जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक के बाद टैक्स दरों में बदलाव बाद सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने अंतिम संस्कार करने पर भी 18% जीएसटी लागू कर दिया है। हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा भ्रामक और गुमराह करने वाला है।
कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे ने लिखा, “भाजपा सरकार
आपको चैन से मरने भी नहीं देगी। श्मशान घाट पर 18% जीएसटी। ना…… ना मरने
दूँगा।” उन्होंने बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट का एक स्क्रीनशॉट भी साझा
किया, जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि यह केवल वर्क
कॉन्ट्रैक्ट पर लागू है।
BJP Govt won’t even allow you to die peacefully.
18% GST on crematorium.“Na ……… Na Marne Dunga.” pic.twitter.com/aWfNrfPPsR
— Priyank Kharge / ಪ್ರಿಯಾಂಕ್ ಖರ್ಗೆ (@PriyankKharge) July 19, 2022
कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया कोऑर्डिनेटर शैलेंद्र चौधरी ने लोगों से सवाल किया कि वे श्मशान सेवाओं पर जीएसटी के बारे में क्या सोचते हैं? उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “शमशान पर 18 प्रतिशत जीएसटी टैक्स को आप क्या कहेंगे? आपदा में अवसर, निर्दयी सरकार या दोनों?”
शमशान पर 18 प्रतिशत जीएसटी टैक्स को आप क्या कहेंगे?
आपदा में अवसर, निर्दयी सरकार या दोनो?
18% GST on crematorium. #GST pic.twitter.com/50lVbvzbV2
— Shailendra Choudhary (@shailendra489) July 20, 2022
कांग्रेस नेता अर्चना चौबे ने ट्वीट कर लिखा है कि अंतिम संस्कार सामग्री पर 18% जीएसटी, जी हाँ अमृतकाल है।
अंतिम संस्कार सामग्री पर 18% जीएसटी !
जी हाँ अमृतकाल है !
😔— Archana Chaubey (@archanarchaubey) July 19, 2022
कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने ट्वीट कर यही दावा किया है।
8. Assume there are some input taxes in pre-packaged goods. Was there a demand from producers and sellers to impose a GST on pre-packaged and labeled goods? Not to our knowledge.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 20, 2022
इसके अलावा एक यूजर प्रोफेसर नागेश्वर, संघमित्रा, विभा ने भी यही दावा किया है।
क्या है हकीकत: चंडीगढ़ में आयोजित जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक के बाद कई अन्य वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में लाने का फैसला लिया गया और ये फैसले 18 जुलाई से लागू भी हो चुके हैं लेकिन अंतिम संस्कार पर किसी भी तरह का टैक्स लगाए जाने का दावा गलत है। वास्तव में सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो व श्मशान समेत अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए ठेका कार्यों पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया गया है, न कि अंतिम संस्कार पर।
In the meeting GST on LED Lamps, lights & fixture, their metal printed circuits board is raised from 12% to 18%. Solar Water Heater and system GST raised from 5 to 12%. Works contract for roads, bridges, railways, metro, effluent treatment plant, crematorium etc. up by 12 to 18%.
— All India Radio News (@airnewsalerts) June 29, 2022
जीएसटी काउंसिल के सुझावों की प्रेस रिलीज में कहा गया है कि सड़क, ब्रिज, रेलवे, मेट्रो, ट्रीटमेंट प्लांट, श्मशान आदि के निर्माण के ठेकों पर टैक्स 12% से बढ़कर 18% होना चाहिए।
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने भी ट्वीट कर बताया कि श्मशान सेवाओं पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने का दावा भ्रामक है। पीआईबी ने कहा कि अंतिम संस्कार, दफनाने, श्मशान या मुर्दाघर सेवाओं पर जीएसटी लागू नहीं है। यह केवल श्मशान से संबंधित होने वाले कामों के कॉन्ट्रैक्ट पर लागू होता है। इसका मतलब है कि श्मशान के निर्माण और रखरखाव से संबंधित सेवाओं पर जीएसटी लागू होगा।
Claim: There will be 18% GST on Crematorium Services.#PIBFactCheck
▶️This claim is #Misleading.
▶️There is no GST on funeral, burial, crematorium, or mortuary services.
▶️In this reference GST @ 18% is only applicable for work contracts and not the services. pic.twitter.com/7HE2MPMs1s
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) July 20, 2022
जीएसटी एक्ट की III अनुसूची में उन गतिविधियों और लेन-देन का जिक्र है,
जिसमे अंतिम संस्कार को को न तो सेवा और न ही वस्तु के तौर पर मान्यता दी
गई है। यानी ये सेवाएं और वस्तुएं जीएसटी के दायरे में ही नहीं है। ऐसे में
इन पर जीसटी लगाए जाने का कोई औचित्य ही नहीं बनता है।
निष्कर्ष: अंतिम संस्कार पर 18% जीएसटी लगाए जाने का दावा भ्रामक है। जीएसटी एक्ट के मुताबिक शवों का दाह संस्कार, शवों को दफनाया जाना और पार्थिव शरीर का परिवहन जीएसटी के दायरे में ही नहीं है। ऐसे में इस पर 18% जीएसटी को लगाए जाने का दावा मनगढ़ंत और भ्रामक है।