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24 Dec 2024, Tue

हाथरस प्रकरण: मेडिकल रिपोर्ट के बाद FSL रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि नहीं, आखिर इसमें कितनी सच्चाई है?

 

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में कथित तौर पर सामूहिक गैंगरेप का शिकार 22 वर्षीय युवती ने दिल्ली में दम तोड़ दिया। अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती युवती को हालत गंभीर होने के बाद सोमवार को ही दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया था। युवती की मौत की खबर से पूरे हाथरस सहित देश के अलग अलग हिस्सों में लोग अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। 
 
वहीं इस मामले में युवती की मेडिकल रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि नही हुई। मेडिकल रिपोर्ट के बाद विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की रिपोर्ट भी सामने आ गई है जिसमे रेप की पुष्टि नहीं हुई है। एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा, ‘युवती की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले की चोट और उसके कारण हुए ट्रॉमा को मौत का कारण बताया गया है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट भी प्राप्त हो गई है। इसमें स्पष्ट रूप से बताया गया है कि जो सैंपल इकट्ठे किए गए थे, उसमें किसी तरह का स्पर्म या शुक्राणु नहीं पाया गया है।’
 
पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कॉपी

 

प्रशांत कुमार ने आगे कहा, ‘इससे स्पष्ट होता है कि कुछ लोगों के द्वारा प्रदेश में गलत तरीके से जातीय तनाव पैदा करने के लिए इस तरह की चीजें कराई गईं। पुलिस ने शुरू से इसमें त्वरित कार्रवाई की है। अब हम आगे की विधिक कार्रवाई करेंगे। ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी जो प्रदेश में सामाजिक सद्भाव बिगाड़ना चाहते थे और जातीय हिंसा को भड़काना चाहते थे।’

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क्या है मामला?
 
हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के गाँव से 14 सितम्बर को एक युवती की शिकायत का मामला सामने आया था। इस शिकायत से जुड़े अलग अलग चार वीडियो में परिवार ने अपनी बात कही है। 
 
वीडियो नंबर एक 
 
यह वीडियो 14 सितंबर को युवती के साथ जानलेवा हमले के तुरंत बाद बाद का है। पीड़िता ने वीडियो में बताया कि संदीप ने जबर्दस्ती करने की कोशिश की जब मना किया तो उसने हाथों से गला दबा दिया। पीडिता कहती है कि पापा मेरे सीधे-सादे हैं, यह मेरा रोज(खेत में मजदूरी) का काम है। इस वीडियो में पीड़िता की माँ भी बता रही है कि लड़की के पास में थी।
 
 
वीडियो नम्बर दो 
 
यह वीडियो भी 14 सितंबर का है जब लड़की को अस्पताल ले जाया गया था युवती के साथ जानलेवा हमले के तुरंत बाद बाद का है। पीड़िता ने वीडियो में बताया कि वो घास छीलने गयी थी, संदीप ने जबर्दस्ती करने की कोशिश की जब मना किया तो गला दबा दिया। पीडिता ने यह भी बताया कि आरोपी लड़के पक्ष से उनकी रंजिश चल रही है।
 
वीडियो नंबर तीन
 
इस वीडियो में पीड़िता की मां घटना के बारें बता रही हैं, वीडियो 14 सितम्बर का है। मां बोल रही है कि गांव में मामूली बात पर विवाद हुआ था। बेटी घास लेने गयी थीं, वहीं मारपीट हो गयी। संदीप ने पीछे से आकर बाल खींचे और गला दबाया दिया। माँ ने कहा कि हमले में केवल एक ही लड़का था, जिसका नाम संदीप और पिता का नाम गुड्डू है। पीडिता की माँ ने यह भी बताया उनकी आरोपी पक्ष से रंजिश चल रही है।
 
 
वीडियो नम्बर चार
 
यह वीडियो भी 14 सितम्बर का है, अस्पताल पहुँचने पहले कोतवाली में लड़की की माँ ने बयान दिया है। इस वीडियो में लड़की की बयान देते हुए कहती है कि हम दोनों घास काट रहे थे, हम दोनों आगे पीछे साथ थे। लड़के का नाम संदीप है।
 
 
वीडियो नम्बर पाँच
 
यह वीडियो 22 सितम्बर का मेडिकल कॉलेज का है। इसमें पीड़िता के ऑक्सीजन लगी दिख रही है। पीड़िता कह रही है कि जिस दिन उसको चोट लगी थी उस दिन उसका बलात्कार हुआ था, उसकी मम्मी को देखकर लोग भाग गए थे।
 
