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23 Dec 2024, Mon

जय श्री राम के नाम पर जुबैर ने फैलाई फेक न्यूज

 

यूपी के गाजियाबाद में बुजुर्ग के साथ मारपीट की घटना का सांप्रदायिक करने वालों में आम नागरिक, राजनेता, पत्रकारों के साथ साथ एक फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर भी है। सोशल मीडिया में जब कार्रवाई की बात उठी तो जुबैर ने वीडियो डिलीट कर दिए हालाँकि गाजियाबाद पुलिस ने जुबैर समेत 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।


सोशल मीडिया में मंगलवार को एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में कस्बा अनूपशहर के बुलंदशहर के मीरा मोहल्ला निवासी अब्दुल समद को कुछ युवक पीटते हुए नजर आ रहे थे। हालाँकि इस वीडियो में किसी तरह की आवाज नहीं थी। इसके बाद एक और वीडियो सामने आया, जिसमे अब्दुल समद समाजवादी पार्टी के नेता उम्मद पहलवान इदरीसी के साथ फेसबुक लाइव हुए थे। इस वीडियो में उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें कुछ अज्ञात लोगों द्वारा जय श्री राम के नारें न लगाने की वजह से पीटा गया था। इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया में लोगों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी। किसी ने इसे हिन्दू आतंकवाद से जोड़ा तो किसी ने भाजपा की चाल बताया।

पढ़िए: जय श्री राम के नारों की वजह से नहीं हुआ था अब्दुल समद पर हमला, न ही हिंदूवादी ने काटी दाढ़ी  

हालाँकि पड़ताल में पता चला कि यह विवाद जय श्री राम के नारों की वजह से नहीं हुआ था, साथ ही दोनों पक्ष एक दूसरे से पहले से परिचित थे। अब्दुल ताबीज बनाने का काम करता है। इस कारण कई लोग उसके पास ताबीज बनवाने के लिए आते है। आरोपियों में किसी व्यक्ति को अब्दुल ने ताबीज बना कर दिया था इसके बाद उसकी पत्नी का मिसकैरेज हो गया।


इस मामले की हकीकत लोगों को बताने की बजाए फैक्ट चेक बेबसाईट ऑल्ट न्यूज़ के पत्रकार मोहम्मद जुबैर ने भी प्रोपेगंडा को बढ़ावा दिया, साथ ही इसे गलत बताने वालों को उन्होंने राईट विंग से जोड़ दिया। मोहमद जुबैर ने गाजियाबाद घटनाक्रम के तीन वीडियो साझा किए थे। इसमें दो वीडियो समाजवादी पार्टी के साथ फेसबुक लाइव के थे, वहीं एक म्यूट वीडियो अब्दुल समद के साथ मारपीट का था।

 

वहीं जब एक ट्विटर यूजर ने दिव्या ने इन वीडियोज को फर्जी बताया तो जुबैर ने उसे दक्षिणपंथी ट्रोल कह दिया।

इसके बाद जुबैर के ट्विट को रिट्वीट करते हुए यूपी सीएम के सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने लिखा, ‘टोना टोटका करने और ताबीज के नाम पर एक गर्भवती महिला की जिंदगी तबाह करने पर पीटा गया, पीटने में आदिल, आरिफ और मुशाहिद भी थे शामिल, लेकिन राम का नाम बदनाम करने और यूपी में दंगा भड़काने के लिए दंगाइयों ने कुछ और ही कहानी गढ डाली।‘ उन्होंने गाजियाबाद पुलिस को टैग करते हुए लिखा कि कृपया संज्ञान लें।

महोदय संज्ञान लिया गया – नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जा रही है

— GHAZIABAD POLICE (@ghaziabadpolice) June 15, 2021

शलभ मणि त्रिपाठी के इस ट्वीट के बाद जुबैर ने अपने तीनों वीडियो डिलीट कर दिए और अपना स्पष्टीकरण जारी किया। वहीं गाजियाबाद पुलिस ने जुबैर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है


 

इन पर दर्ज हुई भी एफआईआर 

फेक न्यूज फैलाने के सम्बन्ध में पुलिस ने अब तक मोहम्मद जुबैर, सपा नेता उम्मेद पहलवान इदरीसी, राना अय्यूब, सलमान
निजामी, मशकूर उस्मानी, डॉ. शमा मोहम्मद, सबा नकवी, ट्विटर आईएनसी और
ट्विटर कम्यूनिकेशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड सहित वेबसाइट ‘द वायर’ के खिलाफ
सांप्रदायिक तनाव पैदा करने, धार्मिक टिप्पणी करने, पवित्र मानी गई वस्तु
को नुकसान पहुंचाने तथा संप्रदायों के बीच घृणा व शत्रुता पैदा करने की
धाराएं लगाई गई है

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