सोशल मीडिया में बीते दिनों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री पर सवाल उठाए जा रहे हैं। लोग फॉण्ट को लेकर अलग-अलग दावे कर नरेंद्र मोदी की डिग्री को फर्जी बता रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने पीएम मोदी की डिग्री ट्वीट कर लिखा कि PM की डिग्री फर्जी है। गुजरात विश्वविद्यालय की जो डिग्री मोदी जी की दिखाई जा रही है व प्रमाण पत्र पर जिस “लिपि शैली” में Master लिखा है वो “लिपि शैली” ही 1992 में आई जबकि मोदी जी की डिग्री तो 1983 की बताई जा रही है।
PM की डिग्री फर्जी है।
गुजरात विश्वविद्यालय की जो डिग्री मोदी जी की दिखाई जा रही है व प्रमाण पत्र पर जिस “लिपि शैली” में Master लिखा है वो “लिपि शैली” ही 1992 में आई जबकि मोदी जी की डिग्री तो 1983 की बताई जा रही है। pic.twitter.com/cFK6GtNuSX— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) April 1, 2023
कांग्रेस नेता रितू चौधरी ने लिखा कि माइक्रोसॉफ़्ट की जो फ़ॉण्ट 1992 में आयी उसको मोदी जी के डिग्री पर 1983 में ही इस्तेमाल किया गया। कमाल है…
माइक्रोसॉफ़्ट की जो फ़ॉण्ट 1992 में आयी उसको मोदी जी के डिग्री पर 1983 में ही इस्तेमाल किया गया।
कमाल है…. pic.twitter.com/Dcqs2rNjKv
— Ritu Choudhary (@RituChoudhryINC) April 1, 2023
कांग्रेस समर्थक शांतनु ने लिखा कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने 1983 में अपने शानदार छात्र नरेंद्र मोदी की डिग्री के लिए एमएस फॉन्ट का इस्तेमाल किया, जो 1992 में अस्तित्व में आया।
Delhi University used a MS font for the degree of their brilliant student Narendra Modi in 1983, which came into existence in 1992.
Interesting. pic.twitter.com/7MctJgUzJY
— Shantanu (@shaandelhite) April 1, 2023
आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बाल्यान ने लिखा कि खुद BJP ने शेयर किया है। ऊपर “Unibersity” और नीचे University लिखा है। आखिर ऐसा कैसे?
खुद BJP ने शेयर किया है। ऊपर “Unibersity” और नीचे University लिखा है। आखिर ऐसा कैसे? https://t.co/QlLBLJXImA
— Naresh Balyan (@AAPNareshBalyan) April 1, 2023
निगार प्रवीन ने लिखा कि अब लोग कह रहे हैं कि जो भाजपा ने अपने ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री शेयर की हैं उसमें यूनिवर्सिटी की स्पेलिंग ठीक नहीं है। दो जगह यूनिवर्सिटी लिखा हुआ है वो भी अलग अलग..ये कैसे हो सकता है ? क्या प्रिंटर भी पढ़ा लिखा नहीं था ? इतनी बड़ी गलती किससे हो गई होगी?
अब लोग कह रहे हैं कि जो भाजपा ने अपने ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री शेयर की हैं
उसमें यूनिवर्सिटी की स्पेलिंग ठीक नहीं है। दो जगह यूनिवर्सिटी लिखा हुआ है
वो भी अलग अलग..ये कैसे हो सकता है ?
क्या प्रिंटर भी पढ़ा लिखा नहीं था ? इतनी बड़ी गलती किससे हो गई होगी pic.twitter.com/wTuASz5RQS
— Nigar Parveen (@NigarNawab) April 1, 2023
अनिल यादव ने ट्वीट कर लिखा कि मोदी जी की ये फर्जी डिग्री किसी बिहारी से बनवाई गई है….जिसने यूनिवर्सिटी को यूनिबर्सिटी लिख दिया….