 
इन वीडियो से स्पष्ट है कि पीडिता ने 14 सितम्बर को संदीप पर जबर्दस्ती की कोशिश और जानलेवा हमले का आरोप लगाया था वहीं 22 सितम्बर को उसने चार युवकों पर सामूहिक बलात्कार करने का आरोप लगाया। पीड़िता ने अपने सबसे पहले बयान में सिर्फ़ एक युवक का ही नाम लिया था, उसके बाद तीन अन्य लड़को का नाम भी शिकायत में जोड़ा। इससे पहले पीडिता ने 19 सितम्बर को चारों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया।
 
लड़की द्वारा बयान बदलने के सवाल पर उसकी माँ कहती हैं, “जब हम उसे बाजरा में से निकाल के ले गए, वो पूरी तरह बेहोशी की हालत में थी, तब उसने एक का ही नाम बताया था फिर एक घंटे बाद बेहोश हो गई। चार दिन बाद सुध आई तो पूरी बात बताई कि चार लड़के थे।” लेकिन बयान बदलने को लेकर पीड़िता की माँ उसके होश में आने के 22 सितम्बर के जिस वीडियो का हवाला दे रही हैं उस वीडियो में तो लड़की की हालत और ज्यादा गंभीर नजर आ रही है, उसके चेहरे पर ऑक्सीजन मास्क लगा हुआ है। 
 
जबकि 14 सितम्बर के दो वीडियो पर नजर डाली जाए तो पीड़िता होश में थी, इन दोनों
वीडियो में उसने संदीप पर जबर्दस्ती की कोशिश और गला दबाने का आरोप लगाया
है। वीडियो में यह भी स्पष्ट है कि घटना माँ के सामने ही हुई है, माँ ने भी दो वीडियो में लड़की की बात को दोहराया है। साथ ही लड़की के भाई ने 14 सितम्बर को पुलिस को हस्तलिखित शिकायत दी थी, इस शिकायत में लड़की के भाई द्वारा बलात्कार या सामूहिक बलात्कार का जिक्र नहीं है।
 
पीडिता के भाई की शिकायत

 

शिकायत में भाई ने कहा है कि उसकी बहन अपनी माँ से कुछ ही दूर घास काट रही थी। भाई ने कहा कि संदीप ने जान से मारने की नियत से उसकी बहन का गला दबाया, जब वो चिल्लाई तो माँ ने आवाज दी जिसके बाद संदीप भाग गया। घटना के अगले दिन 15 सितम्बर को दैनिक अखबार हिंदुस्तान और अमर उजाला में इस प्रकरण की खबर प्रकाशित हुई थी। इस खबर में भी बलात्कार या गैंगरेप जैसी कोई बात सामने नहीं आती, साथ ही हत्या की कोशिश का आरोप एक ही युवक पर है।
 
दैनिक अखबार हिंदुस्तान

 

अमर उजाला

 

पीड़िता के गांव के रामकुमार कहते हैं कि मामले में राजनीति हो रही है, क्योंकि पहले लड़की ने एक लड़के को ही आरोपी बनाया। बाद में जब राजनीति शुरू हुई तो 4 दिन बाद तीन अन्य लोगों का नाम जोड़ दिया गया। गांव में दलित बनाम ठाकुर के नाम पर राजनीति चल रही है।
 
क्या पुलिस ने मामले में लापरवाही की?
 
इस मामले में पुलिस पर लापरवाही का आरोप भी है। पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर के मुताबिक, “14 सितंबर को सुबह लगभग साढ़े नौ बजे पीड़िता अपनी माँ और भाई के साथ थाने आईं थीं। पीड़िता के भाई ने पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि मुख्य अभियुक्त ने हत्या की मंशा से उसका गला दबाया है। साढ़े नौ बजे मिली इस सूचना पर हमने साढ़े दस बजे एफ़आईआर कर ली थी।” 
 
14 सितंबर को हुए इस कथित गैंगरेप के मामले में पुलिस ने एफ़आईआर की धाराओं को चार बार बदला है। सबसे पहले पुलिस ने लड़की के बयान के मुताबिक ही 14 सितम्बर को हत्या की कोशिश 307 और एससीएसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। इसके बाद पीडिता ने 19 सितम्बर को छेड़छाड़ की बात कही तो धारा 354 जोड़ी गयी इसेक बाद पीड़िता ने 22 सितम्बर सामूहिक बलात्कार की बात कही तो पुलिस ने 354 की बजाए सामूहिक बलात्कार की धारा 376D लगा दी। वहीं दिल्ली के अस्पताल में 29 सितंबर को पीड़िता की मौत के बाद पुलिस ने हत्या की धाराएँ भी जोड़ ली और धारा 307 को 302 में तरमीम कर दिया गया।
 

SPHts @vikrant_ips के निर्देशन मे थाना चन्दपा पुलिस द्वारा मु0अ0सं0 136/2020 धारा 307 ipc व 3(2)5 sc/st act के सम्बन्धित अभियुक्त सन्दीप पुत्र गुड्डू निवासी बूलगढ़ी थाना चन्दपा जनपद हाथरस को गिरफ्तार किया गया ।@Uppolice @dgpup @igrangealigarh @News18UP pic.twitter.com/5IxdG8ITtO

