सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल है। इस वीडियो में एक स्कूल में छात्राएं अपना दुपट्टा फेंकते हुए नजर आ रही हैं। दावा किया जा रहा है कि छात्राएं स्कूल की यूनिफार्म का विरोध कर रही हैं। हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा गलत है।
एंटी इंडिया प्रोपेगेंडाबाज अशोक स्वेन ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है कि तमिलनाडु में आदिवासियों के एक स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियां स्कूल यूनिफॉर्म के विरोध में अपने दुपट्टे (स्कार्फ) फेंक रही हैं, जिसे वे उत्तर भारतीय और पितृसत्तात्मक समझती हैं।
Girls studying in a school for tribals (indigenous people) in Tamil Nadu are throwing away their dupattas (scarves) in protest against school uniforms that they think North Indian and patriarchal! pic.twitter.com/6ZA0AM5bgP
— Ashok Swain (@ashoswai) March 15, 2023
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने सम्बन्धित कीवर्ड्स को गूगल पर सर्च किया तो वन इंडिया द्वारा प्रकाशित तमिल भाषा में एक रिपोर्ट मिली। हमने सबसे पहले इस रिपोर्ट का ट्रांसलेशन किया। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि लेखिका गीता इलंगोवन कलवारायण पहाड़ी पर स्थित सरकारी बोर्डिंग स्कूल के छात्रों से बात करने पहुँची थी, इस दौरान छात्राओं ने उनके स्वागत में दुपट्टा फेंक दिया।
इस वीडियो को लेखिका गीता इलंगोवन ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि हमारे युवा मित्रों ने अपने दुपट्टे फेंक दिए और कार्यक्रम में मेरा गर्मजोशी से स्वागत किया। बहुत खुशी हुई। बहुत प्यार और धन्यवाद दोस्तों।
கல்வராயன் மலை மகள்களைக் கொண்டாடும், @awareindia2020ன் அவளதிகாரம் நிகழ்ச்சியில் எமது இளம்தோழர்கள் தமது துப்பட்டாக்களைத் தூக்கி வீசி நேற்று எனக்களித்த வரவேற்பு நெகிழ்ச்சியான அனுபவம் ❤️ மிக்க மகிழ்ச்சி😍💖நிறைய அன்பும் நன்றியும் தோழர்ஸ்#துப்பட்டாபோடுங்கதோழி #herstories pic.twitter.com/BQNsJ3ObBg
— Geeta Ilangovan (@geetailangovan) March 13, 2023
निष्कर्ष: छात्राओं ने लेखिका के स्वागत में अपने दुपट्टों को फेंका था, यूनिफॉर्म का विरोध का दावा गलत है।
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