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24 Dec 2024, Tue

फैक्ट चेक: अरविन्द केजरीवाल ने इस इंटरव्यू में नहीं किया कृषि कानूनों का समर्थन, एडिट है वीडियो

 

नए कृषि कानूनों को लेकर बीते 2 महीनों से किसानों का
प्रदर्शन जारी है। आंदोलन खत्म करने को लेकर सरकार और किसानों के बीच 10
दौर की बातचीत हो चुकी है, हालांकि कोई नतीजा अब तक नहीं निकला। किसानों ने
कहा है कि सरकार जब तक नए कृषि कानूनों को खत्म नहीं करती तब तक आंदोलन
जारी रहेगा, उधर सरकार ने लगातार कानूनों में संशोधन की बात की। इस बीच
कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के इंटरव्यू
का एक हिस्सा सोशल मीडिया में वायरल है।
 

 
सोशल मीडिया में अलग अलग लोग 18
सेकेंड्स के इस वीडियो को साझा करते हुए दावा कर रहे हैं कि अरविन्द
केजरीवाल ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का समर्थन किया है। वायरल वीडियो
में अरविन्द केजरीवाल कहते हैं कि ‘आपकी जमीन नहीं जाएगी, आपका एमएसपी
नहीं जाएगा, आपकी मंडी नहीं जाएगी, अब किसान अपनी फसल पूरे देश में कहीं
भी बेच सकता है, अब किसान को अच्छे दाम मिलेंगे, वो मंडी के बाहर कहीं भी
बेच सकता है, दिलीप जी ये 70 साल के अंदर सबसे बड़ा क्रांतिकारी कदम होगा
कृषि क्षेत्र में।’
 

 

भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी इस वीडियो को ट्विट करते हुए लिखा कि तीनों किसान बिल का फायदा गिनाते हुए सरजी।

 

 
क्या है हकीकत?
 
पड़ताल करने पर पता चलता है कि यह इंटरव्यू
15 जनवरी 2021 का है। इस वीडियो को ‘जी पंजाब हरियाणा हिमाचल’ के यूट्यूब
चैनल पर अपलोड किया गया है। ‘ZeePHH’ के एडिटर दिलीप तिवारी और उनके सहयोगी
जगदीप संधू ने अरविन्द केजरीवाल इन्टरव्यू का लिया था। अरविन्द केजरीवाल
इस इंटरव्यू में केंद्र सरकार के कृषि कानूनों की आलोचना कर रहे हैं, वायरल
वीडियो भी इसी इन्टरव्यू का हिस्सा है। लेकिन इस हिस्से से छेड़छाड़ की गयी
है।
 
 
इंटरव्यू में 05:54 मिनट पर पत्रकार जगदीप संधू सवाल करते हैं कि केंद्र
सरकार दावा कर रही है कि जो किसानों की इनकम उसे डबल करने की कोशिश कर रहे
हैं, जवाब में अरविन्द केजरीवाल बोलते हैं, कैसे?अरविन्द केजरीवाल कहते
हैं कि केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने अपने बड़े बड़े नेता मैदान
में उतारे हैं, इनके सारे बड़े बड़े मंत्री, मुख्यमंत्री मैदान में उतरे हैं,
लोगों को समझाने के लिए कि ये बिल किसानों के फायदे में हैं। मैंने इन
सबके भाषण सुने हैं, उन भाषणों में क्या कहते हैं ये। भाषण में कहते हैं कि
इस बिल से आपकी जमीन नहीं जाएगी, ये तो फायदा नहीं हुआ, जमीन तो थी। आपका
एमएसपी नहीं जाएगा
तो ये तो फायदा नहीं हुआ ये तो था ही। आपकी मंडी नहीं
जाएगी
ये तो था ही फायदा।
 