— HATHRAS POLICE (@hathraspolice) September 20, 2020

थाना चंदपा पुलिस द्वारा मु0अ0सं0 136/20 धारा 307/376D IPC, व 3(2)5 Sc/St. Act से सम्बन्धित अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया ।@dgpup @Uppolice @adgzoneagra @igrangealigarh @vikrant_ips @ANINewsUP @bstvlive @News18UP pic.twitter.com/pfOjSHeWN9

— HATHRAS POLICE (@hathraspolice) September 23, 2020

थाना चन्दपा पुलिस एवं SOG टीम की संयुक्त कार्यवाही द्वारा मु0अ0सं0 136/20 धारा 307/376डी भादवि, 3(2)5 Sc/St. Act में प्रकाश में आये वांछित शातिर अभियुक्त रवि पुत्र अतर सिंह निवासी बूलगढ़ी थाना चन्दपा जनपद हाथरस को गिरफ्तार किया गया I@dgpup @Uppolice @adgzoneagra @igrangealigarh pic.twitter.com/hz7YOcV70N

— HATHRAS POLICE (@hathraspolice) September 25, 2020

थाना चन्दपा पुलिस टीम एवं SOG टीम की संयुक्त कार्यवाही द्वारा मु0अ0सं0 136/20 धारा 307/376डी भादवि, 3(2)v Sc/St. Act में प्रकाश में आये अंतिम वाँछित अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया @dgpup @Uppolice @adgzoneagra @igrangealigarh @bstvlive @ANINewsUP @News18UP @JagranNews pic.twitter.com/yvg0zh5fiO

— HATHRAS POLICE (@hathraspolice) September 26, 2020

हाथरस पुलिस ने संदीप को 20 सितम्बर को गिरफ्तार किया वहीं लवकुश को 23 सितम्बर, रवि को 25 सितम्बर और रामकुमार को 26 सितम्बर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। हाथरस पुलिस के ट्विटर अकाउंट पर आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना मौजूद है। घटना वाले दिन 14 सितम्बर की शिकायत में केवल संदीप का नाम था जिसे पुलिस ने गिरफ्तार करने में 5 दिन का वक्त लिया वहीं 22 सितम्बर गैंगरेप की शिकायत के बाद 5 दिन में अंदर लवकुश, रवि, रामकुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। हाथरस पुलिस का ट्विट बताता है कि 22 सितम्बर को सामूहिक गैंगरेप की शिकायत के बाद 26 सितम्बर तक चारों आरोपी गिरफ्तार हो चुके थे।
 
आरोपितों का प्रोफाइल
 
इस मामले में पहला आरोपी संदीप है। संदीप ने इसी वर्ष 12वीं की परीक्षा दी थी, लेकिन फेल हो गया। 19 वर्षीय संदीप ने कुछ महीने दिल्ली में कोरियर कंपनी में काम भी किया था। लेकिन खर्च अधिक होने के कारण एक महीने पहले घर लौट आया था। दूसरा आरोपी 19 वर्षीय लवकुश गांव में रहता है। अविवाहित है और आठवीं तक ही पढ़ाई की है। परिवार के काम में हाथ बंटाता था। पिता रामवीर सिंह मेहनत मजदूरी करते हैं। तीसरा आरोपी 28 वर्षीय रवि है। उसके तीन बच्चे हैं। एक बेटा व दो बेटियां हैं। कोल्ड स्टोर पर मजदूरी करता था। 10वीं पास है। रोज 300-400 रुपये कमाता था। आखिरी आरोपी रामकुमार है। 25 वर्षीय रामकुमार उर्फ रामू पुत्र राकेश ने 12वीं की पढ़ाई की है। उसकी शादी हो चुकी है। एक बेटा और एक बेटी है। वह चंदपा में मिल्क प्लांट में काम करता था। 300 रुपये रोज मजदूरी मिलती थी।
रामकुमार के पिता राकेश कहते हैं कि लड़की के परिवार से 19 साल पहले विवाद रह चुका है। इस घटना में आरोपित चार लड़को में से तीन एक ही परिवार के हैं, पुराने विवाद में परिवार से दो लोग जेल भी गए थे। लड़की ने पहले दिन केवल संदीप का नाम लिया था लेकिन बाद में उनके बेटे को भी इस मामले में घसीट लिया गया। उनका बेटा 14 सितम्बर को आगरा रोड स्थित दूध के प्लांट पर था, वहां के रजिस्टर में उसकी मौजूदगी भी दर्ज है। उसके बावजूद भी उन्हें फंसाया जा रहा है।

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