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24 Dec 2024, Tue

महिला सफाईकर्मियों से जातिगत भेदभाव का दावा गलत है, वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है

सोशल मीडिया में एक वायरल वीडियो में सफाईकर्मी महिलाएं जब एक घर के दरवाजे पर पहुँचती तो उसे दूर हटा दिया जाता है। सफाईकर्मियों के लिए महिला को सड़क पर पानी की बोतल रख दी जाती है। इस वीडियो को लोग जातिगत भेदभाव के आरोपों के साथ शेयर कर रहे हैं।

द दलित वॉयस ने वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा है कि यह वीडियो आपको बताएगा कि आरक्षण क्यों आवश्यक है। क्या ये भेदभाव किसी ब्राह्मण बनिया ठाकुर व्यक्ति के साथ हुआ है?

This video will tell you why reservation is necessary. Has this discrimination happened with any Brahmin Baniya Thakur person ? pic.twitter.com/9rXfbqR44o

— The Dalit Voice (@ambedkariteIND) August 18, 2023

आरएलडी नेता प्रशांत कनौजिया ने लिखा कि आर्यावर्त की असली तस्वीर यही है। हिंदू राष्ट्र में ये आम होगा।

आर्यावर्त की असली तस्वीर यही है। हिंदू राष्ट्र में ये आम होगा।

pic.twitter.com/SIZ0KteyRY

— Prashant Kanojia (@KanojiaPJ) August 18, 2023

रोहिणी घावरी ने लिखा कि विश्व गुरु भारत की असल तस्वीर जहाँ आज भी छुआछूत जातिवाद का ज़हर चरम पर है !! संविधान होने के बावज़ूद हमारे लोग यह अपमान झेल रहे है कल्पना करो अगर संविधान बदल दिया गया तो कितनी बुरी दशा होगी हमारी !! #Jaibhim

विश्व गुरु भारत की असल तस्वीर जहाँ आज भी छुआछूत जातिवाद का ज़हर चरम पर है !!
संविधान होने के बावज़ूद हमारे लोग यह अपमान झेल रहे है कल्पना करो अगर संविधान बदल दिया गया तो कितनी बुरी दशा होगी हमारी !! #Jaibhim
pic.twitter.com/eHUPojLSaI

— Rohini Ghavari ( रोहिणी ) (@RohiniGhavari11) August 19, 2023

मुकेश मोहन ने लिखा कि ऐसी छुआछूत हुई है कभी आपके साथ? मेरे साथ हुई है।

ऐसी छुआछूत हुई है कभी आपके साथ?

मेरे साथ हुई है। pic.twitter.com/V6UrbXRN0R

— Mukesh Mohan (@MukeshMohannn) August 18, 2023

क्या है हकीकत? पड़ताल में हमे वायरल वीडियो का पूरा हिस्सा एशियानेट न्यूज़एबल के यूट्यूब चैनल पर मिला। इस वीडियो को 24 जून 2023 को “घर के मालिक ने पौराकर्मिकों को पीने का पानी देने से इनकार कर दिया; वायरल वीडियो जागरूकता लाता है” शीर्षक के साथ अपलोड किया गया है।

यूट्यूब वीडियो के विवरण में लिखा है कि बेंगलुरु: बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के पौरकर्मिका केवल शहर को साफ रखने तक ही सीमित नहीं हैं, कुछ उनमें छिपी प्रतिभा को लाने की भी कोशिश करते हैं। जब शहर में कोरोना वायरस (कोविड-19) के मामलों में वृद्धि के बाद डर का माहौल है, तो सबसे अधिक असुरक्षित पौरकर्मिकों को एक वीडियो बनाने का विचार आया। पहले वायरल वीडियो में, दो पौराकार्मिका महिलाओं में से एक एक अहंकारी घर के मालिक की भूमिका निभाती है और अपने घर के अंदर पीने का पानी उपलब्ध कराने से इनकार करती है। पानी मांगने आई पौरकर्मिका महिला हैरान रह गई। अगले क्रम में, घमंडी महिला अपने घर के गेट से बाहर आई, सड़क पर पानी की बोतल रखी और पौरकर्मिका को इकट्ठा करने के लिए कहा। इस वीडियो में सभी व्यक्ति बेंगलुरु के सिंगसंद्रा वार्ड के पौराकर्मिक थे।

यूट्यूब वीडियो में, ‘पुराकर्मिकों’ को कन्नड़ में यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वे इस महामारी के दौरान अपने निर्धारित इलाकों को साफ करने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं फिर भी उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है क्योंकि लोगों को डर है कि वे कोरोनोवायरस संक्रमण का शिकार हो जाएंगे। इस वीडियो में बीबीएमपी के विशेष आयुक्त सरफराज खान ने जागरूकता लाने के लिए इस वीडियो में पौराकर्मिकों द्वारा किए गए रचनात्मक कार्यों की सराहना की। इस वीडियो के सम्बन्ध में एशियानेट न्यूज़एबल ने अपनी बेबसाईट पर भी रिपोर्ट प्रकाशित की है।

एशियानेट न्यूज़एबल पर प्रकाशित रिपोर्ट

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो में जातिगत भेदभाव का आरोप गलत है। यह वीडियो कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों में जागरूकता लाने के लिए बनाया गया था यानि वीडियो स्क्रिप्टेड है।

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(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है तो पड़ताल के लिए हमारे व्हाट्सएप नंबर +917895085973 पर भेजें)

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