मोदी जी की ये फर्जी डिग्री किसी बिहारी से बनवाई गई है….जिसने यूनिवर्सिटी को यूनिबर्सिटी लिख दिया…. pic.twitter.com/5PmAlzbP5Y
— Anil Yadav (@AnilYadavjourn) April 1, 2023
इसके अलावा कांग्रेस समर्थक सरोज कुमार ने भी यही दावा किया है।
क्या है हकीकत?: संजय सिंह, रितू चौधरी, शांतनु द्वारा डिग्री और MS(Microsoft) Word एक स्क्रीनशॉट करते हुए दावा किया है कि डिग्री और MS Word का फॉण्ट Old English Text MT एक समान है और यह फॉण्ट 1992 में आया था।
पड़ताल में हमने इसे ध्यान से देखा तो पता चलता है कि डिग्री और MS Word के स्क्रीनशॉट का फॉण्ट अलग-अलग हैं। पाठक इस स्क्रीनशॉट में नीले गोल मार्क में M और A पर नजर डालें, यहाँ अंतर स्पष्ट नजर आता है।
इसके बाद हमे एक फॉण्ट बेबसाईट पर पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री “Master of Arts’ का फॉण्ट मिला। बेबसाईट के मुताबिक यह ‘Old English’ फॉण्ट है।
Old English Font |
एक रिपोर्ट के मुताबिक अंग्रेजी में लेखन की यह शैली पहली बार यूरोप में 12वीं शताब्दी के दौरान विकसित हुई और इसके विभिन्न संस्करणों का आज भी उपयोग किया जाता है। इसे ओल्ड इंग्लिश फॉन्ट या ब्लैकलेटर फॉन्ट या गॉथिक फॉन्ट भी कहते हैं। फॉण्ट का इतिहास यहाँ भी पढ़ सकते हैं।
History of Old English Font |
असल में Microsoft की स्थापना 1975 में हुई थी लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अंग्रेजी भाषा या अंग्रेजी फॉण्ट Microsoft की स्थापना के बाद आए। यह पहले से मौजूद थे। उदाहरण के लिए पाठक इन अखबारों पर नजर डालें। यहाँ भी OLD English Faimly Font का इस्तेमाल होता आया है।
NY Times 1936
|
Times of India 1948 |
पीएम मोदी की डिग्री में ‘V’ और ‘b’ पर विवाद: निगार प्रवीन, नरेश बालियान और अनिल यादव का कहना है कि पीएम मोदी की डिग्री में यूनीवर्सिटी की स्पेलिंग गलत है। इसमें V की जगह b का इस्तेमाल हुआ है। पड़ताल में हमने फॉण्ट बेबसाईट पर यूनीवर्सिटी की स्पेलिंग को लिखा तो पता चलता है कि Old English Font में V टाइप करने पर B की तरह दिखने वाला b आता है। पाठक खुद भी यहाँ बेबसाईट पर इसकी जांच कर सकते हैं।
University |
साथ ही, उदाहरण के लिए इंटरनेट पर मौजूद नीचे डिग्री को भी देखा जा सकता है। इन सभी डिग्री में यूनीवर्सिटी की स्पेलिंग में B से तरह दिखने वाला b आता है। पाठक इस तरह की डिग्री को यहाँ, यहाँ और यहाँ देख सकते हैं।
पड़ताल में हमे हिंदी समाचार बेबसाईट हिंदुस्तान पर फरवरी 2016 को प्रकाशित एक खबर मिली। इस खबर के मुताबिक अभिनेता शाहरुख ने डीयू के हंसराज कॉलेज से पास होने के 28 वर्ष बाद अपनी डिग्री ली। अंग्रेजी समाचार बेबसाईट इंडियन एक्सप्रेस पर भी यह खबर प्रकाशित है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर में शाहरुख खान अपनी डिग्री दिखाते हुए नजर आ रहे हैं। गौर से देखने पर पता चलता है कि उनकी इस डिग्री में भी University की स्पेलिंग में V की जगह b है।
निष्कर्ष: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री फर्जी होने का दावा गलत है। डिग्री में इस्तेमाल फॉण्ट माईक्रोसॉफ्ट की स्थापना से भी पुराना है, साथ ही यूनीवर्सिटी की स्पेलिंग भी गलत नहीं है।
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