 
अरविन्द केजरीवाल कहते हैं कि फायदा क्या हुआ,
इनका एक भी नेता एक फायदा नहीं गिना पा रहा। जब बहुत ज्यादा कुरेदो तो
फायदे के नाम पर कहते हैं अब किसान अपनी फसल पूरे देश में कहीं भी बेच सकता
है
, यही फायदा गिनाते हैं न ये। अब किसान को अच्छे दाम मिलेंगे, वो मंडी
के बाहर कहीं भी बेच सकता है
, मैं केंद्र सरकार से पूरी विनम्रता से पूछना
चाहता हूँ कि आज पंजाब और हरियाणा में मंडी में एसएसपी साढ़े 1800 रुपये
कुंतल है गेंहू की। बिहार में मंडी नहीं हैं, वहां 800 रुपये में किसान बेच
रहा है। उस 800 रुपये में बेचने वाले किसान को जाकर बता दो वो पूरे देश
में कहाँ जाकर मंडी के बाहर बेचे कि उसे साढ़े 1800 रुपये से ज्यादा का दाम
मिल जाए, कहीं मिल ही नहीं सकता। मंडी के बाहर तो मंडी से कम मिलता है तो
ये भी कोई फायदा नहीं हैं। फायदा है क्या? किसान को एक भी फायदा नहीं है इस
कानून से। इस कानून से केवल और केवल चार पाँच बड़े पूंजीपतियों को ही फायदा
है।
 

कृषि बिल के फायदे बताते @ArvindKejriwal 😂
pic.twitter.com/pguSM7tXnM

— Prakash Pandya (@prakashpandya7) January 30, 2021

 
वायरल वीडियो में एक लाईन जिसमे अरविन्द केजरीवाल कहते हैं कि दिलीप जी
ये 70 साल के अंदर सबसे बड़ा क्रांतिकारी कदम होगा कृषि क्षेत्र में।’ इस
लाईन को कृषि कानून की प्रशंसा के तौर पर दिखाया गया है जबकि इस लाईन को
इंटरव्यू के अगले सवाल से उठाया गया है जिसमे केजरीवाल किसानों की माँग का समर्थन करते हुए इस बात को कह रहे हैं। इंटरव्यू में 8:54 मिनट पर एडिटर
दिलीप तिवारी सवाल करते हैं कि आपके पास एक मुख्यमंत्री, एक राजनेता, एक
साधारण नागरिक के तौर पर किसानों की समस्याओं का क्या समाधान हैं।
 

 
जवाब
में अरविन्द केजरीवाल कहते हैं कि किसान दो बात कह रहे हैं, समाधान
उन्होंने इसी में डाला हुआ है कि तीनों कृषि बिल वापस हों, दूसरा एमएसपी कि
गांरटी का कानून लाया जाए। एमएसपी स्वामीनाथन आयोग के हिसाब से पचास
प्रतिशत फायदे के हिसाब से, जितना दाम है उसमे 50 फीसद जोडकर एमएसपी तय की
जाए। अगर ये आ गया तो दिलीप जी ये 70 साल के अंदर सबसे बड़ा क्रांतिकारी
कदम होगा कृषि क्षेत्र में
, किसान कोई भीख नहीं माँग रहा , किसान कह रहा है
उसे अपनी फसल का पूरा दाम चाहिए। अगर किसान को एमएसपी की गांरटी दे दी जाए
तो किसान लोन लेना बंद कर देना, आत्महत्या करना बंद कर देगा तो ये बहुत
बड़ा क्रांतिकारी कदम होगा।
 
अरविन्द केजरीवाल की बातचीत के इन्ही अंशों से 6
लाईन को उठाकर सोशल मीडिया में वायरल किया गया है, इसमें एडिट कर बीच का
हिस्सा गायब कर दिया है। इस इंटरव्यू में बात करते हुए आगे भी केजरीवाल
कृषि कानूनों की आलोचना करते हुए नजर आते हैं। इससे जाहिर है कि सोशल
मीडिया में वायरल वीडियो से छेड़छाड़ की गयी, अरविन्द केजरीवाल ने इस
इंटरव्यू में कृषि कानूनों का समर्थन नहीं किया है।
 
‘संदेहात्मक खबर की यहां
करें पड़ताल:सोशल मीडिया में वायरल जुड़ी कोई खबर सच है या फर्जी, यह जानने
के लिए उस खबर का स्क्रीनशॉट, ट्विट, फेसबुक पोस्ट या यूआरएल(लिंक) FactMyths@gmail.com पर मेल कर सकते हैं।

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