आतंकियों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार जम्मू-कश्मीर के निलंबित पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह को लेकर सोशल मीडिया में एक फेक न्यूज साझा की जा रही है।
अभिनेता सुशांत सिंह ने ट्विट कर लिखा है कि ‘देविंदर सिंह के खिलाफ एनआईए चार्जशीट दर्ज नहीं कर सकी, तीन महीने में ज़मानत हो गई। सुशांत सिंह ने ट्विट कर लिखा डीएसपी देविंदर सिंह अपनी गाड़ी में आतंकवादियों को जम्मू कश्मीर से दिल्ली लेकर जा रहे थे, तब उन्हें रंगे हाथों पकड़ा गया था। एनआईए चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई थी, 3 महीने में जमानत मिल गई। कहाँ है, पता है किसी को? किसी चैनल ने खालिस्तानी कहा उसे? कोई ढूँढ रहा है उसे या चीन की घुसपैठ की तरह भूल गए?
सुशांत सिंह के अलावा कई सोशल मीडिया यूजर्स ने देविंदर सिंह को लेकर यही दावा किया है।’
क्या है हकीकत?
देविंदर सिंह दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा जून में दर्ज किए गए मामले के संबंध में जमानत दी थी। 90 दिन की अनिवार्य अवधि पूरी होने के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा चार्जशीट न दाखिल करने की वजह से अदालत ने जमानत दी थी। मामले की जाँच करने वाले अधिकारी ने अदालत के समक्ष स्टेटस रिपोर्ट पेश करते हुए कहा था, “इस तात्कालिक मामले की जाँच अभी ख़त्म नहीं हुई है, इसलिए चार्जशीट दाखिल नहीं की जा सकी।” एनआईए ने इस मामले में पहले भी स्पष्ट करते हुए कहा था कि देविंदर सिंह एनआईए की कस्टडी में हैं उसके खिलाफ जुलाई में चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
Accused J&K DSP Davinder Singh continues to be in judicial custody in the NIA case. We have adequate evidence against him and he will be charge-sheeted in due course: National Investigation Agency
Delhi Police had arrested Davinder Singh in a separate case. He continues to be in judicial custody in NIA case. Investigation is in full swing in NIA case and a chargesheet will be filed against Davinder Singh and other accused persons in the first week of July, 2020. https://t.co/ubvmAl80tX
इसके बाद 6 जुलाई को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने देविंदर सिंह सहित छह लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी। एजेंसी ने कहा कि देविंदर सिंह दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के कुछ अधिकारियों के साथ सुरक्षित सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए संपर्क में थे। चार्जशीट में कहा गया है कि सिंह को संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से पाकिस्तानी अधिकारियों ने तैयार किया था।
देविंदर सिंह के अलावा चार्जशीट में प्रतिबंधित संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर सैयद नवीद मुश्ताक उर्फ नवीद बाबू का भी नाम है। कश्मीर में कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुके नवीद, रफी अहमद और इरफान शफी मीर को अपनी कार में बैठाकर पूर्व डीएसपी उन्हें सुरक्षित कश्मीर से बाहर निकालने की फिराक में था लेकिन कुलगाम से इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था।इनके अलावा चार्जशीट में तनवीर अहमद वानी और नवीद अहमद के भाई सैयद इरफान अहमद का भी नाम है। पुलिस ने देविंदर सिंह को पिछले साल 11 जनवरी को जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर पकड़ा था। वह एक कार में सवार था और उसके साथ जो तीन लोग कार में सवार थे, उनमें आतंकवादी सैयद नवीद, रफी अहमद और कानून का छात्र इरफान शफी मीर भी था।
चार्जशीट में एनआईए ने कहा कि पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी इरफान शफी मीर के लगातार संपर्क में थे, जो एक वकील होने का दावा करता है। इतना ही नहीं, उसे जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी सेमिनार आयोजित करने के लिए धन मुहैया भी कराया जाता था। आरोप पत्र में कहा गया है कि मीर दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग से निर्देश और पैसे लेते थे और बड़ी संख्या में कश्मीरियों के लिए वीजा आवेदन की सुविधा भी देते थे।चार्जशीट के मुताबिक, आरोपी हिजबुल मुजाहिदीन और पाकिस्तानी एजेंसियों की ओर से भारत के खिलाफ हिंसक वारदातों को अंजाम देने की साजिश का हिस्सा थे। एनआईए ने पिछले साल 18 जनवरी को इस मामले को संभाला था जिससे 7 दिन पहले ही पूर्व डीएसपी देविंदर सिंह को पकड़ा गया था।
Jobless actor Sushant Singh, again spreads fake news alleging the release of suspended police cop Davinder Singh, who was arrested in 2019 for his alleged ties with terrorists. Davinder Singh, did not ‘walk out of jail’ as claimed by Sushant Singh, but is still in NIA custody! https://t.co/38Tv05hWXA
Dear @TwitterIndia and @TwitterSupport, this claim by a verified twitter handle is a blatant lie and totally misleading as the accused Davinder Singh is still in Jail and @NIA_India has tweeted about it. Kindly flag this tweet as false claim to avoid misuse of @Twitter platform. https://t.co/NRxHis78XX
इससे साफ जाहिर है कि एनआईए ने देविंदर सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर कर चुकी है। सोशल मीडिया में सुशांत सिंह द्वारा किया गया दावा भ्रामक ही नहीं, बल्कि एक तरह का प्रोपेगंडा प्रतीत होता है। अदालत द्वारा दी गई जमानत सिर्फ दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामले में दी गई थी। देविंदर सिंह पर एनआईए ने एक अलग मामला दर्ज किया था, जिसमें उसे जमानत नहीं दी गई और वह फिलहाल जेल में ही है।