मणिपुर में करीबन दो महीने से तनाव है, हिंसा में 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हाल ही में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो सामने आया था। यह घटना चार मई को हुई थी, जिसका 19 जुलाई को वीडियो वायरल हुआ। इस बीच सोशल मीडिया में एक तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि बहुसंख्यक मैतेई समूह उन आरोपियों की गिरफ़्तारी का विरोध कर रहे हैं जिन्होंने कुकी महिलाओं की नग्नावस्था में सार्वजनिक रूप से परेड और उनके साथ यौन उत्पीड़न किया था। हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा गलत है।
आफताब अहमद ने लिखा कि मणिपुर में बहुसंख्यक हिंदू मैतेई समूह द्वारा सार्वजनिक रूप से परेड करने और कुकी महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने वालों की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध रैली। यह बेहद घृणित है.
Protest rally in Manipur by the majoritarian Hindu Meitei group against the arrest of those who had publicly paraded and sexually assaulted Kuki women.
This is beyond disgusting. pic.twitter.com/QmDQ9PtBJE
— Aftab Ahmad (@aftabd) July 29, 2023
प्रोफ़ेसर अशोक स्वैन
ने तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “कुकी महिलाओं को सार्वजनिक रूप से परेड
करने और यौन उत्पीड़न करने वालों की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ बहुसंख्यक मैतेई
समूह द्वारा मणिपुर में विरोध रैली। मोदी ने मणिपुर को एक और गुजरात बना
दिया है!”
एक समाचार बेबसाईट सियासत डेली ने वायरल तस्वीर के साथ रिपोर्ट प्रकाशित करते हुए लिखा कि मणिपुर वायरल वीडियो मामले में शुक्रवार 28 जुलाई को आरोपियों की गिरफ्तारी के खिलाफ थौबल जिले में बड़ी संख्या में मैतेई समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोपियों की तत्काल रिहाई की मांग की।
A large number of people from Meitei community held a protest in Thoubal district against the arrest of accused in the Manipur viral video case on Friday, July 28, local media reported. The protesters demanded immediate release of the accused. https://t.co/ZFj3Z2eaEA
— The Siasat Daily (@TheSiasatDaily) July 29, 2023
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने सबसे पहले वायरल तस्वीर को भी ध्यान से देखा जहां प्रदर्शनकारियों को “Mass Rally Against Chin-Kuki Narco-Terrorism” (चिन-कुकी नार्को-आतंकवाद के ख़िलाफ़ सामूहिक रैली) का उल्लेख करते हुए एक बैनर पकड़े देखा जा सकता है। इसके बाद हमने इन कीवर्ड्स को गूगल पर सर्च किया तो मणिपुर स्थित समाचार चैनल TOM TV के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला। इस वीडियो को 29 जुलाई, 2023 को को अपलोड किया गया है।
पड़ताल में हमे यह तस्वीर हमें 29 जुलाई, 2023 को इम्फाल टाइम्स पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि रैली का आयोजन मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति (COCOMI) द्वारा चिन कुकी नार्को-आतंकवादी के खिलाफ अपने रुख को स्पष्ट करने के लिए किया गया था। रैली थांगमेइबैंड के टीएचएयू मैदान से शुरू हुई और थंबुथोंग की ओर बढ़ी जहां एक सार्वजनिक बैठक आयोजित की गई।
इम्फाल टाइम्स की रिपोर्ट |
वायरल तस्वीर से सम्बंधित एक रिपोर्ट को नॉर्थईस्ट लाइव ने 29 जुलाई, 2023 को प्रकाशित किया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मणिपुर की राजधानी इम्फाल की सड़कों पर बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े और मांग की कि सरकार नार्को-आतंकवाद पर रोक लगाए और साथ ही ‘अलग प्रशासन’ की मांग का भी विरोध किया।
वहीं, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस विरोध-प्रदर्शन में क़रीब एक लाख लोग शामिल हुए। इस दौरान मणिपुर में वर्तमान संघर्ष को समाप्त करने और विदेशी “चिन-कुकी नार्को-आतंकवादियों” के “निष्कासन” की मांग की गई। प्रदर्शनकारियों ने कुकियों की अलग प्रशासन की मांग को सिरे से ख़ारिज कर दिया और एनआरसी लागू करने पर जोर दिया।
इसके अलावा हमें द संगाई एक्सप्रेस की 29 जुलाई की रिपोर्ट में भी वायरल तस्वीर मिली, जिसमें बताया गया है कि प्रदर्शन में शामिल लोगों ने हजारों की संख्या में तख्तियां पकड़ी थीं जिन पर लिखा था, “बाहरी लोग मालिकाना हक का दावा नहीं कर सकते”, “मणिपुर में कोई अलग प्रशासन नहीं”, “आइए सभी शरणार्थियों और अप्रवासियों को निकाल फेंकें”, “आइए नार्को-आतंकवाद को ख़त्म करें”, “मणिपुर में तुरंत एनआरसी लागू करें”, “मणिपुर ज़िंदाबाद”, “मणिपुर से असम राइफल्स वापस लो।”
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल से स्पष्ट है कि वायरल तस्वीर का सम्बन्ध महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने वाले आरोपियों के ‘समर्थन या उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ’ प्रदर्शन से नहीं है।
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