“चिड़ियों से मैं बाज लडाऊं , गीदड़ों को मैं शेर बनाऊ।”
“सवा लाख से एक लडाऊं तभी गोबिंद सिंह नाम कहाउँ !!”
ताइवान के ‘नेशनल डे’ के मौके पर नई दिल्ली में चीन के दूतावास के बाहर लगे शुभकामनाओं वाले पोस्टर पर चीन बुरी तरह बौखला गया है। चीन की इस बौखालाहट की वजह हैं तजिंदर पाल सिंह बग्गा, एक सरदार जिसने भारत में चीनी दूतावास से लेकर चाईना के सरकारी अखबार तक सनसनी पैदा कर दी।
दरअसल, चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और एक अलग देश के तौर पर मान्यता नहीं देता है। साथ ही दुनिया से ऐसी उम्मीद रखता है कि ताइवान को चीन का ही एक हिस्सा मानें। इसी को देखते हुए ताईवान के ‘नेशनल डे’ पर चीनी दूतावास ने भारतीय मीडिया को एक खुला पत्र लिखा था, जिसमें उसकी ओर से कहा गया कि मीडिया ताइवान के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर जश्न को ज्यादा महत्व न दे और इसका कवरेज चीन के हिसाब से करें।
चीनी दूतावास की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया, ताइवान के ‘तथाकथित राष्ट्रीय दिवस’ के बारे में, चीनी दूतावास भारत में हमारे मीडिया मित्रों को याद दिलाना चाहता है कि दुनिया में केवल एक चीन है, और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना एकमात्र वैध सरकार है जो पूरे चीन का प्रतिनिधित्व कर रही है। ताइवान, चीन के क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है।
”वन-चाइना’ पॉलिसी के लिए ‘प्रतिबद्धता’ का सम्मान करने के लिए भारत को संबोधित करते हुए पत्र में कहा गया, ‘इन तथ्यों को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव द्वारा मान्यता प्राप्त है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सार्वभौमिक सर्वसम्मति है। चीन के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले सभी देशों को वन-चाइना नीति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करना चाहिए, जो कि भारत सरकार की लंबे समय से चली आ रही आधिकारिक स्थिति है।’
भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा चीनी दूतावास को जवाब दिया गया। सप्ताहिक
ब्रीफिंग के दौरान जब ये सवाल उठा तो विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग
श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय मीडिया स्वतंत्र है और उन्हें जो ठीक लगता है
वो उसपर रिपोर्ट कर सकते हैं। चीन की ओर से जारी एडवाइडजरी पर ताइवान के विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी किया। इसमें कहा गया था कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जहां आजाद मीडिया और स्वतंत्रता पसंद करने वाले लोग हैं। लेकिन लगता है कि कम्युनिस्ट चीन उपमहाद्वीप में भी सेंसरशिप लागू करा देना चाहता है। भारत में ताईवान के दोस्तों का सिर्फ एक ही जवाब है- भाड़ में जाओ।
#India🇮🇳 is the largest democracy on Earth with a vibrant press & freedom-loving people. But it looks like communist #China is hoping to march into the subcontinent by imposing censorship. #Taiwan‘s🇹🇼 Indian friends will have one reply: GET LOST! JW https://t.co/XxkSSxj5ms
— 外交部 Ministry of Foreign Affairs, ROC (Taiwan) 🇹🇼 (@MOFA_Taiwan) October 7, 2020
वहीं शनिवार सुबह को दिल्ली में चीनी दूतावास के बाहर दर्जनों पोस्टर लगे देखे गए, इन पर ऑक्युपाइड मेनलैंड चीन का नक्शा बना है और बड़े अक्षरों में ताइवान के नीचे ‘हैप्पी नैशनल डे’ लिखा है। इसके अलावा चाणक्यपुरी के हाई सिक्योरिटी वाले डिप्लोमेटिक एरिया में पोस्टर नजर आए। इन पोस्टर के नीचे तजिंदर पाल सिंह बग्गा नाम भी लिखा है। इन पोस्टर के बाद ट्विटर में भी लोगों ने ताईवान को जमकर बधाईयाँ दी।
ताईवान
के लोगों ने इस मुहीम के लिए तजिंदर पाल सिंह बग्गा को धन्यवाद दिया।
बग्गा ने इन तस्वीरों को अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा किया है। ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने भारत को धन्यवाद दिया है,साथ ही जश्न
में शामिल होने के लिए ताइवान के विदेश मंत्रालय ने भारतीयों को शुक्रिया
कहा।
