सोशल मीडिया में पीएम नरेंद्र मोदी का एक वीडियो वायरल है, जिसमें वे ‘मेक इन इंडिया’ पर अपने विचार रख रहे हैं। वीडियो में पीएम मोदी, स्वामी विवेकानंद और जमशेदजी टाटा के बीच भारत में उद्योग लगाने को लेकर हुई बातचीत का जिक्र कर रहे हैं। इस वीडियो को लोग शेयर कर सवाल उठा रहे हैं कि जमशेदजी टाटा ने अपनी पहली कंपनी 1869 में शुरू की थी और उस वक्त विवेकानंद 6 साल के थे, ऐसे में इतना छोटा बच्चा जमशेदजी टाटा से उद्योग लगाने को कैसे कह सकता है। लोगों प्रधानमंत्री के इस बयान का मजाक उड़ाते हुए नजर आ रहे हैं।
वामपंथी पत्रकार कृष्णकान्त ने ट्वीट कर लिखा कि जमशेद टाटा का जन्म- 1839 1858 में ग्रेजुएशन किया, पिता के एक्सपोर्ट बिजनेस में लग गए। स्वामी विवेकानंद का जन्म- 1863 जमशेद ने पहली कंपनी 1869 में शुरू की। विवेकानंद 6 साल के थे। इनके मुताबिक, स्वामी जी ने जमशेद टाटा से कहा- मेक इन इंडिया लगाओ न! “भक्तों को उल्लू बनाओ न!”
जमशेद टाटा का जन्म- 1839
1858 में ग्रेजुएशन किया, पिता के एक्सपोर्ट बिजनेस में लग गए।
स्वामी विवेकानंद का जन्म- 1863
जमशेद ने पहली कंपनी 1869 में शुरू की। विवेकानंद 6 साल के थे।
इनके मुताबिक, स्वामी जी ने जमशेद टाटा से कहा- मेक इन इंडिया लगाओ न!“भक्तों को उल्लू बनाओ न!” pic.twitter.com/IckOMGxeaT
— Krishna Kant (@kkjourno) October 19, 2022
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने ऐसे ही दावे के एक वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा कि कुछ भी। फेकू नम्बर-1
Kuch bhi! Feku No 1! https://t.co/5HVVkacNSf
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) October 21, 2022
आसिफ रहमान नाम के एक शख्स ट्वीट में तंज कसते हुए लिखा कि स्वामी
विवेकानंद ने 6 साल की उम्र में जमशेदजी टाटा से मेक इन इंडिया के लिए
अनुरोध किया था। जमशेदजी ने 1869 में कपड़ा उद्योग में कदम रखा था और
स्वामी विवेकानंद का जन्म 1863 में हुआ था।
Swami Vivekananda at the age of 6 requested Jamshedji Tata for make in India 🙄🙄
Jamsetji made his move into textiles in 1869
Swami Vivekananda, born 1863 pic.twitter.com/2BkIcc3Q9a— Asif Rahman (@Asifrahmanmolla) October 18, 2022
इसके अलावा RJD समर्थक व जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व छात्र तारिक़ अनवर, सपा मुंबई उत्तर पश्चिम के मीडिया प्रभारी सलाम इस्लाम खान समेत कई लोगों ने इस वीडियो को शेयर किया है।
क्या है हकीकत: वायरल वीडियो में प्रधानमंत्री को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि, “जिसको मालूम होगा कि स्वामी विवेकानंद और जमशेद जी टाटा के बीच जो संवाद हुआ, जो दोनों के बीच पत्र-व्यवहार हुआ, वो किसी ने देखा होगा तो पता चलेगा कि उस समय गुलाम हिंदुस्तान था, तब भी विवेकानंद 30 साल का नौजवान, जमशेदजी टाटा जैसे व्यक्ति से कह रहा ह कि भारत में उद्योग लगाओ ना, मेक इन इंडिया बनाओ ना…”
हमने सबसे पहले इस वीडियो की सत्यता जानने के लिए कुछ कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया तो। हमें भाजपा के यूट्यूब चैनल द्वारा 12 सितंबर 2017 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला। इस वीडियो के मुताबिक पीएम मोदी ‘यंग इंडिया, न्यू इंडिया’ की थीम पर छात्रों की एक सभा को संबोधित कर रहे हैं। वीडियो में 29 मिनट 28 सेकेंड पर मोदी ने मेक इन इंडिया विषय पर बोलते हुए कहा कि कुछ लोगों को लगता होगा, जब मैं कहता हूं मेक इन इंडिया, मेक इन इंडिया, तो इसका विरोध करने वाले लोग कहते हैं, मेक इन इंडिया नहीं, मेड इन इंडिया चाहिए। बुद्धिमान लोग भांति-भांति की चीज़े निकालते हैं लेकिन जिसको मालूम होगा कि विवेकानंद जी और जमशेदजी टाटा के बीच जो संवाद हुआ। उन दोनों के बीच का जो पत्र व्यव्हार है, वो किसी ने देखा होगा तो पता चलेगा कि उस समय गुलाम हिंदुस्तान था, तब भी विवेकानंद 30 साल का नौजवान जमशेद जी टाटा जैसे वरिष्ठ व्यक्ति को कह रहा है कि भारत में उद्योग लगाओ न, मेक इन इंडिया बनाओ न और स्वयं जमशेदजी टाटा ने लिखा है कि विवेकानंद जी के शब्द और वो बातें मेरी लिए प्रेरणा रहींं। उसी के कारण मैं भारत के अंदर भारत के उद्योगों को बनाने के लिए खप गया।
