि सीधा राजा भैया से टक्कर लेने लगे थे। मगर सामाजिक स्थिति जस की तस बनी हुई है। आज भी अछूत होने का एहसास करवाया जा रहा है।’
पुष्पेंद्र सरोज के पिता इंद्रजीत सरोज BSP सरकार में मंत्री थे।
— Samar Raj (@SamarRaj_) September 6, 2025
आर्थिक स्थिति अच्छी हुई, राजनीतिक स्थिति इतनी अच्छी हुई कि सीधा राजा भैया से टक्कर लेने लगे थे।
मगर सामाजिक स्थिति जस की तस बनी हुई है।
आज भी अछूत होने का एहसास करवाया जा रहा है। pic.twitter.com/UCI6VYGNH8
मीना कोटवाल ने लिखा, ‘मैं दलित समाज से आता हूं, इसलिए चुनाव के वक्त मेरे हाथों से पर्चा नहीं लिया गया था… – पुष्पेंद्र सरोज, सांसद, कौशाम्बी इस समाज को जितना जल्दी हो सके बदल देना चाहिए!’
"मैं दलित समाज से आता हूं, इसलिए चुनाव के वक्त मेरे हाथों से पर्चा नहीं लिया गया था…"
— Meena Kotwal (मीना कोटवाल) (@KotwalMeena) September 7, 2025
– पुष्पेंद्र सरोज, सांसद, कौशाम्बी
इस समाज को जितना जल्दी हो सके बदल देना चाहिए!
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क्या है हकीकत? पड़ताल में हमे यह वीडियो कौशांबी सांसद पुष्पेंद्र सरोज के एक्स हैंडल पर मिला। उन्होंने इस वीडियो को 4 फरवरी 2025 को पोस्ट करते हुए लिखा था कि मैं खुद दलित समाज से आता हूं, मैं जब चुनाव लड़ने गया मेरे हाथों से पर्चा नहीं लिया गया, ये इस समाज की हालत है।
मैं खुद दलित समाज से आता हूं, मैं जब चुनाव लड़ने गया मेरे हाथों से पर्चा नहीं लिया गया, ये इस समाज की हालत है। pic.twitter.com/DGiyIhaJjq
— Pushpendra Saroj (@Pushpendra_MP_) February 4, 2025
इस संबध में 4 फरवरी 2025 को प्रकाशित एबीपी न्यूज की रिपोर्ट में भी बताया गया है कि कौशांबी सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद पुष्पेंद्र सरोज ने आज पहली बार लोकसभा में अपनी बात रखी। सपा सांसद ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपनी बात कहते हुए दलितों पर हो रहे अत्याचार और भेदभाव के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा जब वो खुद लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे तो पर्चा भरते वक्त उनके हाथ से पर्चा नहीं लिया गया क्योंकि वो दलित समाज से आते हैं।
इसके बाद हमे पुष्पेंद्र सरोज के एक्स हैंडल पर ही नामांकन की तस्वीर मिली। उन्होंने 2 मई 2024 को इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा था कि मेरे नामांकन में शामिल होकर स्नेह, विश्वास और आशीर्वाद रूपी समर्थन देने के लिए कौशाम्बी लोकसभा क्षेत्र की देवतुल्य जनता-जनार्दन का हृदय से धन्यवाद।

मेरे नामांकन में शामिल होकर स्नेह, विश्वास और आशीर्वाद रूपी समर्थन देने के लिए कौशाम्बी लोकसभा क्षेत्र की देवतुल्य जनता-जनार्दन का हृदय से धन्यवाद।#pushpendrasaroj #Kaushambi pic.twitter.com/H2gwYRYLT6
— Pushpendra Saroj (@Pushpendra_MP_) May 2, 2024
हमे कौशाम्बी चुनाव में नामांकन का एक वीडियो भी मिला। इस वीडियो में पुष्पेन्द्र और उनके पिता इन्द्रजीत सरोज नामांकन करते हुए नजर आ रहे हैं। नामांकन के बाद इन्द्रजीत सरोज ने मीडिया से बात भी की लेकिन उन्होने किसी तरह जातिगत भेदभाव का आरोप नहीं लगाया।
वहीं नामांकन के बाद पुष्पेन्द्र सरोज ने कहा कि उन्हें लोगों का समर्थन मिल रहा है, इस बार हमारी जीत होगी। हम खेती, पानी, शिक्षा के लिए काम करेंगे। इस वीडियो में पुष्पेन्द्र ने कहीं भी जातिगत भेदभाव का आरोप नहीं लगाया।
एक अन्य वीडियो में पुष्पेन्द्र ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरी पढाई खत्म हो चुकी है। मैं लोगों की सेवा करूँगा, इस बार जनता चुनाव लड़ रही है। जनता बदलाव चाहती है। यहाँ भी उन्होंने नामांकन में किसी तरह का जातिगत भेदभाव का आरोप नहीं लगाया था।
इस सम्बन्ध में 3 मई 2024 को प्रकाशित हिंदुस्तान की रिपोर्ट में बताया गया है कि सपा प्रत्याशी पुष्पेंद्र सरोज ने प्रस्तावकों के साथ नामांकन किया। उनके जुलूस के बाद पुष्पेंद्र के पिता इंद्रजीत सरोज भी नामांकन करने पहुंच गए। उन्होंने भी सपा से ही नामांकन किया। इंद्रजीत सरोज ने कहा कि भाजपा सरकार में विपक्षी दलों के प्रत्याशियों के पर्चे खारिज किए जा रहे हैं। गुजरात व एक अन्य प्रांत के दो प्रत्याशियों का नाम बताते हुए कहा कि जबरन उनका पर्चा निरस्त किया गया। इसको देखते हुए उन्होंने एहतियातन पर्चा दाखिल किया है। यदि बेटे का पर्चा निरस्त हुआ तो वह खुद चुनाव लड़ेंगे।
वहीं इस प्रकरण में हमे लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान पुष्पेंद्र सरोज से दलित होने की वजह से नामांकन न लेने की कोई खबर नहीं मिली। न ही उस वक्त पुष्पेंद्र सरोज ने ऐसा कोई आरोप लगाया था।

आगे पता चला कि कौशांबी एक अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व संसदीय सीट है, अर्थात यहाँ सिर्फ दलित वर्ग के प्रत्याशी ही चुनाव लड़ सकते हैं। साल 2024 के चुनाव में पुष्पेंद्र सरोज समेत अन्य 9 लोगों ने चुनाव लड़ा था। सभी प्रत्याशी एससी वर्ग से ही थे। पुष्पेंद्र सरोज समेत 9 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा लेकिन किसी ने भी नामांकन प्रक्रिया में जातिगत भेदभाव का आरोप नहीं लगाया।
दावा | हकीकत |
दलित समाज से होने के कारण चुनाव लड़ने के वक्त पुष्पेंद्र सरोज के हाथों से पर्चा नहीं लिया गया। | लोकसभा चुनाव 2024 के नामांकन के वीडियो और तस्वीरें पुष्पेन्द्र सरोज के दावे की पुष्टि नहीं करते हैं। कौशांबी सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, उस वक्त उन्होंने या किसी अन्य प्रत्याशी ने नामांकन प्रक्रिया में जातिगत भेदभाव की शिकायत नहीं की थी। न तो मीडिया में ऐसी कोई खबर आई और न ही सरोज ने खुद यह आरोप लगाया। |