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24 Dec 2024, Tue

सोशल मीडिया में उन्नाव की लड़कियों के साथ बलात्कार का दावा है झूठा, कांग्रेस नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज

 

यूपी पुलिस ने उन्नाव के बबुरहा में दलित लड़कियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले का खुलासा शुक्रवार को ही कर दिया। वहीं सोशल मीडिया में कुछ लोग ट्विट कर लिख रहे हैं कि उन्नाव में युवतियों के साथ बलात्कार हुआ है। हालाँकि घटना के बाद ही पुलिस ने यह बताया था कि लड़कियों के शरीर पर किसी भी तरह के चोट के निशान नहीं हैं, साथ ही घटना के खुलासे से भी स्पष्ट है कि बलात्कार की खबरों में कोई सच्चाई नहीं हैं। उन्नाव मामले में अफवाह फैलाने को लेकर शनिवार को पुलिस ने पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता उदित राज के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

 

उन्नाव घटना के बाद से सोशल मीडिया में कई यूजर्स लिख रहे हैं कि खेत में मिली तीन लड़कियों का बलात्कार हुआ है। कांग्रेस नेता रोशनी कुमार जैसवाल ने एक वीडियो जारी कर तीनों लड़कियों के साथ दुष्कर्म की बात कही है। उन्होंने अपने वीडियो कहा कि मै उन्नाव की घटना से बहुत दुखी और पीड़ा में हूँ, आज हमारा भारत फिर से शर्मसार हुआ। उन्नाव में तीन दलित बेटियों के साथ दुष्कर्म हुआ है और उनके लाशों को पेड़ से बंधा छोड़ दिया जाता है जिनमे से दो लड़कियों ने दम तोड़ दिया है।

 

वहीं कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज ने भी ट्विट कर लिखा कि पूर्व सांसद सावित्रीबाई फुले से बात हुई है और पुलिस ने उन्हें बड़ी मुश्किल से उन्नाव के पीड़ित परिजनों से मिलने दिया। पीड़ित परिजनों ने बताया है कि बच्चियों के साथ बलात्कार हुआ है और मर्जी के खिलाफ मृतक लड़कियों की लाशें जला दी गईं।

 

उदित राज के ट्विट पर उन्नाव पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने प्रेस रिलीज में कहा है कि असोहा थाना अंतर्गत बबुरहा में हुई घटना में उदित राज ने भ्रामक, गलत और साक्ष्यों की उपेक्षा करके आक्रोश फैलाने वाली पोस्ट की है। ‘मृतकों के साथ बलात्कार होने और उनकी लाशें बिना मर्जी के जलाने’ वाली बात झूठी अफवाह है। उन्नाव पुलिस ने कहा कि जनमानस को भड़काने के लिए इस तरह का बयान दिया गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दोनों लड़कियों के साथ किसी भी प्रकार के बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है। सच्चाई ये है कि शवों को जलाया भी नहीं गया है, उन्हें दफनाया गया है। ये काम पुलिस ने नहीं, परिजनों ने ही किया है। पुलिस ने कहा कि ये सब बिना किसी दबाव के स्वेच्छापूर्ण तरीके से किया गया।

 

सोशल मीडिया में इस घटना को बलात्कार और जातिगत एंगल से जोड़ने पर स्वतंत्र पत्रकार और
फिल्म डोक्युमेंट्री फिल्ममेकर दीपिका नारायण भारद्वाज ने भी ट्विट किया है।

No Rape in #Unnao_Ki_Beti case

No Caste conflict in the case

It's a crime by a scorned lover (ghastly regardless) who wanted to hurt only one girl because she rejected him but ended up killing two & third one in life threatening situation

I hope cry for Justice still continues

— Deepika Narayan Bhardwaj (@DeepikaBhardwaj) February 19, 2021

उन्नाव घटना की क्या है सच्चाई?

असोहा थाने के बबुरहा गांव में 17 फरवरी की शाम खेतों में घास लेने गईं तीन दलित लड़कियों के एक खेत में संदिग्‍ध अवस्‍था में बेसुध पाए जाने के बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था। डॉक्टरों ने दो लड़कियों को मृत घोषित कर दिया था जबकि एक लड़की को गंभीर हालत में उन्‍नाव अस्‍पताल ले जाया गया और बाद में कानपुर रेफर कर दिया गया। शुक्रवार को शुक्रवार देर शाम आईजी लक्ष्मी सिंह ने मामले का खुलासा करते हुए कहा था कि विनय नाम के एक युवक ने प्रेम प्रसंग के चलते एक लड़की को कीटनाशक दिया था जिसे बाकी दोनों लड़कियों ने भी पी लिया था। प्रेम के प्रस्ताव पर इनकार की खुन्नस के चलते आरोपी ने एक नाबालिग साथी की मदद से खेत में पहले तीनों को नमकीन खिलाया फिर जहरीला पानी पिला दिया।


हालाँकि खुलासे के वक्त जिस शख्स को नाबालिग बताया गया, बाद में वो बालिग़ निकला है। पुलिस को उसका आधार कार्ड मिला जिसमे उसकी उम्र 19 वर्ष है, आरोपी का नाम सचिन है। जिसके बाद दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दोनों आरोपी भी अनुसूचित जाति के हैं जिससे यह भी स्पष्ट हो जाता है कि घटना में किसी तरह का जातिगत एंगल भी नहीं है।

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