इसके बाद हमे नवभारत हिंदी का एक आर्टिकल मिला जिसमे बताया गया कि विवेकानंद ने भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC), बेंग्लोर की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लेख के मुताबिक, साल 1893 जापान के योकोहामा से कनाडा के वैंकूवर तक जा रहे एक जहाज पर स्वामी विवेकानंद और जमशेदजी टाटा की मुलाकात हुई थी। उन्होंने विवेकानंद से अपने अभियान में मदद करने और भारत में एक रिसर्च संस्थान की स्थापना के लिए मदद मांगी। विवेकानंद ने मुस्कुराते हुए कहा कि यह कितना ही सुंदर होगा कि आप पश्चिम के विज्ञान और तकनीक तथा भारत के अध्यात्म से लेकर मानवतावाद की पढ़ाई हो।
नवभारत हिंदी का आर्टिकल |
उस वक्त महज 30 साल के रहे विवेकानंद ने अपने से 24 साल बड़े 54 साल के जमशेदजी टाटा को गरीबों और भारतीयों को मदद करने का आइडिया दिया। टाटा के जीवटता की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की असली उम्मीद यहां के लाखों लोगों की संपन्नता से जुड़ी है। उन्होंने टाटा से कहा कि वह जापान से माचिस का आयात करने की बजाए उसे भारत में ही बनाएं इससे ग्रामीण इलाके में रहने वाले गरीबों की मदद होगी। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस का 1909 में जन्म हुआ जिसका 1911 में नाम बदलकर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISC) कर दिया गया।
स्वामी विवेकानंद और जमशेदजी टाटा के बीच मुलाकात की जिक्र हमें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISC) की वेबसाइट पर भी मिला। वहां संस्थान के बनने की प्रक्रिया को लेकर दी गई जानकारी के अनुसार, 1893 में उत्तरी अमेरिका जा रहे एक जहाज पर जमशेदजी टाटा के साथ स्वामी विवेकानंद की मुलाकात हुई। इस दौरान विवेकानंद ने उन्हें भारत में एक रिसर्च इंस्टिट्यूट शुरू करने का सुझाव दिया था। वेबसाइट पर ये भी बताया गया है कि इस बात की चर्चा जमशेदजी टाटा द्वारा 1898 में विवेकानंद को लिखे एक पत्र में भी है। टाटा की बेबसाईट पर भी इस मुलाकात और भारत में उद्योग स्थापित करने का संवाद का जिक्र है।
On the 155th birth anniversary of #SwamiVivekananda, we go back to the days when our founder Jamsetji Tata met Swamiji while they were traveling together in 1893 on a ship to Chicago from Japan. Read through the letter that JN Tata wrote to Swamiji – https://t.co/8p0Ye4VH1p pic.twitter.com/kHEcMWN7kw
— Tata Steel (@TataSteelLtd) January 12, 2018
आगे पड़ताल के दौरान हमें टाटा स्टील के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर साझा किया पत्र भी मिला, इस ट्वीट में लिखा गया है कि टाटा स्टील ने अपने ट्वीट में कहा था, “स्वामी विवेकानंद की 155वीं जयंती पर हम उन दिनों में वापस जाते हैं, जब हमारे संस्थापक जमशेदजी टाटा स्वामी जी से मिले थे। वे 1893 में जापान से शिकागो के लिए एक जहाज पर एक साथ यात्रा कर रहे थे। वह पत्र पढ़िए, जो जेएन टाटा ने स्वामीजी को लिखा था।”
पड़ताल के दौरान हमें भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम द्वारा गुजरात के पोरबंदर में 2006 में दिया गया एक भाषण मिला। उन्होंने पोरबंदर में स्वामी विवेकानंद शिक्षा और संस्कृति संस्थान के उद्घाटन के मौके पर अपने संबोधन में स्वामी विवेकानंद के कार्यों का उल्लेख किया था। कलाम ने विवेकानंद और जमशेदजी टाटा की मुलाकात और पत्र व्यव्हार का जिक्र किया। इसके अलावा उन्होंने IISC के बनने की प्रक्रिया में स्वामी विवेकानंद के योगदान का उल्लेख करते हुए उन्हें विजनरी बताया।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में पता चला कि पीएम नरेंद्र का दावा गलत नहीं था। साथ ही स्वामी विवेकानंद का जन्म 1863 में हुआ था लेकिन जमशेद टाटा से उनकी मुलाकात 1893 में हुई थी तब उनकी 30 वर्ष थी। जमशेद को भारत में उद्योग स्थापित करने की सलाह विवेकानंद ने दी थी।