सोशल मीडिया में उत्तर प्रदेश के दो प्राथमिक विद्यालय की तस्वीरों को साझा किया जा रहा है। इन दोनों ही तस्वीरों में स्कूल के अंदर मवेशी बंधे हुए हैं। इन तस्वीर से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि दोनों तस्वीर काफी पुरानी हैं।
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने इन तस्वीरों को ट्वीट करते हुए लिखा कि Pic.2: सुल्तानपुर के प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण करते अधिकारीगण। Pic.2: प्रयागराज के विद्यालय निरीक्षण में अधिकारियों को मिली भारी कमी अभी भी स्कूल के नाम में इलाहबाद कैसे लिखा है? इन विद्यालयों की दुर्दशा के लिये CBI जाँच कब होगी?
Pic.1: सुल्तानपुर के प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण करते अधिकारीगण।
Pic.2: प्रयागराज के विद्यालय निरीक्षण में अधिकारियों को मिली भारी कमी अभी भी स्कूल के नाम में इलाहबाद कैसे लिखा है?
इन विद्यालयों की दुर्दशा के लिये CBI जाँच कब होगी? pic.twitter.com/3keB90yIt0— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) September 1, 2022
समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने लिखा कि उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूल विश्व स्तर पर पहुँचे गिनेश बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल हुए। बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री जी को बधाई एवं शुभकामनाएं।
उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूल विश्व स्तर पर पहुँचे गिनेश बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल हुए।
बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री जी को बधाई एवं शुभकामनाएं। pic.twitter.com/uFaS0h4bI8
— I.P. Singh (@IPSinghSp) September 1, 2022
एक यूजर मर्यादा मौर्य ने तंज कसते हुए लिखा कि दिल्ली प्राइमरी स्कूल का हाल?
मुझे पता है उत्तर प्रदेश का ही लोगो बस बता रही हूं ।
— Maryada Maurya (@maryada_maurya) August 31, 2022
बोलता हिंदुस्तान ने ट्वीट कर लिखा कि यूपी के सरकारी स्कूलों की फ़ोटो शेयर कर बोले AAP सांसद- “इन विद्यालयों की दुर्दशा के लिये CBI जाँच कब होगी?”
यूपी के सरकारी स्कूलों की फ़ोटो शेयर कर बोले AAP सांसद- “इन विद्यालयों की दुर्दशा के लिये CBI जाँच कब होगी?” pic.twitter.com/XrPgjuousm
— Bolta Hindustan (@BoltaHindustan) September 1, 2022
क्या है हकीकत: पहली तस्वीर में जनपद सुल्तानपुर के लंभुआ तहसील क्षेत्र के शंकरपुर का प्राइमरी स्कूल बताया गया है। हमने सबसे पहले गाँव के प्रधान इसराइल से सम्पर्क किया। इसराइल ने बताया कि गाँव में अब प्राईमरी स्कूल नहीं हैं, इसे 4 साल पहले कंपोजिट विद्यालय में बदल दिया गया है। विद्यालय में बंधी भैंस की तस्वीर भी 4 साल से ज्यादा पुरानी है। उन्होंने बताया कि उस वक्त गाँव में ज्यादा बारिश हुई है जिससे गाँव के मवेशी स्कूल में पहुँच गए थे।
प्रधान इसराइल ने हमे विद्यालय की तस्वीर भी भेजी जिसमे उसका नाम ‘कंपोजिट विद्यालय शंकरपुर’ लिखा है। जबकि वायरल तस्वीर में इसका नाम ‘प्राइमरी विद्यालय शंकरपुर’ लिखा है।
इसराइल ने यह भी बताया कि उन्हें कल किसी ने वायरल तस्वीर का स्क्रीनशॉट भेजा था। जिसमे किसी ‘मर्यादा मौर्य’ ने गाँव के विद्यालय की पुरानी तस्वीर शेयर की है। इस तरह से गाँव और विद्यालय को बदनाम किया जा रहा है, इस सम्बन्ध में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई जाएगी।
दूसरी, तस्वीर जनपद प्रयागराज के साेहबतियाबाग के प्राइमरी विद्यालय की है। हमने एक पत्रकार के माध्यम से साेहबतियाबाग निवासी मनीष त्रिपाठी से बातचीत की। उन्होंने बताया कि प्राइमरी विद्यालय उनके घर के पास ही है। विद्यालय में भैंस नहीं बंधी है। जब हमने उन्हें वायरल तस्वीर दिखाई तो उन्होंने कहा कि यह तस्वीर बहुत पुरानी है।
साेहबतियाबाग के ही एक युवक आदेश ने भी बताया कि विद्यालय में भैंस नहीं बंधी है, वायरल तस्वीर पुरानी हैं। हमे इस विद्यालय की मौजूदा तस्वीर भी मिली जिसमे पेड़-पौधे नजर आ रहे हैं।
वहीं प्रयागराज के बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि वायरल तस्वीर पुरानी है। पहले यहां अतिक्रमण था। कुछ स्थानीय लोगों ने विद्यालय में भैंस बांधते थे। अब पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त हो चुका है। यहां अब बाउंड्री हो चुकी है।
निष्कर्ष: पड़ताल में पता चलता है कि यूपी के सुल्तानपुर और प्रयागराज के विद्यालय में भैंस बंधी तस्वीर पुरानी हैं।