उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इलाहाबाद
यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर संगीता श्रीवास्तव ने डीएम को पत्र लिखकर
मस्जिद के लाउडस्पीकर से सुबह के समय होने वाली अजान की आवाज से नींद में
खलल पड़ने की शिकायत की थी। आपत्ति के बाद मस्जिद कमेटी ने उनके घर की तरफ
लगे मस्जिद के लाउडस्पीकर हटा दिये हैं। इसके साथ ही मस्जिद कमेटी ने 50
फीसदी वॉल्यूम में ही लाउडस्पीकर से अजान देने का फैसला लिया है। इसके बाद
अब सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि गोवा में हाईकोर्ट ने मस्जिदों
ने लाउडस्पीकर हटाने का आदेश दिया है। हालाँकि पड़ताल में यह दावा भ्रामक
है।
एक यूजर शैफाली वैध
ने ट्विट करते हुए लिखा कि गोवा के एक आईटी इंजीनियर की शिकायत के बाद
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने मस्जिदों को लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं करने का
निर्देश दिया और पुलिस को आदेश लागू करने के लिए निर्देशित किया है।
An IT engineer from Goa lodged a complaint that the loud azaan from multiple mosques was disturbing him while working from home. He won his appeal and the additional district magistrate has directed the mosques to not use the loudspeakers and cops are directed to enforce order!
— Shefali Vaidya. (@ShefVaidya) March 16, 2021
एक
यूजर शोभराज यादव ने लिखा कि गोवा हाईकोर्ट ने लाउडस्पीकर से अजान पर रोक
लगाए और साथ में नूरानी, सफा, सुन्नी शाही मदीना मस्जिद पर निगरानी रखने के
आदेश भी जारी किया। सोशल मीडिया में इस तरह का दावा कई लोगों ने किया है।
गोवा हाईकोर्ट ने लाउडस्पीकर से अजान पर रोक लगाए और साथ में नूरानी, सफा, सुन्नी शाही मदीना मस्जिद पर निगरानी रखने के आदेश भी जारी किया#अजान #Azan
— SHOBHRAJ H YADAV (@SHOBHRAJHYADAV) March 23, 2021
क्या है हकीकत?
सोशल मीडिया में किए जा रहे दावे की हकीकत जानने के लिए हमे गोवा के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट के फैसले और आदेश की कॉपी मिली। इसके मुताबिक़, मस्जिदों में बिना परमिशन के चल
रहे सभी लाउडस्पीकर्स को बंद करने का आदेश दिया गया है। साथ ही परमिशन
मिलने के बाद ध्वनि प्रदूषण के नियम का पालन करते हुए लाउडस्पीकर्स के प्रयोग
के निर्देश दिए गए हैं। इस फैसले में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि
मस्जिदों पर अब लाउडस्पीकर्स नहीं लगेंगे या उन्हें हटा दिया जाएगा।
निष्कर्ष: पड़ताल में पता चलता है कि मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का निर्देश नहीं दिया गया है बल्कि बिना परमिशन के चल रहे लाउडस्पीकर्स को बंद करने के साथ ही नियमानुसार लाउडस्पीकर चलाने का निर्देश दिया
है। सोशल मीडिया में किया जा रहा दावा भ्रामक है।