Thank you to all of our dear friends in India 🇮🇳 for your well wishes on 🇹🇼 #TaiwanNationalDay. Together, we can take pride in safeguarding our shared values like freedom & human rights, & defending our democratic way of life. #namastepic.twitter.com/ZZQT1286lR
Thank you to our Indian friends for the kind wishes! The people of Taiwan admire your spirit, your fearlessness and your determination to stand up for what is right. 🇹🇼🇮🇳 https://t.co/GfOGrC9qKg
Hats off to friends from around the world this year, #India🇮🇳 in particular, for celebrating #TaiwanNationalDay. With your support, #Taiwan🇹🇼 will definitely be more resilient in meeting challenges, especially those “Get Lost” types. JW pic.twitter.com/VNwcHAhOuQ
— 外交部 Ministry of Foreign Affairs, ROC (Taiwan) 🇹🇼 (@MOFA_Taiwan) October 10, 2020
वहीं भारतीयों का ताईवान को समर्थन देखने के बाद चीन का सरकारी भोंपू ग्लोबल टाइम्स भड़क उठा। चीन ने तजिंदर पाल सिंह बग्गा के पोस्टर पर भी नाराजगी व्यक्त की। ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि यह आग से खेलने जैसा काम है और इससे पहले से खराब चल रहे भारत-चीन संबंध और ज्यादा खराब होंगे। चीनी अखबार ने कहा कि भारत की सत्तारूढ़ बीजेपी मूर्खों जैसा व्यवहार छोड़े और यह समझे कि वह आग से खेल रही है।
ग्लोबल टाइम्स ने चीनी विशेषज्ञ लियू काइयू के हवाले से कहा कि बीजेपी नेता ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब भारतीय मीडिया ने ताइवान के नैशनल डे का समर्थन किया है और सहयोग किया है। साथी भारतीय विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने भारतीय मीडिया के ‘एक चीन’ की नीति का सम्मान नहीं करते हुए अपने विचारों को प्रकाशित करने के अधिकारों का समर्थन किया है। चीन के रिसर्च फेलो हू झियोंग ने कहा कि राष्ट्रवादी बीजेपी अनैतिक तरीके से भारत-चीन तनाव के बीच ताइवान के सवाल को भड़का रही है। उसने लक्ष्मण रेखा को पार कर दिया है क्योंकि वह ताइवान का कार्ड खेल रही है और यह सोच रही है कि चीन के साथ मोलभाव में काम देगा।
Indians always have a guts to play with fire. One sardar ji on border killed your more than 15 soldiers alone, and daring of another sardar ji @TajinderBagga put down your arrogance by hanging up the “Taiwan’s National Day” posters in front of your embassy in India. https://t.co/SKU8pFbczy
हू ने कहा कि यह उकसावे की कार्रवाई भारत के लिए कुछ भी अच्छा नहीं लाएगी और केवल पहले से धरातल पर चल रहे द्विपक्षीय तनाव को और भड़काएगी। यहां तक कि यह दोनों देशों के बीच रणनीतिक भागीदारी को नुकसान पहुंचाएगी। ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि मास्को में हुए 5 सूत्री समझौते पर अभी भी भारत ने कोई कदम नहीं उठाया है। भारत ने अपनी सैन्य तैनाती को बढ़ा दिया है। इसने चीनी सेना को सीमा पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को मजबूर किया है। चीन की इस बौखालाहट पर भी भारतीयों ने करारा जवाब दिया।
As as Indian I still stand with One China, 1 Taiwan, 1 Tibet,1 HongKong,1 Xinjiang https://t.co/3FabuTmF8U
तजिंदर पाल सिंह भाजपा नेता हैं। बग्गा सोशल मीडिया खासकर ट्विटर पर काफी एक्टिव रहते हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Elections 2020) में हरिनगर सीट पर बीजेपी ने तजिंदर पाल सिंह बग्गा को अपना उम्मीदवार बनाया था। तजिंदर पाल सिंह बग्गा बीजेपी दिल्ली के प्रवक्ता हैं। वह नई दिल्ली स्थित भगत सिंह क्रांति सेना नाम के संगठन के संस्थापक सदस्य भी हैं।
बग्गा आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और वकील प्रशांत भूषण को थप्पड़ मारने, अरूंधति राय के पुस्तक समारोह को बाधित करने और मणिशंकर अय्यर की टिप्पणी के विरोध में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर चाय बेचने जैसे विवादों को लेकर चर्चा में रह चुके हैं। तजिंदर बग्गा ने राजनीति में अपने सफर की शुरुआत 16 साल की उम्र में की थी।