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24 Dec 2024, Tue

महाराष्ट्र में प्रिंसिपल को स्कूल में ईसाई प्रार्थना करवाने की वजह से पीटने का दावा भ्रामक है

सोशल मीडिया में एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र में एक स्कूल के प्रिंसिपल को ईसाई प्रार्थना करवाने की वजह से हिंदूवादी संगठन के लोगों ने पीटा। हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा भ्रामक है।  

मोहम्मद अनस ने वीडियो ट्वीट कर लिखा कि ये इस देश के हिंदू हैं। हिंदुओं डूब मरो। ये तुम्हारे घर का पिता/भाई/चाचा/फूफा कोई भी हो सकता है। इस प्रिसिंपल को हिंदूओं की भीड़ ने दौड़ा दौड़ा कर पीटा। जो भी खुद को हिंदू मानता या समझता है वह इस वीडियो को अपने वॉल पर लगाए, अपने घर वालों को दिखाए, उन्हें समझाते हुए वीडियो डाले। महाराष्ट्र(अंबी): स्कूल प्रिंसिपल पर सुबह कि प्रार्थना में ईसाई प्रार्थना शामिल करने का आरोप,हिंदू संगठन के लोगों द्वारा प्रिंसिपल कि पिटाई एवं धार्मिक नारे लगाने का भी आरोप, डी.वाई पाटिल स्कूल का बताया जा रहा मामला,वीडियो वायरल।

महाराष्ट्र(अंबी): स्कूल प्रिंसिपल पर सुबह कि प्रार्थना में ईसाई प्रार्थना शामिल करने का आरोप,हिंदू संगठन के लोगों द्वारा प्रिंसिपल कि पिटाई एवं धार्मिक नारे लगाने का भी आरोप, डी.वाई पाटिल स्कूल का बताया जा रहा मामला,वीडियो वायरल।

— Mohammad Anas (@anasinbox) July 5, 2023

वसीम अकरम त्यागी ने लिखा कि महाराष्ट्र के एक स्कूल में सुबह की प्रेयर में ईसाई प्रार्थना शामिल करने के आरोपे में हिंदूवादी संगठन के उपद्रवियों द्वारा प्रिंसिपल को पीटा गया। हमलावरो ने इस दौरान ‘अपने धर्म’ के नारे  भी लगाए। इस घटना से बच्चों के मस्तिष्क पर कैसा प्रभाव पड़ेगा बेशर्मो!  

सदफ आफरीन ने लिखा कि महाराष्ट्र स्कुल प्रिंसिपल को भीड़ दौड़ा दौड़ा कर पीट रही है! प्रिंसिपल पर आरोप है कि उन्होंने स्कूल की प्रथना मे ईसाई प्रथना शामिल किया था! भीड़ द्वारा प्रिंसिपल को पीटे जाने का वीडियो वायरल हो रहा है! बहुत हो शर्मनाक है यह!

अशोक स्वेन ने लिखा कि भारत के महाराष्ट्र में हिंदू वर्चस्ववादियों ने स्कूल में ईसाई प्रार्थना के कारण एक स्कूल प्रिंसिपल की पिटाई कर दी है!

इसके अलावा इसी दावे के साथ वीडियो को अशरफ हुसैन, मोहम्मद समीर, मोहम्मद तनवीर, Hindutva watch, Maktoob, Gabbar, मोहम्मद शेर अली, मनीष कुमार, कवीश अजीज समेत कई लोगों ने शेयर किया है। 

क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने दावे से सम्बंधित कीवर्ड्स को गूगल पर सर्च किया तो ‘आज तक’ पर 6 जुलाई को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक यह मामला पुणे के तालेगांव शहर के अंबी में स्‍थ‍ित डीवाई पाटिल स्कूल का है।  रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि लड़कियों के वॉशरूम में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे जिसकी  शिकायतों उन्होंने अपने परिजनों से की। यह कैमरे जून में छुट्टियों के समय लगाए थे। जब जुलाई के पहले हफ्ते में लड़कियां स्कूल गईं तो उन्होंने वॉशरूम में कैमरे लगे देखे। स्कूल के प्रिंसिपल पर पढ़ाने से ज्यादा ईसाई धर्म का प्रचार का भी आरोप लगा है। साथ ही हिंदू त्योहारों के दिन बच्चों को छुट्टी भी नहीं दी जाने की शिकायत दर्ज कराई गई। इस घटना की जानकारी बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को लगी तो उन्होंने डी वाई पाटिल स्कूल पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया और प्रिंसिपल को पीटा।

आज तक की रिपोर्ट

इसके बाद पड़ताल में हमे अमर उजाला की एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक तालेगांव एमआईडीसी के पुलिस निरीक्षक रंजीत सावंत ने बताया कि स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा के परिजनों ने स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि स्कूल ने छात्राओं के शौचालय में सीसीटीवी कैमरा लगाया है। वहां बाइबल के अनुसार प्रार्थना कराई जाती है। जबकि, किसी भी हिंदू त्योहारों पर छुट्टियां नहीं दी जाती। सावंत का कहना है कि परिजनों के शिकायत की जांच की जा रही है।

अमर उजाला की रिपोर्ट

रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि विभाग के अधिकारी एसआर वालुंज ने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि टॉयलेट में कैमरा लगाया गया था लेकिन मेरे दौरे से पहले उसे हटा दिया गया था। स्कूल के कर्मियों ने स्वीकार किया है कि टॉयलेट में कैमरा लगा हुआ था। हालांकि, स्कूल प्रबंधन का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। उन्हें नहीं पता कि कैमरा किसकी अनुमति से लगवाया गया है। मैं जांच रिपोर्ट शिक्षा आयुक्त को भेजूंगा, इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।  

इसके बाद हमे एक वीडियो भी मिला जिसमे स्कूल के टॉयलेट में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ नजर आ रहा है।

The management conducted a meeting on July 6 taking cognizance of the event and confirmed that it had no idea that CCTVs were installed in the girl’s washrooms. It has assured to take strict action against the teachers.

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— Siddhi Somani (@sidis28) July 6, 2023

निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि यह मामला स्कूल में सिर्फ ईसाई प्रार्थना करवाने तक सीमित नहीं हैं, स्कूल के टायलेट में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था जिस पर छात्राओं के परिजनों ने आपत्ति उठाई है। वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है।

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